मापन शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शिक्षकों को छात्रों की प्रगति का आकलन करने और शिक्षण को बेहतर बनाने में मदद करता है।
शिक्षा एवं मनोविज्ञान में मापन के विभिन्न प्रकार के कार्य हैं। यह एक कक्षा शिक्षक के लिए अपनी कक्षा में कमजोर और होशियार छात्रों की पहचान करने में सहायक हो सकता है।
यह विद्यालय में अभ्यर्थियों को अंक देने, उनके वर्गीकरण और उन्नति में, शिक्षक की शिक्षण क्षमता तय करने में या शिक्षा पर व्यय निर्धारित करने में सहायक हो सकता है।
यह परीक्षण किसी शैक्षिक प्राधिकारी की देखरेख में चलाए जा रहे कार्यक्रम की प्रगति की निगरानी या मूल्यांकन करने में भी उपयोगी है। यदि परीक्षणों को डिज़ाइन करते समय शैक्षिक उद्देश्यों को ठीक से ध्यान में रखा जाता है, तो वे पाठ्यक्रम विकास में भी उपयोगी होते हैं। यह परीक्षण किसी औद्योगिक मनोवैज्ञानिक के लिए किसी कर्मचारी को सही काम सौंपने में भी सहायक हो सकता है। माप के प्राथमिक कार्य इस प्रकार हैं-
चयन में (In Selection): चयन प्रक्रिया में मापन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह व्यक्तियों की क्षमताओं, योग्यताओं, और दक्षताओं को मापने का कार्य करता है। यह सहायक होता है ताकि संगठन या उद्योग में सही लोगों का चयन किया जा सके, जिससे कार्यक्षमता और संगठन की वृद्धि हो।
वर्गीकरण (Classification): मापन वर्गीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से विभिन्न वर्गों में व्यक्तियों या समाचार को वर्गीकृत किया जाता है, जिससे योजना और नीतियों को समायोजित करने में सहायक होता है।
तुलना में (Comparison): यहाँ मापन का उपयोग व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना में किया जाता है। इससे हमें व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच की अंतर को समझने में मदद मिलती है और इससे विभिन्न निर्णय लिये जा सकते हैं।
निर्देशन और परामर्श (Guidance and Counselling): मापन व्यक्तियों को उनकी योग्यताओं और कमजोरियों का पता लगाने में मदद करता है, जो कि उन्हें सही निर्णय लेने में सहायक होता है। यह उन्हें उनके करियर और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
कक्षा में शिक्षण को सुधारना (Improving Classroom Instruction): यहाँ मापन का उपयोग शिक्षकों को उनके शिक्षण प्रक्रिया को समझने और सुधारने में मदद करता है। इससे उन्हें विद्यार्थियों के शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सहायता मिलती है।
शोध (Research): मापन शोध के लिए महत्वपूर्ण धारणा और नई जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। यह शोध के निर्देशक और प्रयोगी होता है और उसे सही दिशा में ले जाने में मदद करता है।
निदान (Diagnosis): शैक्षिक निदान में मापन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर और क्षमताओं का मूल्यांकन करता है और उन्हें आवश्यक समर्थन प्रदान करने में मदद करता है।
इन सभी प्रक्रियाओं में मापन का प्रयोग करने से हमें व्यक्तियों और प्रक्रियाओं के बारे में समझ में आता है और हम उन्हें सुधारने के लिए उपाय ढूंढ सकते हैं।