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नृत्य कला | Art of Dancing

Published by: Ravi Kumar
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नृत्य कला

नृत्य कला का एक रूप है जिसमें शरीर की गति, भाव और संगीत का उपयोग करके भावनाओं और विचारों को व्यक्त किया जाता है। यह एक बहुमुखी कला रूप है जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि धार्मिक अनुष्ठानों, मनोरंजन के लिए, या बस सौंदर्य के लिए।

नृत्य की उत्पत्ति

नृत्य की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुई थी। प्राचीन मिस्र, ग्रीस और रोम में नृत्य का विकास हुआ था। इन संस्कृतियों में नृत्य का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, सजावट और मृत्यु के बाद जीवन के प्रतीक के रूप में किया जाता था।

मध्य युग में नृत्य का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा। इस अवधि में नृत्य का उपयोग चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों को सजाने के लिए किया जाता था।

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पुनर्जागरण के दौरान नृत्य में एक पुनर्जागरण हुआ। इस अवधि में नृत्य का उपयोग मानव शरीर की सुंदरता और परिपूर्णता को दर्शाने के लिए किया जाता था।

19वीं शताब्दी में नृत्य में एक नई शैली का उदय हुआ, जिसे आधुनिकतावाद कहा जाता है। इस शैली में नृत्य का उपयोग नई तकनीकों और सामग्री का उपयोग करके नई अभिव्यक्तियों को बनाने के लिए किया जाता था।

20वीं शताब्दी में नृत्य में कई नई शैलियों का विकास हुआ। इन शैलियों में अभिव्यक्तिवाद, अमूर्तन और अवंत-गार्डे शामिल हैं। इन शैलियों में नृत्य का उपयोग नए विचारों और अवधारणाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता था।

आज, नृत्य एक जीवंत और बहुमुखी कला रूप है। नर्तक विभिन्न प्रकार की सामग्री और तकनीकों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार की रचनाएं बनाते हैं। नृत्य का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि धार्मिक अनुष्ठानों, मनोरंजन के लिए, या बस सौंदर्य के लिए।

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नृत्य की कुछ प्रमुख शैलियाँ निम्नलिखित हैं:

  • प्राचीन नृत्य: प्राचीन मिस्र, ग्रीस और रोम में विकसित हुई नृत्य।
  • मध्ययुगीन नृत्य: ईसाई धर्म के उदय के साथ विकसित हुई नृत्य।
  • पुनर्जागरण नृत्य: 14वीं से 16वीं शताब्दी तक विकसित हुई नृत्य।
  • आधुनिक नृत्य: 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से विकसित हुई नृत्य।
  • अभिव्यक्तिवादी नृत्य: 20वीं शताब्दी की शुरुआत में विकसित हुई नृत्य, जो मानव भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने पर केंद्रित थी।
  • अमूर्त नृत्य: 20वीं शताब्दी की शुरुआत में विकसित हुई नृत्य, जो ठोस आकृतियों और रूपों से बचती थी।
  • अवंत-गार्डे नृत्य: 20वीं शताब्दी की शुरुआत में विकसित हुई नृत्य, जो परंपरागत नृत्य की सीमाओं को तोड़ने पर केंद्रित थी।

नृत्य के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • शास्त्रीय नृत्य: एक पारंपरिक नृत्य शैली जो एक संस्कृति या समुदाय के लिए विशिष्ट है।
  • लोक नृत्य: एक नृत्य शैली जो आम लोगों द्वारा लोकप्रिय है।
  • नृत्य थिएटर: एक नृत्य शैली जो संगीत, अभिनय और कला के अन्य रूपों को शामिल करती है।
  • स्ट्रीट डांस: एक नृत्य शैली जो आम तौर पर शहरी परिवेश में विकसित होती है।
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नृत्य एक महत्वपूर्ण और बहुमुखी कला रूप है। यह मानव इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नृत्य का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि धार्मिक अनुष्ठानों, मनोरंजन के लिए, या बस सौंदर्य के लिए।

नृत्य के कुछ महत्वपूर्ण तत्व निम्नलिखित हैं:

  • शरीर की गति: नृत्य में शरीर की गति का उपयोग भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
  • भाव: नृत्य में भाव का उपयोग भावनाओं और विचारों को व्यक्त
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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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