वैश्वीकरण से लाभ

- वैश्वीकरण के द्वारा भारत जैसे विकासशील देश में प्रत्यज्ञ विदेशी निवेश संभव होने से उनके पूँजी की समस्या कम होती जा रही हैं तथा ऋणग्रस्तता भी नहीं बढ़ रही है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ तकनीकी का हस्तान्तरण होता है जिससे भारत में उत्पादन क्षमता एवं संवृद्धि दर पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है।
- वैश्वीकरण के कारण भारत जैसे विकासशील देश में उत्पादों हेतु बाजार की उपलब्धता बढ़ने के साथ अच्छी कीमत वाली उपभोग की वस्तुएँ इन्हें कम कीमत पर उपलब्ध है।
- वैश्वीकरण प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है, जिससे घरेलू उद्योग में कार्यकुशलता भी बढ़ती है।
- वैश्वीकरण से उत्पादन लागत में कमी होती है जिससे वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमत में कमी होती है अतः इस प्रक्रिया का सबसे अधिक लाभ उपभोक्ता वर्ग को हो रहा है। 6. वैश्वीकरण की प्रक्रिया में प्रतिबन्धों की समाहित सुनिश्चित होती है जिससे एकाधिकारात्मक प्रवृत्ति हतोत्साहित होती है।
- वैश्वीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप भारत जैसे विकासशील देश में गरीबी में गिरावट आई है। एशियन विकास बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गरीबी 1977-78 में 51% से घटकर वर्ष 1999- 2000 में 26% हो गई थी व इसमें अभी गिरावट जारी है।
- वैश्वीकरण की प्रक्रिया द्वारा विश्व नागरिकता की भावना का विकास होता है जिसके अनुसार प्रत्येक राष्ट्र सभी राष्ट्रों के नागरिकों का ध्यान रखकर नीतियों का निर्धारण करता है।
- वैश्वीकरण द्वारा ही ज्ञान का सर्वव्यापीकरण (Omnipresence of Knowledge) सम्भव हुआ है जिस कारण एक देश में होने वाले आविष्कार केवल उसी देश की सम्पत्ति मात्रा नहीं रहते बल्कि
- वे सम्पूर्ण विश्व धरोहर बन जाते हैं। इससे दोनों देशों के बीच का अन्तर समाप्त हो जाता है।
- वैश्वीकरण के कारण ही विश्वस्तरीय समस्याओं का समाधान जिनमें शान्ति सुरक्षा, गरीबी, अशिक्षा व बेरोजगारी आदि प्रमुख हैं, भी सम्भव हुआ है। अतः वैश्वीकरण ऐसा माध्यम है जो सभी राष्ट्रों को परस्पर बाँधता है जिससे वे सभी अपनी समस्याओं का समाधान मिलकर कर सकें।
- वैश्वीकरण आर्थिक विकास में भी सहायक है। कोई भी राष्ट्र पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन सकता है। उसे किसी न किसी वस्तु के लिए अन्य राष्ट्रों पर आश्रित होना ही पड़ता है और आर्थिक विकास करने के लिए राष्ट्र एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।
- वैश्वीकरण के कारण द्रुततर संप्रेषण यात्रा तथा सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को एक वैश्विक ग्राम का रूप दे दिया है। संसार में घटित हो रही घटनाओं, बढ़ रही ज्ञान क्षेत्रों की जानकारी हम अपने कमरे में बैठकर कर सकते हैं। 13. वैश्वीकरण के कारण विभिन्न देशों के लोगों के बीच विचार विनिमय को गति मिल रही है जिसमें हमारी सोच एवं व्यवहार में व्यापक बदलाव हुआ है।
- वैश्वीकरण ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए राष्ट्रीय सीमाओं को खोल दिया है, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया है। इनमें मानव विकास की अपार सम्भावनाएँ उभरकर आई है, नये अवसर दिये जा रहे हैं।
- वैश्वीकरण के कारण अच्छी वस्तुएँ बाजार में आने से एक क्षेत्र की वस्तुओं में विविधता आ रही है, जिनके पास इनको खरीदने की क्षमता है. उनको ज्यादा सुविधा मिल रही है।
वैश्वीकरण से शिक्षा के क्षेत्र में लाभ (ADVANTAGES OF GLOBALISATION EDUCATION FIELD)
- वैश्वीकरण की प्रक्रिया द्वारा विश्व नागरिकता की भावना का विकास होता है जिसके अनुसार प्रत्येक राष्ट्र सभी राष्ट्रों के नागरिकों का ध्यान रखकर नीतियों का निर्धारण करता है।
- वैश्वीकरण के कारण आज शिक्षा के क्षेत्र में भी एक क्रान्ति आई है, जिसके कारण नई-नई शैक्षिक तकनीकियों का शिक्षा में समावेश किया जा रहा है जहाँ पहले शिक्षा केवल व्याख्यान विधि. निश्चित पाठ्यक्रम के आधार पर दी जाती थी, आज वहीं पर यह शिक्षा प्रोजेक्ट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के आधार पर प्रश्नोत्तर विधि, प्रदर्शन विधि आदि के आधार पर दी जाने लगी है। जिसकी आज शिक्षा में निर्मितवाद (Constructivism), अभिसंज्ञानवाद आदि नये सम्प्रत्ययनुसार रहे हैं।