विज्ञान की विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा हम जो भी सूचना या विचार प्राप्त करते हैं, वह हमारे ज्ञान का ढांचा तैयार करती है। इसे विज्ञान का उत्पाद कहते हैं। प्रत्येक समस्या का समाधान किसी नई समस्या की खोज की ओर ले जाता है और यह चक्र चलता रहता है और इसका परिणाम ज्ञान को इकट्ठा करना है। तथ्य, संकल्पना, नियम और सिद्धांत ज्ञान के मूलभूत अंग हैं।
i. तथ्य- तथ्य (यथार्थता ) विशिष्ट प्रमाणित करने योग्य, सूचना का एक भाग है, जो प्रेक्षण और मापन द्वारा प्राप्त होता है। वे समय और स्थान के संदर्भ से प्रमाणित हैं। उदाहरण के लिए “10 विद्यार्थियों द्वारा 1 जनवरी 2017 को सुबह 10:00 बजे कक्षा में उपस्थिति दी गई।” कुछ यथार्थ कथनों में समय और स्थान को बताने की आवश्यकता नहीं होती। उदाहरण के लिए लोहा एक भूरे रंग की कठोर धातु है। कुछ यथार्थ कथन विशिष्ट हैं, जैसे जल 760 mm दबाव में 100°C तापमान पर उबलता है । जल एक द्रव है, ठोस पदार्थों का एक निश्चित आकार और आयतन होता है, पक्षी उड़ते हैं यह यथार्थ है।
ii. संकल्पनाएँ – संकल्पनाएँ अमूर्त विचार हैं, जो तथ्यों या विशिष्ट अनुभवों के सामान्य अनुमान से संबंधित हैं। संकल्पनाएँ एकाकी विचारधाराएँ हैं, जो अकेले शब्दों द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं। जैसे किताब, फूल, वफादारी, लोकतंत्र, विद्यार्थी आदि। ब्रूनर के अनुसार प्रत्येक संप्रत्यय के 05 तत्व हैं जैसे नाम, उदाहरण (निश्चित, निषेधात्मक) विशेषताएँ, विशेषताओं का मूल्य और नियम (परिभाषा)।
iii. नियम – नियम विभिन्न जटिल संकल्पनाओं की जटिल विचारधाराएँ हैं। यह वे नियम हैं, जिन पर क्रियाओं या वस्तुओं का व्यवहार आधारित है, पाउली का निषेध नियम, आफबाऊ के नियम, हुंड का नियम इत्यादि।
iv. सिद्धांत – विस्तृत रुप से संबंधित नियम जो घटना का विवरण प्रदान करते हैं, सिद्धांत या नियम कहलाते हैं। यह विवरण, भविष्यवाणी और विभिन्न तथ्यों तथा परिघटनाओं को व्यक्त करने में प्रयुक्त होते हैं। सिद्धांत विभिन्न वैज्ञानिकों ने वैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा सिद्ध किए हैं। यही सिद्धांत कुछ समय बाद नियम बन जाते हैं। विज्ञान के उत्पाद के विभिन्न अंगों के बीच संबंध निम्नलिखित आरेख में दिखाया गया है
तथ्य
संकल्पनाएँ
सिद्धान्त (नियम)
सिद्धांत (थ्योरी)
नियम