गीत | ||
क्र• सं• | गीत के नाम | लेखक के नाम |
4 | कते सुंदर छोटानागपुर | दीपक सवाल |
5 | हामर भारत महान | अम्बुज कुमार |
6 | मिली के रहिहा | प्रदीप कुमार दीपक |
7 | साँझे हाँस झींगा फूल | महेन्द्र नाथ गोस्वामी |
कते सुंदर छोटानागपुर
दीपक सवाल, खैराचातर, बोकारो
ओ दादा रे कते सुन्दर छोटानागपुर-2
छोइड़ के तोंय जाहें काहे दूर,
ओ दादा रे-2 कते सुन्दर छोटानागपुर….
हियाँ कर बोली भासा, सुनी के माते हावा
बहिन सब झूमे लागथ जखन आवे दुसू-जावा
गीत गावथ सोधे सुरे-सुर ओ दादा रे-2
कते सुंदर छोटानापुर …..
ओ दादा रे…..।।
हियाँ कर बोना-झारें, नाना रकम फूल-फल
एक डारी सुगा मइना एक डारी कूके-कोयल
जोहाइर करे हियाँक माटी-घूर, ओ दादा रे-2
कते सुंदर छोटानापुर……
ओ दादा रे…..।।
हियाँ कर माटी लागे, चाँदी हीरा आर सोना
हिया हुलाइस उठे देखि के हियाँक बोना
झारखंड ई देसवा के रूर, ओ दादा रे 2
छोइड़ के तोय…….
ओ दादा रे….!
हामर भारत महान रे
अंबुज कुमार (अंबुज), बाराडीह, बोकारो
सभ्यताक किरन फुइटके जहाँ
पहिले भेलइ बिहान रे-हाइरे…..
दुनियाँक गुरु रूपें जानाइल
पहिले भेलइ बिहान रे-हाइरे…..
दुनियाँक गुरु रूपें जानाइल
दुनियाँक गुरु रूपें जानाइल
हामर भारत महान रे
हामर हिंदुस्तान रे ।।
हामर भारत महान रे
हामर हिंदुस्तान रे ।।
गीतम-गांधी हामर पुरखा
दुनियाइँ पड़ला सम्मान रे-हाइरे…..
मानुसेक डहरे खातिर
दुनियाइँ पड़ला सम्मान रे-हाइरे…..
मानुसेक डहरे खातिर
सबके करला आहान रे ।।
आजाद-सुभास भगत- बिरसा
देसेक खातिर देला जान रे, हाइरे…
नेहरू- अंबेदकर लड़के अइला
देसे नावाँ बिहान रे ।।
नेहरू- अंबेदकर लड़के अइला
देसे नावाँ बिहान रे ।।
बीर नारी लक्ष्मीबाई
अरूणा इंदिरा महान रे, हाइरे…
अरूणा इंदिरा महान रे, हाइरे…
कस्तूरबा कोयली-सरोजिनी
कतेक करिये बखान रे ।।
हामर माटी सोना झरे
हीरा मोतिक हियाँ खान रे, हाइरे….
हियाहारी हरियर धरती
हीरा मोतिक हियाँ खान रे, हाइरे….
हियाहारी हरियर धरती
देइख के चोकाइ जहान रे…
अइसन देसें जनम हामर
काहें नाई करों गुमान रे, हाइरे…..
तिरंगा नियर ऊँचा राखब
आपन स्वाभिमान रे ।।
काहें नाई करों गुमान रे, हाइरे…..
तिरंगा नियर ऊँचा राखब
आपन स्वाभिमान रे ।।
मिली के रहिहा
भारतवासी मिली के रहिहा रे…
भारतवासी मिली के रहिहा रे……..
काँधा जोरी सुख-दुख मिली के सहिहा रे….
भारतवासी मिली के रहिहा रे…।
काशमीरेक माटी आपन मुड़ें माखा चंदन रकम
कन्याकुमारिक पानी अंजुरी भइर खा तोयं कसम
धरम-जाति के नामें ना लड़िहा रे भारतवासी…..।
भारत माँय के रक्षा खातिर कते बीर शहीद भेला
रकतेक नदी डेंगी आजादी के चेय पइला
ई चेरेंय के बँचाय के राखिहा रे, भारतवासी……….।
भिनु-भिनु लुगा-फटा, भिनु भिनु भासा बोली
दिवाली, गुरु परब, ईद, क्रिसमस, फगुवा होली
कते फुले सोभो हइ बगिया रे, भारतवासी….।
देश केर आँगने सोमे परदेसेक टोना-टोना
रोजी-रोटी पेट खातिर माइड़ लिहा कोन्हो कोना
एक माँय केर कोरें तोंय बुझिहा रे, भारतवासी…।
साँझे हाँसइ झींगा फूल
गरजइ बदरवा, नाचइ मेंजुरवा, भादर मासें!
हाय रे, भादर मासें!
नदिया उमड़इ दुइयो कूल रे, भादर मासें।
साजइ अखरवा, बाजइ माँदरवा भादर मासें!
हाय रे, भादर मासें!
साँझे हाँसइ झींगा फूल रे! भादर मासें!
गाँथ-बइ फूलवा, खोंसबइ खोंपवात्र, भादर मासें!
हाय रे, भादर मासें!
रीझें हिया बेयाकुल रे, भादर मासें!
पिया परदेसवा, कुहकय करेजवा, भादर मासें!
हाय रे, भादर मार्से!
जीयें होवइ हुलुसथुल रे! भादर मार्से !
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