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दीपक सवाल खोरठा लेखक । कते सुंदर छोटानागपुर शिष्ट गीत (Sohan Lage Re Khortha Book) Jssc Khortha Notes

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कते सुंदर छोटानागपुर का हिंदी अर्थ – कितना सुंदर छोटानागपुर/झारखंड

गीतकार/रचनाकार/जोरवइया का नाम– दीपक सवाल (जयसवाल)

जन्म स्थान (गांव) – खैराचातर, जिला- बोकारो झारखंड

पेशा– पत्रकार

प्राप्त सम्मान – खोरठा रत्न

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यहां छोटानागपुर शब्द झारखंड राज्य के लिए प्रयुक्त हुआ है। झारखंड अलग राज्य के पूर्व झारखंड के लिए छोटानागपुर शब्द ही चलता था। अलग राज्य बनने के बाद झारखंड शब्द को संवैधानिक दर्जा मिला। इस गीत में झारखंड की खूबियों की प्रशंसा की गई है।

झारखंड के लोग रोजी रोटी – रोजगार के लिए दूसरे प्रांतों (राज्यों)में जाते हैं, जो की दुखद बात है क्योंकि झारखंड राज्य में रोजगार के असीम अवसर उपलब्ध है। यहां की धरती को रत्नगर्भा कहा जाता है। यहां की भाषा, संस्कृति बेजोड़ एवं अनूठी है। यहां की विभिन्न जाति-प्रजाति के लोग मिलजुल कर प्यार से रहते हैं, साथ में मिलकर एक साथ नाचते हैं, गाते हैं। यहां की धरती खान – खनिज से भरी हुई है। झारखंड में उद्योगों का जाल बिछा है। झारखंड राज्य भारत देश का रूर है। रूर जर्मनी का औद्योगिक क्षेत्र है अर्थात जो महत्व रुर का जर्मनी देश में है उसी प्रकार झारखंड राज्य का महत्व हमारा प्यारा भारत देश के लिए रखता है।

अतः गीत के अंश में हैं – हे भाई झारखंड के रोजी-रोजगार के अनंत अवसर हैं। फिर क्यों जाते हो दूर।

इस गीत की रचना गीतकार ने झारखंडी लोगों के रोजगार के सिलसिले में पलायन की समस्या से प्रेरित होकर की है और गीतकार का उद्देश्य लोगों के पलायन को रोकना है। और झारखंड राज्य में उपलब्ध असीम सुविधाओं का उपयोग कर रोजगार प्राप्त जीवन आपन करना है।

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