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शिक्षण की परिभाषा और विशेषताएं | Definition and Characteristics of Teaching

Published by: Ravi Kumar
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शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक, शिक्षार्थी और पाठ्य सामग्री के बीच एक उद्देश्यपूर्ण और योजनाबद्ध तरीके से संबंध स्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में शिक्षक शिक्षार्थियों को ज्ञान, कौशल और मूल्यों को सीखने में सहायता करता है।

शिक्षण एक जटिल प्रक्रिया है जिसकी कई परिभाषाएं दी गई हैं। विभिन्न शिक्षाविदों द्वारा दी गई शिक्षण की कुछ प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:

  • बेनजामिन ब्लूम के अनुसार, “शिक्षण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शिक्षक ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण को छात्रों तक पहुँचाते हैं।”
  • मैकगॉगल के अनुसार, “शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा शिक्षक छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें सीखने में मदद करते हैं।”
  • डगलस मैकग्रेगर के अनुसार, “शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक छात्रों को यह समझने में मदद करते हैं कि वे पहले से ही क्या जानते हैं, और फिर उन्हें नए ज्ञान और कौशल सीखने में मदद करते हैं।”
  • शिक्षण एक उद्देश्यपूर्ण और योजनाबद्ध प्रक्रिया है।
  • शिक्षण में शिक्षक, शिक्षार्थी और पाठ्य सामग्री के बीच एक संबंध स्थापित होता है।
  • शिक्षण का उद्देश्य शिक्षार्थियों को ज्ञान, कौशल और मूल्यों को सीखने में सहायता करना है।
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इन परिभाषाओं से पता चलता है कि शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जो शिक्षकों और छात्रों दोनों की भागीदारी की आवश्यकता होती है। शिक्षण का उद्देश्य छात्रों को ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण प्रदान करना है जो उन्हें अपने जीवन में सफल होने में मदद कर सकते हैं।

शिक्षण की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • उद्देश्यपूर्ण: शिक्षण का एक उद्देश्य होता है। शिक्षक इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए योजना बनाता है और कार्य करता है।
  • योजनाबद्ध: शिक्षण एक योजनाबद्ध प्रक्रिया है। शिक्षक पहले से ही यह निर्धारित करता है कि वह शिक्षार्थियों को क्या सिखाना चाहता है, कैसे सिखाना चाहता है और किस माध्यम से सिखाना चाहता है।
  • सक्रिय: शिक्षण एक सक्रिय प्रक्रिया है। इसमें शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों ही सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
  • प्रतिक्रियात्मक: शिक्षण एक प्रतिक्रियात्मक प्रक्रिया है। शिक्षक शिक्षार्थियों की प्रतिक्रिया के आधार पर अपनी शिक्षण विधियों में परिवर्तन करता है।
  • मूल्यांकनात्मक: शिक्षण एक मूल्यांकनात्मक प्रक्रिया है। शिक्षक शिक्षार्थियों की सीखने की प्रगति का मूल्यांकन करता है।
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शिक्षण की कुछ अन्य विशेषताएं भी हैं, जैसे कि:

  • व्यक्तिगत: शिक्षण एक व्यक्तिगत प्रक्रिया है। शिक्षक प्रत्येक शिक्षार्थी की व्यक्तिगत आवश्यकताओं और क्षमताओं को ध्यान में रखकर शिक्षण कार्य करता है।
  • सामाजिक: शिक्षण एक सामाजिक प्रक्रिया है। इसमें शिक्षार्थियों के बीच सहयोग और तालमेल होता है।
  • पर्यावरणीय: शिक्षण का माहौल महत्वपूर्ण होता है। एक अनुकूल माहौल में शिक्षण अधिक प्रभावी होता है।

शिक्षण एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें कई कारक शामिल होते हैं, जैसे कि शिक्षक, शिक्षार्थी, पाठ्य सामग्री, शिक्षण विधियाँ और मूल्यांकन। शिक्षण की सफलता इन कारकों पर निर्भर करती है।

शिक्षण की विशेषताएं

शिक्षण की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • शिक्षण एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है। शिक्षण का उद्देश्य छात्रों को ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण प्रदान करना है।
  • शिक्षण एक व्यवस्थित प्रक्रिया है। शिक्षण को एक योजना के अनुसार किया जाना चाहिए।
  • शिक्षण एक सहयोगी प्रक्रिया है। शिक्षण में शिक्षक और छात्र दोनों की भागीदारी की आवश्यकता होती है।
  • शिक्षण एक सतत प्रक्रिया है। शिक्षण एक बार में नहीं होता है, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है।
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शिक्षण के सिद्धांत

शिक्षण के कई सिद्धांत हैं जो शिक्षण प्रक्रिया को समझने और प्रभावी शिक्षण विधियों को विकसित करने में मदद करते हैं। कुछ प्रमुख शिक्षण सिद्धांतों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • व्यक्तिगत भिन्नता सिद्धांत यह सिद्धांत बताता है कि सभी छात्र अलग-अलग होते हैं और उन्हें अलग-अलग तरीकों से सिखाया जाना चाहिए।
  • ज्ञान निर्माण सिद्धांत यह सिद्धांत बताता है कि छात्र अपने ज्ञान का निर्माण अपने स्वयं के अनुभवों और व्याख्याओं के आधार पर करते हैं।
  • सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत यह सिद्धांत बताता है कि सीखना एक सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें छात्र अपने समुदायों और संस्कृतियों से सीखते हैं।

शिक्षण एक जटिल प्रक्रिया है जिसकी कई परिभाषाएं, विशेषताएं और सिद्धांत हैं। शिक्षण की अच्छी समझ शिक्षकों को प्रभावी शिक्षण विधियों को विकसित करने और छात्रों को सीखने में मदद करने में सक्षम बनाती है।

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