राष्ट्रपति भवन में मंगलवार 9 जनवरी को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए गए। इसमें 5 कोच को द्रोणाचार्य तो 26 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार दिया गया। 3 लोगों को लाइफ टाइम सम्मान से नवाजा गया।
सबसे पहले कोच को द्रोणाचार्य, फिर लाइफ टाइम और इसके बाद खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया। क्रिकेट वनडे वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले फास्ट बॉलर मोहम्मद शमी को अर्जुन पुरस्कार दिया गया। बैडमिंटन की स्टार जोड़ी सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी को मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। यह जोड़ी फिलहाल मलेशिया ओपन सुपर 1000 में खेल रही है, इसलिए सेरेमनी में शामिल नहीं हुई।
शमी ने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लिए अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने वाले 33 साल के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 में शानदार प्रदर्शन किया था। टूर्नामेंट में भारत फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारकर उपविजेता रहा। टूर्नामेंट के शुरुआती 4 मैच नहीं खेलने के बावजूद शमी 24 विकेट लेकर टॉप विकेट टेकर रहे।
सात्विक चिराग के लिए यह साल यादगार, 3 BWF टाइटल जीते
सात्विक-चिराग को मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। चिराग और सात्विक के लिए 2023 यादगार रहा। उन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता (एशियन गेम्स के बैडमिंटन इवेंट में भारत का पहला गोल्ड) और एशियन चैंपियनशिप का खिताब जीता। इस जोड़ी ने इंडोनेशिया सुपर 1000, कोरिया सुपर 500 और स्विस सुपर 300 के खिताब भी जीते।
सात्विक-चिराग वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडल विनर हैं और 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड जीतकर लौटे थे। दोनों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया, जो भारत में खेलों का सर्वोच्च सम्मान है।
खो-खो खिलाड़ी नसरीन को मिला अवॉर्ड, 25 साल में दूसरी बार
भारतीय विमेंस खो-खो टीम की कप्तान नसरीन शेख को भी अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया। नसरीन पिछले 25 सालों में अर्जुन अवॉर्ड पाने वाली दूसरी खो-खो खिलाड़ी बनी है। इससे पहले 2020 में सरिका काले सुधाकर ने यह अवॉर्ड जीता था। नसरीन का जन्म दिल्ली के शकूरपुर में हुआ था। उनके पिता, मोहम्मद गफूर, बर्तनों को पॉलिश करके बेचा करते थे। नसरीन ने भारतीय टीम की कप्तानी की और 2019 में टीम को साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड जिताया था।
लाइफ टाइम (ध्यानचंद अवॉर्ड)
कविता (कबड्डी), मंजूषा कंवर (बैडमिंटन) और विनीत कुमार शर्मा (हॉकी) को लाइफ टाइम (ध्यानचंद पुरस्कार) से नवाजा गया। इस पुरस्कार से उन खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है जो अपने प्रदर्शन से खेलों में विशेष योगदान दिए हैं। साथ ही जो रिटायरमेंट के बाद भी खेल आयोजन को बढ़ावा देने में अपना सहयोग जारी रखते हैं।
5 कोच को दिया गया द्रोणाचार्य
गणेश प्रभाकरन (मलखंब), महावीर सैनी (पैरा एथलेटिक्स), ललित कुमार (कुश्ती), आरबी रमेश (शतरंज) और शिवेंद्र सिंह (हॉकी) को कोचिंग का सबसे बड़ा सम्मान द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया गया।
तीन कोच को लाइफ टाइम अवॉर्ड दिया गया
गोल्फ कोच जसकीरत सिंह ग्रेवाल, भास्करन ई (कबड्डी, कोच) और जयन्त कुमार पुसीलाल (टेबल टेनिस, कोच) को लाइफ टाइम अवॉर्ड प्रदान किया गया।