Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / शिक्षण की परिभाषाएँ | Definitions of Teaching B.Ed Notes

शिक्षण की परिभाषाएँ | Definitions of Teaching B.Ed Notes

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

शिक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमें नये ज्ञान का आदान-प्रदान करती है और हमें समाज में सफलता की ओर ले जाती है। यह एक संवेदनशील और गहरी अनुभूति है जो हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। शिक्षण की परिभाषाएँ विभिन्न रूपों में प्रस्तुत की जा सकती हैं, और इस लेख में हम इन परिभाषाओं पर विचार करेंगे।

शिक्षण की परिभाषाएँ Definitions of Teaching B.Ed Notes - Sarkari DiARY

शिक्षण का मतलब

शिक्षण का मतलब है ज्ञान और अनुभव का संग्रह, जो हमें सोचने, समझने और कर्म करने की क्षमता प्रदान करता है। यह हमें नये विचारों और विज्ञान की प्रगति से अवगत कराता है। शिक्षण हमारे मस्तिष्क को विकसित करता है और हमें अपने आप को समाज में सफलता के लिए तैयार करता है।

शिक्षण के उद्देश्य

शिक्षण के उद्देश्य हमें न केवल ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं, बल्कि यह हमें समाज में अच्छे मानवीय गुणों का विकास करने में भी सहायता प्रदान करते हैं। शिक्षण के माध्यम से हम सामाजिक समरसता, स्वतंत्रता, और सामरिक भावनाओं को समझते हैं। इसके अलावा, शिक्षण हमें नैतिक मूल्यों की प्राप्ति कराता है और हमें एक उच्चतम जीवन गुणवत्ता की ओर ले जाता है।

Also Read:  विद्यालय उत्तरदायित्व की भूमिका | Role of school accountability B.Ed Notes

शिक्षण की परिभाषाएँ (Definitions of Teaching)

शिक्षा के अर्थ और स्वरूप को भली-भाँति समझने के लिए यह आवश्यक है कि उसकी कुछ परिभाषाओं का अवलोकन कर लिया जाए-

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

(1) योकम और सिम्पसन के शब्दों में – शिक्षण वह साधन है जिसके द्वारा समूह के अनुभवी सदस्य अपरिपक्व और लघु सदस्यों के जीवन के साथ समायोजन करने में मार्गदर्शन करते हैं।

यहाँ जीवन के साथ समायोजन को महत्व प्रदान किया गया है।

(2) क्लार्क के मतानुसार- विद्यार्थियों के व्यवहार में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया ही शिक्षण है।

यहाँ पर क्लार्क ने व्यवहार परिवर्तन को महत्व दिया है।

(3) ओयनिल स्मिथ ने एक स्थान पर कहा है- शिक्षण क्रियाओं का वह समूह है जो बालक को सीखने के लिए प्रेरित करता है।

(4) जॉन ब्रूबेकर के कथानानुसार- मार्ग में आने वाली बाधाओं पर विजय प्राप्त करके सीखने को प्रेरित करना

इस कथन में शिक्षण को मार्ग में आने वाली बाधाओं को पार करना बतलाया है।

Also Read:  भाषा नीतियाँ व किरत आयोग | Language Policies and Kirat Commission B.Ed Notes by SARKARI DIARY

(5) गेग के विचारानुसार- शिक्षण पारस्परिक प्रभावों का स्वरूप है इसका उद्देश्य है- अन्य व्यक्ति की व्यवहार क्षमताओं को परिवर्तित करना।

यहाँ कहा गया है कि जब अध्यापक और विद्यार्थी एक-दूसरे से सम्पर्क में आते हैं तो परस्पर एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं प्रभावित करने की यह प्रक्रिया उनकी व्यवहार क्षमता में परिवर्तन लाती है।

(6) एडमण्ड ऐमीडन का कथन है– शिक्षण को एक अन्तः क्रियात्मक प्रक्रिया कह सकते हैं ।

उपर्युक्त आधार पर कह सकते हैं कि शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो समाज में रहकर सम्पन्न होती है इसमें समाज के विभिन्न घटकों में परस्पर अन्तः क्रिया होती है। शिक्षा की इस प्रक्रिया को कई तत्व, यथा-संस्कृति, सामाजिक मूल्य, शिक्षा सम्बन्धी उद्देश्य और प्रशासन की नीतियाँ आदि प्रभावित करते हैं।

शिक्षण के प्रकार

शिक्षण कई प्रकार का हो सकता है, जैसे कि नैतिक शिक्षण, शारीरिक शिक्षण, व्यावसायिक शिक्षण, और वैज्ञानिक शिक्षण। नैतिक शिक्षण हमें अच्छे आचरण और नैतिक मूल्यों की प्राप्ति कराता है। शारीरिक शिक्षण हमें स्वस्थ और शक्तिशाली रहने की क्षमता प्रदान करता है। व्यावसायिक शिक्षण हमें व्यावसायिक कौशल और व्यापारिक ज्ञान की प्राप्ति कराता है। वैज्ञानिक शिक्षण हमें विज्ञान की दुनिया में गहराई से समझने की क्षमता प्रदान करता है।

Also Read:  समाज तथा समाजीकरण से क्या तात्पर्य है ? What do you mean by society and socialization? B.Ed Notes by Sarkari Diary

शिक्षण के अलावा, शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शन करते हैं और हमें अच्छे मानवीय गुणों का विकास करने में मदद करते हैं। वे हमें नये ज्ञान का संचार करते हैं और हमें समाज में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करते हैं।

निष्कर्ष

शिक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमें नये ज्ञान का आदान-प्रदान करती है और हमें समाज में सफलता की ओर ले जाती है। यह हमें सोचने, समझने और कर्म करने की क्षमता प्रदान करता है और हमें अपने आप को समाज में सफलता के लिए तैयार करता है। शिक्षण के उद्देश्य हमें न केवल ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं, बल्कि यह हमें समाज में अच्छे मानवीय गुणों का विकास करने में भी सहायता प्रदान करते हैं। शिक्षण के प्रकार नैतिक शिक्षण, शारीरिक शिक्षण, व्यावसायिक शिक्षण, और वैज्ञानिक शिक्षण हैं। शिक्षण के अलावा, शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शन करते हैं और हमें अच्छे मानवीय गुणों का विकास करने में मदद करते हैं।

Leave a comment