गुणवन्त शिक्षा का अर्थ है ऐसी शिक्षा जो छात्रों को उनके जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मूल्यों से लैस करती है। यह शिक्षा छात्रों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने और समाज में सकारात्मक योगदान करने के लिए तैयार करती है।
गुणवन्त शिक्षा के कदम (Indicators of Quality Learning)
शिक्षा प्रकाश का वह स्रोत है जिससे जीवन के विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है। है। शिक्षा एक सच्ची मार्गदर्शक है। इसे मनुष्य की तीसरी आंख कहा जाता है जो उसे सभी तत्वों की उत्पत्ति को समझने की क्षमता दे सकती है और उचित व्यवहार करने के लिए प्रेरित कर सकती है। शिक्षा जीवन के वास्तविक महत्व को समझने की शक्ति पैदा करती है। शिक्षा हमें एक सभ्य इंसान बनाती है। शिक्षा के बिना जीवन निरर्थक है इसलिए शिक्षा को वह शक्ति कहा जाता है जिससे शक्तियों का संतुलित विकास हो सके।
प्राथमिक शिक्षा को बालक की आधारभूत शिक्षा कहा जाता है अतः इस आयु में शिक्षा की में गुणवत्ता में सुधार करना अति आवश्यक होता है। अतः गुणवत्ता में सुधार हेतु निम्नलिखित कदम उठाय गए-
शिक्षा में गुणात्मक सुधार (Qualitative Improvement in Education)
आज बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा प्रदान की जा रही है? अर्थात शिक्षा में किस प्रकार की गुणवत्ता है यह जानना बहुत जरूरी है क्योंकि सभी संस्थानों में एक ही प्रकार की शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है। कुछ स्थानों पर दी जाने वाली शिक्षा बहुत उच्च गुणवत्ता की होती है और कुछ स्थानों पर शिक्षा बहुत ही निम्न गुणवत्ता की होती है और कुछ स्थानों पर किसी भी संस्थान में दी जाने वाली शिक्षा सामान्य स्तर की होती है, इसलिए शिक्षा के गुणों को मापना बहुत कठिन होता है।
आज के युग में शिक्षा की गुणवत्ता इस बात से मापी जाती है कि जब कोई बच्चा परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करता है, तो वह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहा है, जबकि यह उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का परिणाम नहीं बल्कि छात्र की अपनी क्षमता का परिणाम है। है। लेकिन यहां हम यह नहीं कह सकते कि न सिर्फ स्कूलों में अच्छी शिक्षा नहीं दी जाती, बल्कि कुछ स्कूलों की वजह से यह धारणा बदल रही है। एनसीईआरटी पुस्तक में शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किये गये हैं-
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार एक सतत् प्रक्रिया है। यह कभी नहीं कहा जा सकता कि शिक्षा गुणवत्ता के अन्तिम चरण में पहुँच गई है और उसमें अधिक सुधार न सम्भव है न अपेक्षित।
- इस बात पर भी ध्यान देना आवश्यक है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना एक धीमी और क्रमिक प्रक्रिया है।
शिक्षा की गुणवत्ता को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है- “शिक्षा की गुणवत्ता एक शिक्षा का वह स्तर है जो भिन्न कारकों की कार्यरतता के सम्मिलित प्रभाव से निर्मित होता है।
गुणवत्ता शिक्षा का महत्व
शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो हमारे समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। गुणवत्ता शिक्षा उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे छात्रों को समग्र विकास की संभावनाएं मिलती हैं। गुणवत्ता शिक्षा उन उपायों का पालन करती है जो छात्रों को न केवल ज्ञान बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक कौशलों और व्यक्तिगत विकास के लिए तैयार करती है।
गुणवत्ता शिक्षा के लक्षण
गुणवत्ता शिक्षा के कई लक्षण होते हैं जो इसे अन्य शिक्षा प्रणालियों से अलग बनाते हैं। ये लक्षण निम्नलिखित हैं:
1. समग्र विकास के लक्षण
गुणवत्ता शिक्षा समग्र विकास को प्रोत्साहित करती है जिसमें छात्रों के मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को समाहित किया जाता है। यह शिक्षा प्रणाली छात्रों के संपूर्ण विकास को समर्पित होती है और उन्हें एक सकारात्मक और स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में तैयार करती है।
2. सहयोगी शिक्षा का माध्यम
गुणवत्ता शिक्षा एक सहयोगी शिक्षा प्रणाली को प्रोत्साहित करती है जिसमें शिक्षक और छात्रों के बीच सहयोग और संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली में छात्रों को अपने विचारों को व्यक्त करने का मौका मिलता है और उन्हें सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
3. अभियांत्रिकी शिक्षा का महत्व
गुणवत्ता शिक्षा अभियांत्रिकी शिक्षा को महत्व देती है, जिससे छात्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक दक्षता की आवश्यकता को समझने में मदद मिलती है। यह शिक्षा प्रणाली छात्रों को नवीनतम तकनीकी उपकरणों और तकनीकी ज्ञान को समझने की क्षमता प्रदान करती है।
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गुणवत्ता शिक्षा के मापदंड
गुणवत्ता शिक्षा के मापदंड हमें यह बताते हैं कि छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा मिल रही है या नहीं। इन मापदंडों को पूरा करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जाने चाहिए:
1. शिक्षक-छात्र संवाद
एक गुणवत्ता शिक्षा प्रणाली में, शिक्षक-छात्र संवाद महत्वपूर्ण होता है। शिक्षक को छात्रों के साथ नियमित रूप से संवाद करना चाहिए और उनके प्रश्नों और समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इससे छात्रों को अपनी जरूरतों को साझा करने और सही मार्गदर्शन प्राप्त करने का मौका मिलता है।
2. उच्चतम मानकों के प्रयास
गुणवत्ता शिक्षा में, उच्चतम मानकों के प्रयास करने की आवश्यकता होती है। शिक्षकों को छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण और रोचक पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए जो उन्हें समग्र विकास की संभावनाएं प्रदान करेगा। छात्रों को उच्चतम मानकों के प्रति उत्साहित करना चाहिए और उन्हें नए और रोचक तरीकों से सोचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
3. समूह में अभियांत्रिकी
गुणवत्ता शिक्षा में, समूह में अभियांत्रिकी का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। छात्रों को समूहों में काम करने का अवसर मिलना चाहिए, जिससे उन्हें सहयोग, संघटना, और समाधान निर्णय करने की क्षमता मिलती है। छात्रों को समूह के सदस्यों के साथ मिलकर काम करने और विचारों को साझा करने का मौका मिलना चाहिए।
संक्षेप में
गुणवत्ता शिक्षा छात्रों के समग्र विकास को समर्पित होती है और उन्हें उच्चतम मानकों की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके लिए शिक्षकों को छात्रों के साथ संवाद करने, उच्चतम मानकों के प्रयास करने और समूह में अभियांत्रिकी को बढ़ावा देने की आवश्यकता होती है। गुणवत्ता शिक्षा छात्रों को न केवल ज्ञान बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक कौशलों और व्यक्तिगत विकास के लिए तैयार करती है।