Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / Understanding Discipline and School Subject B.Ed Notes in Hindi / सक्रिय एवं निहित वातावरण के निर्माण के उपाय | Sarkari Diary Notes

सक्रिय एवं निहित वातावरण के निर्माण के उपाय | Sarkari Diary Notes

Published by: Ravi Kumar
Updated on:
Share via
Updated on:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

सक्रिय एवं निहित वातावरण के निर्माण के उपाय

शिक्षण के लिए सक्रिय एवं निहित वातावरण का निर्माण करना आवश्यक है। सक्रिय वातावरण में विद्यार्थी स्वयं सीखने के लिए प्रेरित होते हैं, जबकि निहित वातावरण में विद्यार्थी बिना किसी प्रत्यक्ष निर्देश के सीखते हैं। दोनों प्रकार के वातावरणों के निर्माण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

सक्रिय वातावरण के निर्माण के उपाय

  • छात्रों की रुचियों और आवश्यकताओं का ध्यान रखें।
  • सीखने की प्रक्रिया को रोचक और आकर्षक बनाएं।
  • छात्रों को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • छात्रों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा दें।
  • छात्रों को समस्या समाधान और निर्णय लेने के अवसर प्रदान करें।
Also Read:  पाठ्यक्रम का उद्देश्य क्या है?

निहित वातावरण के निर्माण के उपाय

  • छात्रों को स्वतंत्र रूप से सीखने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करें।
  • छात्रों को चुनौतीपूर्ण कार्य प्रदान करें।
  • छात्रों को अपने आसपास के वातावरण से सीखने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • छात्रों को अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।

सक्रिय एवं निहित वातावरण के निर्माण के महत्व

सक्रिय एवं निहित वातावरण के निर्माण से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
  • छात्रों में रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता का विकास होता है।
  • छात्रों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का विकास होता है।
  • छात्रों के बीच सहयोग और समन्वय की भावना का विकास होता है।
Also Read:  पाठ्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?

एक कुशल शिक्षक को इन दोनों प्रकार के वातावरणों का निर्माण करने में सक्षम होना चाहिए।

Leave a comment