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पाठ्यक्रम निर्माण में सामाजिक, राजनीतिक, आकांक्षाओं, मूल्यों, आदर्शों, विश्वासों और परम्पराओं को स्थान देने का औचित्य

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पाठ्यक्रम निर्माण में सामाजिक, राजनीतिक, आकांक्षाओं, मूल्यों, आदर्शों, विश्वासों और परम्पराओं का स्थान देने का औचित्य निम्नलिखित है:

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विस्तृत व्याख्या:

सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना

भारत एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी देश है। यहां विभिन्न धर्मों, जातियों, और समुदायों के लोग रहते हैं। पाठ्यक्रम में सामाजिक, राजनीतिक, आकांक्षाओं, मूल्यों, आदर्शों, विश्वासों और परम्पराओं को शामिल करने से छात्रों में विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों के बारे में जानने और समझने में मदद मिलती है। इससे वे विभिन्न संस्कृतियों के बीच समानता और सम्मान की भावना विकसित करते हैं।

उदाहरण के लिए, पाठ्यक्रम में विभिन्न त्योहारों, त्योहारों, और परम्पराओं के बारे में जानकारी शामिल की जा सकती है। इससे छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों के बारे में जानने और समझने में मदद मिलती है।

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नागरिकता के गुणों का विकास करना

पाठ्यक्रम में सामाजिक, राजनीतिक, आकांक्षाओं, मूल्यों, आदर्शों, विश्वासों और परम्पराओं को शामिल करने से छात्रों में नागरिकता के गुणों का विकास करने में मदद मिलती है। इससे वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होते हैं, और सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के मूल्यों को समझते हैं।

उदाहरण के लिए, पाठ्यक्रम में लोकतंत्र, मानवाधिकार, और नागरिक अधिकारों के बारे में जानकारी शामिल की जा सकती है। इससे छात्रों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानने और समझने में मदद मिलती है।

आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को बढ़ावा देना

पाठ्यक्रम में सामाजिक, राजनीतिक, आकांक्षाओं, मूल्यों, आदर्शों, विश्वासों और परम्पराओं को शामिल करने से छात्रों में आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे वे अपनी संस्कृति और परम्पराओं के बारे में जानकर गर्व महसूस करते हैं।

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उदाहरण के लिए, पाठ्यक्रम में छात्रों की संस्कृति और परम्पराओं से संबंधित सामग्री शामिल की जा सकती है। इससे छात्रों को अपनी संस्कृति और परम्पराओं के बारे में जानने और समझने में मदद मिलती है।

सृजनशीलता और नवाचार को बढ़ावा देना

पाठ्यक्रम में सामाजिक, राजनीतिक, आकांक्षाओं, मूल्यों, आदर्शों, विश्वासों और परम्पराओं को शामिल करने से छात्रों में सृजनशीलता और नवाचार को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे वे नई चीजें सीखने और नई संभावनाओं की तलाश करने के लिए प्रेरित होते

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