मकर संक्रांति से जुड़ी कहानी | Story related to Makar Sankranti

मकर संक्रांति से जुड़ी कई कहानियां हैं। एक कहानी यह है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने जाते हैं। शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं, और मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसलिए, इस दिन को पिता-पुत्र के मिलन के रूप में भी देखा जाता है।

Image of मकर संक्रांति पर सूर्य देव और शनि देव की कहानी

एक अन्य कहानी यह है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई थी। महाराज भागीरथ ने अपने पितृऋण से मुक्ति पाने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। अंत में, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने गंगा को धरती पर अवतरित करने का वरदान दिया। गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं। इस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।

मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तिल का दान करने से शनि के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार ऋतु परिवर्तन और नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

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