Home / Jharkhand / Khortha / शिवनाथ प्रमाणिक जी की जीवनी – खोरठा साहित्यकर

शिवनाथ प्रमाणिक जी की जीवनी – खोरठा साहित्यकर

Published by: Ravi Kumar
Updated on:
Share via
Updated on:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

शिवनाथ प्रमाणिक

नाम – शिवनाथ प्रमाणिक
उपनाम – ‘मानिक’ (साहित्यिक)
जन्म – 13 फरवरी, 1949
जन्म स्थान – बइदमोरा, बोकारो
पिता का नाम – मुरलीधर प्रमाणिक माँ – तिनकी देवी
साहित्यिक सांस्कृतिक पहचान-  कवि, गद्यकार, गीतकार, गायक, नर्तक, झारखंडी संस्कृति के मर्मज्ञ
लेखन – आरंभ में हिंदी भाषा में लेखन करते रहे जो आवाज, शहर होगी अमृत वर्षा आदि पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं छपती रही है।

1980 के आस-पास से खोरठा भाषा में लेखन की ओर प्रवृत्त हुए। 1984 में कोठार चेटर रामगढ़ में ए. के. झा, गोविंद महतो जंगली, डॉ. बी. एन. ओहदार के नेतृत्व में हुए भाषा सम्मेलन में इनकी मुलाकात डॉ. ए. के. झा, डॉ. रामदयाल मुंडा, डॉ. एच.एन. सिंह (कुरमाली प्राध्यापक), प्रो. रामप्रसाद (नागपुर प्राध्यापक), डॉ. वासंती (नागपुरी प्राध्यापक) आदि से मुलाकात होने के बाद ये पूर्णत: समर्पित होकर खोरठा में लिखना आरंभ किया। भाषा समितियों का गठन किया, भाषा सम्मेलनों, संगोष्ठी का आयोजन किया । पत्र- पत्रिकाओं के प्रकाशन की दिशा में प्रवृत्त हुए और ये एक बहुआयामी व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। यह साहित्यकार, गीतकार, गायक, नर्तक एक साथ है।

प्रमाणिक जी के प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ –

1. दामुदरेक कोराञ (काव्य) – प्रकाशन वर्ष, 1986 झा. जी ने इसे ‘ललित मधुर काव्य‘ कहा है।

Also Read:  JSSC खोरठा कविता - रुसल भोला, मेंढ़ आर मानुस, देसेक जुआन, ढेशा ढेशी छोड़ JSSC CGL Khortha Notes

2. तातल हेमाल (एकल कविता संग्रह) – प्रकाशन वर्ष, 1986
(डेढ़ दर्जन प्रगतिशील कविताओं का संकलन)

3. मइछगंधा (महाकाव्य) – महाभारत के प्रमुख पात्र सत्यवती के जीवन पर आधारित । प्रकाशन वर्ष, 2013 4. खोरठा लोक साहित्य विवेचन (विवेचनात्मक कृति) प्रकाशन वर्ष, 2005 5. माटी के रंग – निबंध संग्रह

संपादित कृतियाँ

1. रुसल पुटूस – विभिन्न खोरठा कवियों की रचनाएं संकलित प्रकाशन, 1986
2. खोरठा लोक कथा बोकारो खोरठा कमेटी द्वारा – प्रकाशिन
3. खोरठा गद्य-पद्य संग्रह – 1989 (खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद)

साहित्यिक संस्थाओं का गठन

1. बोकारो खोरठा कमेटी
2. खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद

सदस्य

1. खोरठा साहित्य संपादक मंडल –

(इसके तहत खोरठा लोक साहित्य, दू डाइर जिरहुल फूल, दू डाइर परास फूल आदि विभिन्न पाठ्य पुस्तकों का संपादन)

Also Read:  मिली के रहिहा शिष्ट गीत - Sohan Lage Re Khortha Book । Jssc Khortha Notes
भाषा-शैली-प्रवृत्ति

ठेठ शब्दों का प्रयोग, ओजपूर्ण भाषा शैली, मार्क्सवादी दर्शन से प्रभावित प्रगतिशील रचनाएं ।

साहित्य सूत्र

माञ, माटी, जंगल, जमीन मानुस, मातरी भासा, जल,

सम्मान

  • काब्य भूषण सम्मान (जमशेदपुर से)
  • परिवर्तन सम्मान (चतरा से)
    श्रेष्ठ साहित्यकार पुरस्कार (झारखंड सरकार, 2008)
  • श्री निवास पानुरी स्मृति साहित्य सम्मान-2019 (खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद द्वारा प्रदत्त)
Photo of author
Published by
Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

Related Posts

Leave a comment