Khortha Notes for JSSC and JPSC
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Khortha Language and Literature Notes for competitive exams conducted by Jharkhand Government including JSSC, JPSC, and other Jharkhand state exams
Khortha – खोरठा भाषा एवं साहित्य Notes (Khortha Language & Literature Notes) for JSSC CGL and all other JSSC/JPSC exams
खंड ‘क’ व्याकरण | ||
व्याकरण: खोरठा भाषा का वर्ण विचार, संज्ञा, सर्वनाम, लिंग, वचन, कारक, विशेषण, काल, क्रिया, समास, अव्यय, वाच्य वाक्य के भेद, विपरीतार्थक शब्द, उनार्थक शब्द । | ||
क्र• सं• | व्याकरण | Links |
1 | खोरठा भाषा का वर्ण विचार | Read |
2 | संज्ञा | Read |
3 | सर्वनाम | Read |
4 | लिंग | Read |
5 | वचन | Read |
6 | कारक | Read |
7 | विशेषण | Read |
8 | काल | Read |
9 | क्रिया | Read |
10 | समास | Read |
11 | अव्यय | Read |
12 | ‘वाच्य’ वाक्य के भेद | Read |
13 | विपरीतार्थक शब्द | Read |
14 | उनार्थक शब्द | Read |
खंड ‘ख’ पद्य साहित्य | ||||
खोरठा भाषा के लोकगीत – लोकगीत की परिभाषा, परिचय, खोरठा भाषा के लोकगीतों का वर्गीकरण, 10 विविध गीतों का अध्ययन | ||||
क्र• सं• | लोकगीत के प्रकार | गीतों की संख्या | Links | |
1 | संस्कार गीत | विवाह गीत | 01 | Read |
सहियारी गीत | 01 | Read | ||
छठियारी गीत | 01 | Read | ||
2 | पर्व-त्योहार गीत | करम गीत | 01 | Read |
सोहराइ गीत | 01 | Read | ||
3 | श्रम गीत | 01 | Read | |
4 | बाल गीत | 01 | Read | |
5 | ऋतु गीत | 01 | Read | |
6 | सामान्य गीत | 01 | Read |
शिष्ट कविताएँ: एक पथिया डोंगल महुआ | |||
क्र• सं• | कविता के नाम | कविता के लेखक | Links |
1 | हामनी सब एक | स्व श्रीनिवास पानुरी | Read |
2 | आगु कर आपन देश | सुकुमार | |
3 | जय जवान जय किसान | श्री महेश गोलवार | |
4 | आइझ एकाइ खोरठा | ए• के• झा | Read |
5 | तबें हम कबि नाय | ||
6 | महुआ मनिता | श्री अतुल चन्द्र मुखर्जी | |
7 | रुसल भोला | संतोष कु• महतो | Read |
8 | मेंढ़ आर मानुस | शिवनाथ प्रमाणिक | |
9 | देसेक जुआन | विनोद कुमार | Read |
10 | ढेशा ढेशी छोड़ | पारसनाथ महतो |
शिष्ट गीत: सोहन लागे रे | |||
क्र• सं• | गीत के नाम | लेखक के नाम | Links |
1 | माँदइर बाजे रे, बाँसी बाजे रे | सुकुमार | Read |
2 | बोने पाकलइ सयाँ कोइर | दिनेश दिनमणि | |
3 | सोहान लागे रे | शांति भारत | |
4 | कते सुंदर छोटानागपुर | दीपक सवाल | Read |
5 | हामर भारत महान | अम्बुज कुमार | |
6 | मिली के रहिहा | प्रदीप कुमार दीपक | |
7 | साँझे हाँस झींगा फूल | महेन्द्र नाथ गोस्वामी | |
8 | बोन रक्षा जीवन रक्षा | अनीता कुमारी | Read |
9 | सेवाविक बाउँडी मेला | सुभद्रा कुमारी | |
10 | जय माँय जननी | शिवनाथ प्रमाणिक |
खंड ‘ग’ गद्य साहित्य | |||
लोककथा – खोरठा भाषा की दस 10 लोककथाएँ- | |||
क्र• सं• | लोककथा के नाम | संकलनकर्ता के नाम | Links |
1 | सात भाय एक बहिन | शांति भारत | Read |
2 | धनेक धधइनी | Read | |
3 | बुढा बुढी आर सात पीठा | दिनेश दिनमणि | Read |
4 | खुँटा भितर चिंयाँ गोटा | Read | |
5 | गुदपुचु रानी आर कउआ | बंशीलाल बंशी | Read |
6 | गोहाइल परब | अजित कुमार झा | Read |
7 | दू बिहाक दुरगति | Read | |
8 | लुहरगर बेटी छउआ | Read | |
9 | केतकी फूल | श्रीमती सावित्री देवी | Read |
10 | बुढी आर ओकर नाती | अरविन्द कुमार | Read |
शिष्ट कहानी: खोरठा भाषा की 8 आधुनिक कहानियाँ- | |||
क्र• सं• | कहानी के नाम | लेखक के नाम | Links |
1 | छाँहइर | चितरंजन महतो चित्रा | Read |
2 | बोनेक लोर | Read | |
3 | हाम जीयब कइसें | Read | |
4 | नावा जिमीदार | Read | |
5 | उबार | डॉ विनोद कुमार | Read |
6 | जिनगिक डोंआनी | Read | |
7 | ओद दीदा | Read | |
8 | हुब | Read |
नाटक: चाभी काठी | |||
क्र• सं• | नाटक के नाम | लेखक के नाम | Links |
1 | चाभी-काठी | श्रीनिवास पानुरी | Read |
साहित्यिक निबंध | |||
क्र• सं• | निबंध के नाम | निबंध के लेखक | Links |
1 | भाइ-बहिन के शुभ प्यार के प्रतीक परब करम | Read | |
2 | फूल कर परब सरहुल आर तकर प्रासंगिकता | Read |
निम्नलिखित खोरठा साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर निबंध | ||
क्र• सं• | साहित्यकार के नाम | Links |
1 | भुवनेश्वर दत्त शर्मा व्याकुल | Read |
2 | श्रीनिवास पानुरी | Read |
3 | विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’ | Read |
4 | विश्वनाथ नागर | Read |
5 | शिवनाथ प्रमाणिक | Read |
6 | श्याम सुंदर महतो ‘श्याम | Read |
7 | ए.के. झा | Read |
FAQ – Khortha Notes for JSSC & JPSC Exams
Khortha Notes is a study material specially designed for students preparing for JSSC (Jharkhand Staff Selection Commission) & JPSC (Jharkhand Public Service Commission) exams. These notes cover all the major topics related to Khortha Language & Literature which are included in the syllabus of the exam.
You can find detailed and updated Khortha Notes on Sarkari Diary website (www.sarkaridiary.in). We provide notes that are specially designed to help you prepare for JSSC & JPSC exams.
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Our Khortha Notes are updated regularly to ensure they are aligned with the latest exam pattern and syllabus changes. This ensures that you always have access to the most relevant and current study material.
Currently, the notes are available for online viewing on the Sarkari Diary website. You can access and review them anytime by visiting www.sarkaridiary.in.
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खोरठा भाषा एवं साहित्य के बारे में
खोरठा मुख्य रूप से भारतीय राज्यों झारखंड, बिहार, और पश्चिम बंगाल में बोली जाने वाली एक महत्वपूर्ण भाषा है। यह इंडो-आर्यन भाषा परिवार से संबंधित है और इसे पूर्वी हिंदी समूह का हिस्सा माना जाता है। खोरठा की जड़ें मगही भाषा में पाई जाती हैं, और यह भोजपुरी, मगही और मैथिली जैसी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के साथ समानताएं साझा करती है।
खोरठा भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है, और इसे लिखने के लिए आमतौर पर देवनागरी लिपि का उपयोग किया जाता है। यह भाषा मुख्य रूप से खोरठा समुदाय द्वारा बोली जाती है, जो छोटा नागपुर पठार और इसके आसपास के क्षेत्रों में निवास करते हैं। खोरठा भाषा इन लोगों की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का अहम हिस्सा है।
खोरठा साहित्य की बात करें तो, इसकी एक समृद्ध मौखिक परंपरा है, जिसमें लोक गीत, कविताएं, और लोक कथाएं प्रमुख हैं। ये रचनाएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं और खोरठा समुदाय की सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक पहलुओं को व्यक्त करती हैं। हालांकि, खोरठा में लिखित साहित्यिक रचनाओं का अभाव है, क्योंकि खोरठा को एक विशिष्ट भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है और इसका दस्तावेजीकरण बहुत सीमित रहा है।
इसके बावजूद, खोरठा साहित्य के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हाल के वर्षों में प्रयास किए जा रहे हैं। बढ़ती जागरूकता और क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों के साथ, खोरठा को एक साहित्यिक रूप में संरक्षित करने और इसे व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए पहल की जा रही हैं।
खोरठा जैसी क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व को समझना और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को पहचानना अत्यंत आवश्यक है। भारत के विविध सांस्कृतिक परिदृश्य में इन भाषाओं का अहम योगदान है। क्षेत्रीय भाषाओं और साहित्य के दस्तावेजीकरण, संरक्षण और प्रचार के प्रयास न केवल सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करते हैं, बल्कि भाषाई विविधता को भी बढ़ावा देते हैं, जो भारत की एकता और विविधता के प्रतीक के रूप में कार्य करती है।
इन प्रयासों से खोरठा जैसे भाषाओं को वैश्विक पहचान मिल सकती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए इन भाषाओं को संरक्षित किया जा सकता है।