दिवाली: प्रकाश और प्रेम का त्योहार

दिवाली, जिसे दीपावली या दीपोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली का त्योहार प्रकाश और प्रेम का त्योहार माना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों, झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। लोग एक-दूसरे को मिठाई और उपहार देकर इस त्योहार को मनाते हैं।

दिवाली का इतिहास

दिवाली के त्योहार के पीछे कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में अयोध्या के लोगों ने दीयों और आतिशबाजी से उनका स्वागत किया था। इसी दिन से दिवाली का त्योहार मनाया जाने लगा।

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने पूतना नामक एक राक्षसी का वध किया था। पूतना एक राक्षसी थी जो बच्चों को मारने के लिए भेजी गई थी। भगवान कृष्ण ने पूतना का वध किया और बच्चों को बचाया। इस घटना की खुशी में लोगों ने दिवाली का त्योहार मनाया।

Diwali 2023: Important Dates and Days

Day and Date Tithi Festival
Friday, November 10, 2023 Trayodashi Tithi Dhanteras
Friday, November 10, 2023 Trayodashi Tithi Yama Deepam
Saturday, November 11, 2023 Chaturdashi Tithi Choti Diwali
Sunday, November 12, 2023 Amavasya Tithi Laxmi Pujan
Tuesday, November 14, 2023 Pratipada Tithi Govardhan Puja
Wednesday, November 15, 2023 Dwitiya Tithi Bhai Dooj

दिवाली का महत्व

दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार प्रकाश और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों, झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को मिठाई और उपहार देकर इस त्योहार को मनाते हैं।

दिवाली का त्योहार प्रकाश का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों से सजाकर अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाते हैं। दिवाली का त्योहार प्रेम का भी प्रतीक है। इस दिन लोग एक-दूसरे को मिठाई और उपहार देकर प्रेम का प्रसार करते हैं।

दिवाली के परंपरागत रीति-रिवाज

दिवाली के त्योहार में कई परंपरागत रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। इनमें से कुछ रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:

  • घर की सफाई: दिवाली से पहले लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। ऐसा माना जाता है कि घर की सफाई करने से घर में धन और समृद्धि आती है।
  • दीपदान: दिवाली के दिन लोग अपने घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर दीये जलाते हैं। ऐसा माना जाता है कि दीये जलाने से अंधकार पर प्रकाश की जीत होती है।
  • भगवान धन्वंतरि की पूजा: दिवाली के दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से लोगों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • पटाखे फोड़ना: दिवाली के दिन लोग पटाखे फोड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि पटाखे फोड़ने से बुरी आत्माएँ दूर भागती हैं।
  • मिठाई बांटना: दिवाली के दिन लोग एक-दूसरे को मिठाई बांटते हैं। ऐसा माना जाता है कि मिठाई बांटने से लोगों के बीच प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।

दिवाली के सामाजिक और आर्थिक महत्व

दिवाली का त्योहार सामाजिक और आर्थिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण है। यह त्योहार लोगों को एक-दूसरे के साथ मिलकर मनाने का अवसर देता है। यह त्योहार लोगों के बीच प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देता है।

दिवाली का त्योहार आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस त्योहार के कारण व्यापार में वृद्धि होती है। लोग इस त्योहार पर नए कपड़े, गहने और घरेलू सामान खरीदते हैं। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

दिवाली का संदेश

दिवाली का त्योहार हमें प्रकाश और प्रेम का संदेश देता है। यह हमें बताता है कि अंधकार पर प्रकाश की जीत होती है और प्रेम हर समस्या का समाधान है।

दिवाली का सार्वभौमिक संदेश

दिवाली का त्योहार केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक सार्वभौमिक संदेश भी देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हम सभी एक ही प्रकाश से जुड़े हुए हैं और हमें सभी से प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें अंधकार को दूर करने और प्रकाश की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। दिवाली का त्योहार हमें यह भी सिखाता है कि हम सभी के अंदर एक आंतरिक प्रकाश है, और हम सभी में यह क्षमता है कि हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं।

दिवाली का महत्व किसी भी धर्म या संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए भी मान्य है। यह त्योहार हमें सभी से प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करना सिखाता है, और यह हमें अंधकार को दूर करने और प्रकाश की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

आपको दिवाली का पर्व बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

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