चिन्तन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई विशेषताएं शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. ध्यान: चिन्तन में किसी विषय पर ध्यान केंद्रित करने और उसे पूरी तरह से समझने की कोशिश करना शामिल होता है। ध्यान केंद्रित करने के लिए, हमें अपने विचारों को भटकने से रोकना होगा और केवल उस विषय पर ध्यान देना होगा जिस पर हम विचार कर रहे हैं।
2. स्मृति: चिन्तन में अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग करके किसी विषय को समझने में मदद करना शामिल होता है। हम अपने अतीत के अनुभवों और ज्ञान का उपयोग करके नए विचारों और अवधारणाओं को समझ सकते हैं।
3. कल्पना: चिन्तन में नए विचारों और संभावनाओं को सोचने की क्षमता शामिल होती है। कल्पना हमें रचनात्मक बनने और नए समाधान खोजने में मदद करती है।
4. तर्क: चिन्तन में किसी विषय के बारे में तर्कसंगत और सटीक ढंग से सोचने की क्षमता शामिल होती है। तर्क हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारे विचार और निष्कर्ष सही हैं।
5. विश्लेषण: चिन्तन में किसी विषय को उसके विभिन्न घटकों में तोड़कर और उनका विश्लेषण करके उसे समझने की कोशिश करना शामिल होता है। विश्लेषण हमें किसी विषय की गहरी समझ प्राप्त करने में मदद करता है।
6. संश्लेषण: चिन्तन में विभिन्न विचारों और सूचनाओं को एक साथ लाकर एक नया विचार या समाधान बनाना शामिल होता है। संश्लेषण हमें रचनात्मक बनने और नए समाधान खोजने में मदद करता है।
7. मूल्यांकन: चिन्तन में किसी विचार या समाधान की गुणवत्ता का आकलन करना शामिल होता है। मूल्यांकन हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारे विचार और समाधान अच्छे हैं।
8. निर्णय लेना: चिन्तन में विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन करने और सबसे अच्छा विकल्प चुनने की क्षमता शामिल होती है। निर्णय लेने हमें जीवन में सफल होने में मदद करता है।
9. समस्या समाधान: चिन्तन में विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के लिए नए और रचनात्मक तरीके खोजने में मदद करना शामिल होता है। समस्या समाधान हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।
10. आत्म-जागरूकता: चिन्तन में अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहारों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना शामिल होता है। आत्म-जागरूकता हमें खुद को बेहतर बनाने और जीवन में सफल होने में मदद करती है।
इसके अलावा चिंतन सी. टी. मार्गन के शब्दों में वास्तव में प्रतिदिन की वार्ता में प्रयोग होने वाले चिन्तन शब्द में विभिन्न क्रियाओं की संरचना निहित है।” इसका सम्बन्ध गम्भीर विचारशील क्रिया से है। इस दृष्टि से चिन्तन की विशेषतायें इस प्रकार हैं-
1. विशिष्ट गुण- चिन्तन, मानव का एक विशिष्ट गुण है, जिसकी सहायता से वह अपनी बर्बर अवस्था से सभ्य अवस्था तक पहुँचने में सफल हुआ है।
2. मानसिक प्रक्रिया- चिन्तन, मानव की किसी इच्छा, असन्तोष, कठिनाई या समस्या के कारण आरम्भ होने वाली एक मानसिक प्रक्रिया है।
3. भावी आवश्यकता की पूर्ति हेतु व्यवहार- चिन्तन किसी वर्तमान या भावी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए एक प्रकार का व्यवहार है। हम अंधेरा होने पर बिजली का स्विच दबाकर प्रकाश कर लेते हैं और मार्ग पर चलते हुए सामने से आने वाली मोटर को देखकर एक ओर हट जाते हैं।
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4. समस्या समाधान- चिन्तन उस समय आरम्भ होता है, जब व्यक्ति के समक्ष कोई समस्या उपस्थित होती है और वह उसका समाधान खोजने का प्रयल करता है।
5. अनेक विकल्प- चिन्तन की सहायता से व्यक्ति अपनी समस्या का समाधान करने के लिए अनेक उपायों पर विचार करता है। अन्त में, वह उनमें से एक का प्रयोग करके अपनी समस्या का समाधान करता है।
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6. समस्या समाधान तक चलने वाली प्रक्रिया- इस प्रकार, चिन्तन एक पूर्ण और जटिल मानसिक प्रक्रिया है, जो समस्या की उपस्थिति के समय से आरम्भ होकर उसके समाधान के अन्त तक चलती रहती है।
निष्कर्ष:
चिन्तन एक महत्वपूर्ण कौशल है जो हमें जीवन में सफल होने में मदद करता है। चिन्तन की विभिन्न विशेषताओं को विकसित करके हम अपनी चिन्तन क्षमता को बेहतर बना सकते हैं और जीवन में बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।