Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / Learning and Teaching B.Ed Notes in Hindi / अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषाएँ एवं विशेषताएँ | Meaning, Definitions and Characteristics of Motivation B.Ed Notes

अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषाएँ एवं विशेषताएँ | Meaning, Definitions and Characteristics of Motivation B.Ed Notes

Last updated:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

व्यक्ति के व्यवहारों का अध्ययन ही मनोविज्ञान है। मनोविज्ञानिक हमेशा अध्ययन करते रहे कि मनुष्य कोई व्यवहार कब, किन परिस्थितियों तथा क्यो कोई व्यवहार करता है। मैक्डूगल ने मूल प्रवृत्तियों के आधार पर व्यक्ति के व्यवहार को स्पष्ट करने का प्रयास किया था। किन्तु आधुनिक समय में यह माना जाने लगता है कि मानव व्यवहार कुछ प्रेरक शक्तियों द्वारा संचालित होता है जिन्हें प्रेरणा या अभिप्रेरणा कहा जाता है।

क्रच एवं क्रचफील्ड ने भी स्पष्टतः कहा है कि प्रेरणा का प्रश्न ‘क्यों’ का प्रश्न है। वस्तुतः आवश्यकताएँ (needs), चालक (Driver), उद्दीपन (Incentive) तथा प्रेरक (Motive) अभिप्रेरणा के मुख्य स्रोत हैं।

PhotoResizer.in - Free Online Photo Resizer Website
Free Online Photo Resizer Website

अभिप्रेरणा का अर्थ (Meaning of Motivation)

अभिप्रेरणा मनुष्य के कार्य और व्यवहार को एक दिशा प्रदान करने वाली शक्ति है। ‘अभिप्रेरणा’ शब्द अंग्रेजी के मोटीवेशन (Motivation) शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। Motivation शब्द की उत्पत्ति लैटिन के मोटम (Motum) शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है मूव (Move), मोटर (Motor) और मोशन (Motion) अर्थात् गति या क्रिया। प्रेरणा के सरल एवं शाब्दिक अर्थ के अनुसार हम किसी भी उत्तेजना को प्रेरणा कह सकते हैं, जिसके कारण व्यक्ति की कोई प्रतिक्रिया या क्रिया होती है। इस प्रकार, उत्तेजना आंतरिक या बाह्य दोनों हो सकती है। लेकिन मनोवैज्ञानिक अर्थ में प्रेरणा का अर्थ केवल आंतरिक उत्तेजनाएँ हैं, जिन पर व्यक्ति का व्यवहार आधारित होता है। यह एक अदृश्य शक्ति है; जिसे देखा नहीं जा सकता.

Also Read:  शिक्षक की विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने की भूमिका B.Ed Notes

निम्नलिखित परिभाषाओं से यह स्पष्ट हो जायेगा कि प्रेरणा मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक मनो-व्यवहारात्मक क्रिया है। यह किसी आवश्यकता से उत्पन्न होता है और किसी विशेष क्रिया का संकेत देता है। जब तक व्यक्ति को आंतरिक उत्तेजना न मिले तब तक वह कार्य नहीं करता। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि आंतरिक उत्तेजना किसी आवश्यकता से उत्पन्न होती है और व्यक्ति को काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

अभिप्रेरणा की परिभाषाएँ (Definitions of Motivation)

लॉवेल के अनुसार- “अभिप्रेरणा एक ऐसी मनोवैज्ञानिक या आन्तरिक प्रक्रिया है जो किसी आवश्यकता की उपस्थिति में उत्पन्न होती है। यह ऐसी क्रिया की ओर गतिशील होती है जो उस आवश्यकता को सन्तुष्ट करेगी।

“Motivation may be defined more formally as a psychophysiological or internal process, initiated by some need, which leads to an activity which will satisfy that need.” –Lawell

Also Read:  मैस्लो का आवश्यकता अनुक्रमिकता सिद्धान्त | Maslow's Theory of Hierarchy of Needs B.Ed Notes

गुड के अनुसार- प्रेरणा, कार्य को आरम्भ करने, जारी रखने और नियमित करने की प्रक्रिया है।

“Motivation is the process of arousing, sustaining and regulating activity.” -Good

[catlist name=”learning-and-teaching-b-ed-notes-in-hindi”]

स्किनर के अनुसार- स्कूली पढ़ाई में अभिप्रेरणा के अंतर्गत वांछित व्यवहार के लिए उद्दीपन, प्रोत्साहन, प्रबलन और निर्देशन की क्रियाएँ आती हैं।

“Motivation in school learning involves arousing, persisting, sustaining and directing desirable behavior.” -B.F. Skinner

मैक्डूगल के अनुसार – प्रेरणा मनुष्य के भीतर की शारीरिक और मानसिक अवस्थाएँ हैं जो किन्हीं विशेष दशाओं में कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।’

“Motives are conditions, physiological and psychological in the organism that dispenses it to act in certain ways.” -McDougall

अभिप्रेरणा की विशेषताएँ (Characteristics of Motivation)

ऊपर प्रस्तुत की गई परिभाषाओं से अभिप्रेरणा की विशेषताओं पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। अभिप्रेरणा की विशेषताओं को निम्न रूपों में वर्णित किया जा सकता है

1. यह मनुष्य की एक आन्तरिक शक्ति है, जो ऊर्जा परिवर्तन के सिद्धान्त (Theory of Energy Transformation) पर कार्य करती है।

Also Read:  शिक्षक सीखने में सुविधा लाने वाला | Teacher Learning Facilitator B.Ed Notes

2. यह एक प्रक्रिया है, जिसका परिणाम सफलता, असफलता अथवा समायोजन के रूप में सामने आता है।

3. इसके द्वारा व्यक्ति का व्यवहार किसी सुनिश्चित या अनुमानित लक्ष्य की ओर निर्देशित होता है।

4. अभिप्रेरणा के लिए किसी-न-किसी प्रकार की आवश्यकता का होना जरूरी है।

5. अभिप्रेरणा उत्पन्न करने वाले कारकों को अभिप्रेरक कहते हैं।

6. इसके द्वारा प्रारम्भ में किया गया कार्य प्राणी द्वारा सन्तुष्टि प्राप्त करने तक निरन्तर जारी रहता है।

[catlist name=”bed-deled”]

7. इस प्रक्रिया में व्यक्ति की भावनाएँ, संवेग, मूल प्रवृत्तियों तथा इच्छाएँ आदि अनुवांशिक विशेषताएँ सक्रिय रहती हैं।

8. यह एक जीवनपर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है।

9. अधिगम में प्रेरणा का महत्वपूर्ण योगदान होता है तथा सीखने के लगभग सभी सिद्धान्त अभिप्रेरकों द्वारा प्रेरित अनुक्रियाओं पर आधारित हैं। अधिगम मनोविज्ञान की भाषा में प्रेरक को उद्दीपक कहा जाता है।

10. अभिप्रेरणा एक क्रियात्मक प्रक्रिया है, जिससे व्यक्त्ति सतत् क्रियाशील होता है।

Leave a comment