चाभी काठी नाटक पुस्तक परिचय:
- नाटक का प्रकार – एकांकी
- लेखक – श्री निवास पाणुरी
- संपादक – गिरिधारी गोस्वामी “आकाश खूंटी”
- दो शब्द – अर्जुन पाणुरी
- उद्गार- रामाणी रवानी
- लेखक – विनोद रवानी
- भूमिका आलेख – गिरिधारी गोस्वामी “आकाश खूंटी”
- प्रकाशन वर्ष (प्रथम संस्करण)-2006
- प्रकाशक – बालीडीह खोरठा समिति,बोकारो
- नाटक में अंकों की संख्या – 1
- नाटक में दृश्यों की संख्या – 20
पृथ्वी प्रकाशन में प्रकाशित हुआ है |
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प्रथम संस्करण |
2000 |
द्वितीय संस्करण |
2019 |
चाभी काठी नाटक के पात्रों के नाम ( पुरुष पात्र – 14) |
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शंभु |
एक क्रांतिकारी युवा/नायक |
कालूराम |
साहूकार/जमींदार |
बाबा |
गांव का एक बूढ़ा |
राधो |
शहरी युवा (धनबाद) |
रतीराम |
शहरी युवा (धनबाद) |
संतु |
कालूराम का लठेत (नौकर) |
सिंह जी |
कालूराम का लठेत (नौकर ) |
श्रीपति |
गरीब व्यक्ति जिसका नाम कालूराम फार्म हाउस है, ने लिया है |
फकीरा |
कालूराम का मुंशी |
जादू |
ग्रामीण |
मोती (चुटरी बाप ) |
विदूषक |
खेपा |
ग्रामीण |
रोहन |
कालूराम का बेटा |
मंगल |
गरीब व्यक्ति जिसे कालूराम के चंगुल से संभु बचाता है |
धनीराम |
ग्रामीण |
पंचानन बाबू |
कांग्रेसी नेता उम्मीदवार |
चाभी काठी नाटक के कुल महिला पात्र – 5 | |
सोहागी |
शंभू की मां |
समरी |
विधवा ग्रामीण जिसे कालूराम के चंगुल से संभु बचाता है |
चुटरी माय |
विदूषक की पत्नी |
दमयंती |
एक शिक्षित युवती |
करमी |
दलाल औरत |
चाभी काठी नाटक के दृश्य
पहला दृश्य | |
दूसरा दृश्य |
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तीसरा दृश्य |
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चौथा दृश्य |
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पांचवा दृश्य |
दुकानदार के यंहा |
छठा दृश्य |
कालूराम – संतु |
सातवा दृश्य |
कालूराम जनता संग |
8वां दृश्य |
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नॉवा दृश्य |
चुटरा – चुटरी |
दसवा दृश्य |
सोहागी – संभु |
11वां दृश्य |
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12वां दृश्य |
समरी – संभु के बीच |
13वां दृश्य |
मंगला – कालूराम के बीच |
14वां दृश्य |
कालूराम – समरी – संभु के बीच |
15वां दृश्य |
घनीराम – कालूराम के बीच |
16वां दृश्य |
चुटरा – चुटरी के बीच |
17वां दृश्य |
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18वां दृश्य |
संतु – कालूराम के बीच |
19वां दृश्य |
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20वां दृश्य |
सम्भू – कालूराम – गांव के लोगों के बीच |
चाभी काठी नाटक का सार-संक्षेप (हिन्दी में)
- शम्भु नामक का एक बी.ए. पास गरीब लड़का है। कमल उसका दोस्त है। दोनों अक्सर गरीब लोगों और गरीबी पर चर्चा करते हैं।
- कमल कहता है कि सांप का विष तो उतर जाता है, पर गरीबी का विष नहीं उतरता। जवान को गरीबी असमय ही बुढा बना देती है।
- शम्भु की मां सोहागी शुम्भु को बेरोजगार रहने पर उलाहना देती है तो वह नौकरी की तलाश में धनबाद चला जाता है, किंतु नौकरी नहीं मिलती।
- भूख के मारे वह अपनी एकमात्र सम्पति कलम बेचना चाहता है, पर वहां उसे अपमान के सिवा कुछ नहीं मिलता।
- वहीं माधो नाम का एक गैर झारखण्डी कहता है कि झारखण्डी लोग काम चोर हैं, इसलिए गरीब हैं।
- इसी बीच रतिराम नाम का एक व्यक्ति स्टेशन तक बक्सा ले जाने को कहता है और बदले में उसे एक रूपैया देता है। बात-चीत के क्रम में रतिराम को जब पता चलता है कि शम्भु बी.ए. पास है, तब रतिराम उसे अपने घर के बच्चों को पढ़ाने का काम देता है।
- शम्भु रतिराम के घर में रहने लगता है, एक बार कवि गोष्ठी में शम्भु झारखण्डी जनता के शोषण एवं दुर्दशा पर कविता पाठ करता है, तो उसे खूब तारीफ मिलती है।
- रतिराम उसके इस गुण से बहुत प्रभावित होता है। इसी के साथ शम्भु नौकरी नहीं करने और गांव लौटकर गांव को महाजनी आतंक से मुक्त करने का संकल्प लेता है।
- शम्भु अपना संकल्प मां को बताता है, तो वह बहुत खुश होती है।
- शम्भु का गांव कालु राम नामक महाजन के आतंक से आतंकित है। बुर्जुग बताते हैं कि कुछ साल पहले कालुराम झारखण्ड के गांवों में भटकता मिला था। गांव के महतो ने उसे आश्रय दिया और अपने पशुओं की चरवाही का काम भी सौंपा। चरवाही से जो पैसा कालुराम को मिलता उसे वह जरूरत मंद लोगों को सूद पर देने लगा और इस तरह वह धीरे-धीरे बड़ा महाजन बन गया।
- एक बार कालूराम पंचायत चुनाव भी लड़ता है और शम्भु, मंगला, समरी के साथ मिलकर लोगों को डरा-धमका कर चुनाव जीत भी जाता है।
- शम्भु अपने गांव लौटकर सिर्पता, मंगला, समरी, कमल के साथ मिलकर कालूराम के खिलाफ आंदोलन छेड़ देते हैं।
- कालूराम का बेटा रोहन भी अपने बाप को काली करतूतों को नापसंद करता है और वह भी शम्भु के आंदोलन में शामिल हो जाता है।
- कालू राम को अहसास होता है कि अब उसकी नहीं चलने वाली है, तो वह काशी चला जाता है और गांव के लोगों को गांव के विकास को कुंजी (चाभी-काठी) मिल जाती है।
- बाद में शम्भु द्वारा संचालित आंदोलन दूसरे क्षेत्रों में भी फैल जाता है।
चाभी काठी नाटक के प्रश्न
पहला दृश्य
“त्रिया चरित्रम पुरुषस्य भाग्यम देवो न जानाति कुतः मनुष्य “ यह कथा किस नाटक में प्रयुक्त है? चाभी काठी
- स्त्री का चरित्र और पुरुष का भाग्य देवता भी नहीं जानते, मनुष्य कैसे जान सकता है?,
दूसरा दृश्य
शंभू को किसने पढ़ाया लिखाया था? उसकी मां ने
शंभू के पिता का देहांत कब हुआ था ? शंभू के 10 वर्ष के आयु होने के पहले
तीसरा दृश्य
चाभी काठी नाटक में कालूराम साहूकार या जमींदार बनने के पहले क्या काम करता था ?
चौथा दृश्य
चाभी-काठी नाटक में शंभू काम की तलाश में कहां जाता है? धनबाद
चाभी-काठी नाटक में शंभू किस जिले का निवासी है? धनबाद
पांचवा दृश्य
संभू कितना पढ़ा लिखा है ? BA पास
रतिराम संभू को कहां पर काम देता है? स्कूल में
रतिराम संभू को स्कूल में काम करने के बदले उसे कितना रुपया देता है? ₹200
रतिराम ने उसके रहने का बंदोबस्त कहां किया था? स्कूल में
6वा दृश्य
मंगला को बुलाने के लिए कालूराम किस को भेजते हैं? संतु को
श्रीपति को पैसों की जरूरत किस के विवाह के लिए था ? भतीजा का
‘कालुराम श्रीपतिक नाम खाता से कटवेक ओइजीन की माँगल रहे? खस्सी
सातवा दृश्य
10Q.चाभी काठी नाटक में मुखिया में कौन खड़ा होता है ? कालूराम
आठवां दृश्य में
रतिराम को किस दृश्य में पता चलता है कि शंभू के अंदर कविता का भी गुण है? आठवां दृश्य
शंभू किस दृश्य में गांव जाकर गांव की सेवा करने का निर्णय लेता है ? आठवां दृश्य में
नोवा दृश्य
चुटरा के पिता का क्या नाम था ? मोती
चुटरा के माँता का क्या नाम था ? उल्लेख नहीं है (चुटरी माय )
मोती शुरुआत में क्या काम करता था ? किरानी
मोती वर्तमान में क्या काम करता है ? ऑफिस का साहब
मोती का ट्रांसफर कहां हुआ है ? पटना
दसवां दृश्य
किस दृष्टि में शंभू नौकरी छोड़कर गांव आता है ? दसवां दृश्य
11वा दृश्य
रमुआ की पत्नी जब बीमार था तो उसके लिए डॉक्टर किसने लाया था ? शंभू ने
“भगवान ककरो बेटा देत तो शंभू एहसन ,वाह रे बेटा” यह किसने कहा था ? खेपा ने
12वा दृश्य
समरी कैसी महिला थी ? विधवा महिला
समरी ने अपने पति के भोज के लिए कितना मन का खेत को गिरवी रखा था ? 30 मन खेत
समरी ने अपने पति के भोज के लिए खेत को किसके पास गिरवी रखा था ? कालूराम
समरी ने अपने पति के भोज के लिए खेत को कितने वर्ष के लिए गिरवी रखा था ? 7 वर्ष
13 वा दृश्य
मंगल के किस स्थान पर स्थित खेतों को चोरों ने काट लिया था ? रंगा घुटुक
मंगल का कितना सूद हो गया था ? 500 सौ
मंगल का धक्का देकर बाहर कौन निकाल देता है ? सिंह जी
सूद ना चुकाने के कारण मंगल के गाय को कौन हड़प लेता है ? कालूराम
14 वा दृश्य
समरी अपना जमीन वापस कालूराम से किस दृश्य में मांगती है? 14 वा दृश्य
15 वा दृश्य (धनीराम-कालूराम )
पंचानन बाबू किस पार्टी के उम्मीदवार थे ? कांग्रेस के
पंचानन बाबू का मीटिंग किस स्थान पर होना तय था ? पिपराटांडी
16 वा दृश्य (चुटरा चुटरी )
दमयंती का वर्णन किस दृश्य में है ? 16 वा दृश्य
दमयन्ती कइसन पात्र रहीक ? एक शिक्षित युवती.
17 वा दृश्य
18 वा दृश्य (सन्तु कालूराम )
कालूराम किसे बंदूक लेकर तैनात रहने के लिए कहता है ? मोहन को
शंभू कालूराम से चंदा क्यों मांगता है ? स्कूल बनाने हेतु
शंभू कालूराम से कितना चंदा मांगता है ? 500 रुपया
कालूराम के कितने बच्चे थे ? एक बेटा
19 वा दृश्य
20 वा दृश्य
कालूराम का बेटा का क्या नाम था ? रोहन
कालूराम अपना सारा संपत्ति का चाबी काठी सौंपकर कहां जाने का निर्णय करता है ? काशी
अन्य प्रश्न
‘चुटरी माय कइसन पात्र रहीक? विदुष्शक की पत्नी
‘समरी कइसन पात्र रहीक ? राँड़ी औरत (विधवा )
‘कालूराम कर लठैत रहथ ? संतु,सिंह जी
‘कालुराम’ चाभी काठी केकरा देल ? शंभु के
“सूद-सूदेक सूद, तकर सूद तकर सूद-तकर सूद देते-देतहमर दूयो हाथें गट्ठा भै गेल ताव तोर वसुले नाय भेलो। बापेक लेल रीण एखनू हमर माथे चढले हे। ईकथन टा केकर लागइ ? मंगल
‘कालुराम’ खातिर करमी कोन चीज कर दलाली करीक ?अइयासी खातिर लड़की खोजेक
चाभी-काठी नाटक कर नायक संभु में कुछ समीक्षक केकर प्रतिबिम्ब देख हथ ? बिनोद बिहारी महतो
चाभी-काठी नाटक कर नायक संभु कते पढ़ रहे? बी. ए.
चाभी-काठी नाटक केकर लिखल लागे ? श्रीनिवास पानुरी
‘चाभी-काठी’ नाटक कर प्रकाशक लागे ? बालीडीह खोरठा कमिटी, बोकारो
‘चाभी-काठी’ नाटक कर प्रकाशन बछर लागे ? 2006
‘चाभी-काठी’ नाटक कर भूमिका कोन लिखल हथ? गिरिघारी गोस्वामी
‘चाभी-काठी’ नाटक में ‘दो शब्द’ कोन लिखल हे? अर्जुन पानुरी
‘चाभी-काठी’ नाटक में ‘उद्गार’कोन लिखल हे ? राम लीला रवानी
‘चाभी-काठी’ नाटक में लेखक परिचय कोन लिखल हे विनोद रवानी
‘चाभी-काठी’ नाटक में कइगो दृश्य हे ? 20
‘चामी -काठी’ नाटक में कइगो अंक हे? अंकेक नाम नाञ हे.
‘चाभी -काठी’ नाटक में कइगो पुरूस पात्र हथ ? 15
‘चाभी -काठी’ नाटक में कइगो जनी (स्त्री) पात्रग ? 05
‘चामी-काठी’ नाटक कर मुइख पात्र (नायक) लागे? शंभु
‘चामी-काठी’ नाटक कर प्रतिनायक कोन हे? कालुराम
‘कालुराम कर मुंशीक नाम रहे? फकीरा
‘शंभु के सहरें नोकरीञ कोने राखल रहे? रतिराम
चामी-काठी नाटकें विदुषक कोन रहे? मोती
‘शंभु कर मायेक नाम रहइ? सोहागी
‘करमी कइसन औरत रहीक? दलाल औरत