Home / Jharkhand / Khortha / सेंवातिक बंउड़ी मेला खोरठा शिष्ट गीत – सोहान लागे रे किताब (शिष्ट गीत संग्रह/गोछ) JSSC Khortha Notes

सेंवातिक बंउड़ी मेला खोरठा शिष्ट गीत – सोहान लागे रे किताब (शिष्ट गीत संग्रह/गोछ) JSSC Khortha Notes

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

सेंवातिक बंउड़ी मेला – (सेंवातिक पहाड़ का मकर संक्रांति मेला)


नाम – सुभद्रा कुमारी
जन्म तिथि- 09 फरवरी 1978
जन्म स्थान – पुरुलिया, पश्चिम बंगाल
पता – नारायणपुर, नावाडीह, बोकारो
पिता का नाम – चुरामन महतो
माता का नाम –सुलोचना महतो
कार्य – शिक्षक

हिंदी भावार्थ-

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

बोकारो जिले के सेंवातिक पहाड़ पर प्रतिवर्ष बउड़ी- मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेला का सरल सहज शब्दों एवं वर्णनात्मक शैली में वर्णन किया गया है।यह गीत गीतकार सुभद्रा कुमारी की सहज अनुभूति की सहज अभिव्यक्ति है ।

इस सेंवाती पहाड़ पर चढ़ना उतरना बहुत कठिन है फिर भी हर वर्ष बंउड़ी मकर संक्रांति के अवसर पर चारों तरफ के लोग सेंवाती पहाड़ पर एकत्रित हो जाते हैं। पहाड़ चढ़ते उतरते समय प्यास के मारे गला सुखने लगता है पर सुखद संयोग है नदी नालों में बहता हुआ स्वच्छ पानी पत्ते के सकोरे (दोना) से उठाकर पीते है और लोग प्यास बुझाते हैं।

Also Read:  संज्ञा खोरठा व्याकरण ।। Khortha Grammar Notes

लोग मेलें में सखुवे के पत्ते से बने खाला (बड़े आकार का दोना) में मिठाइयाँ खरीदते हैं और सब परिवार प्यार से खाते हैं।

सेंवाती पहाड़ पर लगने वाले मेले में चढ़ते-उतरते होने वाली कठिनाइयों के बावजूद लोग विभिन्न दिशाओं से भारी संख्या में दर्शक आते हैं अर्थात बहुत ही आकर्षक और आनंदप्रद है, सेवाती पहाड़ का बंउड़ी मेला |

गीत- सेंवातिक बंउड़ी मेला

हाइरे हामर सेवाँतिक मेला
चाइरो दनेक लोक कुधाइ गेला,
हाइरे हामर सेवाँतिक मेला ।
 
चढ़इते नाभइते भाला
माझे-माझे बहइ नाला,
नाला देखी पियास लागी गेला
हाइरे हामर सेवाँतिक मेला….
 
ठोनगी उठाइ पानी पिला।
चढ़ते गाड़ी ठेला
नाभइते बेरेक देला
माझे-माझे गाड़ी रोइक देला,
हायरे हामर सेवाँतिक मेला…
 
सारइ पतइ टिइप खाला
दिदी बोहनइ बुँदिया लेला
छोउवा पुता मिली सभीन खाइला,
हाइरे हामर सेवाँतिक मेला
चाइरो दनेक लोक कुधाइ गेला
हायरे हामर सेवाँतिक मेला ।

Leave a comment