Home / B.Ed Notes / शिक्षण और सीखने में सम्बन्ध | Relationship between Teaching and Learning B.Ed Notes

शिक्षण और सीखने में सम्बन्ध | Relationship between Teaching and Learning B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
Updated on:
Share via
Updated on:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

शिक्षण और सीखने में सम्बन्ध (Relationship between Teaching and Learning)

शिक्षण और सीखना दोनों एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। दोनों एक दूसरे पर निर्भर हैं. दोनों को एक ही मुद्रा के दो पहलू कहा जा सकता है। शिक्षा से संबंधित जो भी गतिविधियां की जाती हैं। इनसे सीखने में मदद मिलती है. शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से ही व्यक्ति अनुभव प्राप्त करता है और परिणामस्वरूप उसके व्यवहार में परिवर्तन आता है।

शिक्षण और सीखने में सम्बन्ध | Relationship between Teaching and Learning B.Ed Notes

शिक्षण और सीखने में सम्बन्ध एक महत्वपूर्ण और गहरा संबंध है। शिक्षण एक संगठित तरीके से ज्ञान, कौशल और अनुभव को अद्यतित करने का प्रक्रिया है, जबकि सीखना एक स्वतंत्र और निरंतर प्रक्रिया है जिसमें हम नई जानकारी प्राप्त करते हैं और उसे समझते हैं।

शिक्षण और सीखने का महत्वपूर्ण अंश है उनका संयोजन। शिक्षण प्रक्रिया में हम विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके ज्ञान को सीखने का प्रयास करते हैं, जबकि सीखने की प्रक्रिया में हम अपने पूर्वज्ञान को बढ़ावा देते हैं और उसे नई जानकारी से जोड़ते हैं। यह संयोजन शिक्षण और सीखने को एक पूर्णता और संपूर्णता की ओर ले जाता है।

Also Read:  PPT Full Form with its definition and importance.

शिक्षण और सीखने का संबंध सिर्फ विद्यालयों और कक्षाओं तक ही सीमित नहीं होता है। हम जीवन के हर क्षेत्र में नई बातें सीख सकते हैं। शिक्षण और सीखने के माध्यम से हम नए रोजगार कौशल प्राप्त कर सकते हैं, नई भाषाएँ सीख सकते हैं, नए विचारों को समझ सकते हैं और नई कला और साहित्य का आनंद ले सकते हैं।

शिक्षण और सीखने में सम्बन्ध एक अटूट बंधन है जो हमें नये और बेहतर बनाने में मदद करता है। यह हमें नवीनता, समझदारी और समर्पण की भावना देता है और हमें अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की ओर ले जाता है।

Also Read:  Understanding Intelligence: Types and Significance

बर्टन ने एक स्थान पर कहा है-

सीखने की दृष्टि से शिक्षण उत्तेजक का काम करता है. मार्गदर्शक का काम करता है और प्रोत्साहक का काम करता है।

बर्टन के कथन का भाव यह है कि सीखने की दृष्टि से शिक्षण एक प्रेरक तत्व है।

स्मिथ का कथन है- शिक्षण विभिन्न क्रियाओं का वह पुञ्ज है जिससे सीखने में प्रेरणा प्राप्त होती है।”

उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षण एवं अधिगम एक दूसरे से इस प्रकार जुड़े हुए हैं कि शृंखला की एक कड़ी दूसरी से जुड़ी हुई है। इसे ग्राफिक रूप से इस प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है-

मैकडोनल्ड ने सीखने की प्रक्रिया को समझाने के लिए इसे चार अंशों में विभाजित किया है। ये चार अंश हैं-

Also Read:  निर्देशन के प्रकार | Types of Guidance B.Ed Notes

(1) शिक्षण

(2) सीखना

(3) पाठ्यक्रम

(4) अनुदेशन

ये चारों भी श्रृंखला की कड़ियों के समान आपस में जुड़े हैं। इस रेखाचित्र को इस प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-

Photo of author
Published by
Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

Related Posts

Leave a comment