राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण परिषद् क्या है?
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संगठन है जो शैक्षिक विकास और उन्नति को संचालित करने के लिए निर्धारित कार्यों का निर्माण और संचालन करता है। NCERT शिक्षा और पाठ्यक्रम विकास, शिक्षा सामग्री का निर्माण, शिक्षा नीति और प्रशिक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान करता है।
NCERT के प्रमुख कार्य
NCERT भारतीय शिक्षा प्रणाली के विकास और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शैक्षिक नीति और पाठ्यक्रम के विकास के लिए अनुसंधान करता है और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा तक के पाठ्यक्रम को तैयार करता है। NCERT ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए विभिन्न उपायों की व्याख्या की है और इसे अपनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीतियों की सिफारिश की है।
NCERT की गतिविधियाँ
NCERT विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है जो शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के लिए उपयोगी होते हैं। यह संगठन शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम विचारों और अद्यतनों को बढ़ावा देता है। NCERT विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्य सामग्री, गतिविधियों, प्रश्न पत्रों, मॉडल पेपरों का निर्माण करता है और उन्हें शिक्षा के लिए उपलब्ध कराता है।
NCERT के पाठ्यक्रम
NCERT भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम तैयार करता है। इन पाठ्यक्रमों में विभिन्न विषयों की पुस्तकें, अभ्यास पुस्तिकाएं, गाइड बुक्स, विज्ञान प्रयोगशाला की जरूरतों के लिए उपकरण और अन्य संबंधित सामग्री शामिल होती है। ये पाठ्यक्रम विभिन्न स्तरों के छात्रों के लिए उपयोगी होते हैं और उन्हें विभिन्न विषयों में गहराई से पढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं।
NCERT के प्रमुख उद्देश्य
NCERT के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- शैक्षिक अनुसंधान और विकास करना
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना
- शैक्षिक सामग्री के निर्माण करना
- शिक्षा में नवाचारों को प्रोत्साहित करना
- शिक्षा में तकनीकी और विज्ञान के उपयोग को बढ़ावा देना
- शिक्षा को सभी के लिए समान बनाना
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण परिषद् (NATIONAL COUNCIL OF EDUCATIONAL RESEARCH AND TRAINING-NCERT)
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् जो एक स्वायत संगठन है जिसे सितम्बर 1961 में स्कूली शिक्षा तथा शिक्षक प्रशिक्षण में गुणात्मक सुधार लाने के लिए स्थापित की गई थी। यह स्कूली शिक्षा तथा शिक्षक-प्रशिक्षण के क्षेत्र में नीतियों और वृहत कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने में सरकार के लिए शैक्षिक सलाहकार का कार्य करती है।
इसमें निम्नलिखित को सदस्यता प्राप्त है-
- भारत सरकार का शिक्षा परामर्शदाता
- दिल्ली विश्वविद्यालय का कुलपति
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का चेयरमैन
- प्रत्येक राज्य सरकार का एक-एक प्रतिनिधि
- भारत सरकार द्वारा मनोनीत 12 सदस्य
इस परिषद के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
- विद्यालय शिक्षा से सम्बन्धित अध्ययन एवं पर्यवेक्षण करना
- विद्यालय – शिक्षकों के लिए उन्नत स्तर के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करना। शैक्षिक विस्तार सेवाओं को संगठित करना।
- विद्यालयों में उन्नत शैक्षिक प्रविधियों एवं व्यवहारों को लागू करना।
- विद्यालय शिक्षा से सम्बन्धित मामलों में विचारों तथा सूचनाओं के लिए एक निकासीगृह (Clearing house) के रूप में कार्य करना।
परिषद् अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए
- राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (National Institute of Education-NIE) नई दिल्ली,
- केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली (Central Institute of Educational Technology-CIET),
- पण्डित सुन्दरलाल शर्मा सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजूकेशन (Pandit Sundar Lal Sharma Central Institute of Vocational Education-PSSCIVE), भोपाल, अजमेर, भुवनेश्वर और मैसूर स्थित क्षेत्रीय शिक्षा कॉलेजों (Regional Colleges of Education- RCE)
तथा सम्पूर्ण देश में अधिकतर राज्यों की राजधानियों में स्थित 17 क्षेत्रीय कार्यालयों सहित विभिन्न संघटकों के माध्यम से अनुसन्धान, विकास, प्रशिक्षण विस्तार तथा शैक्षिक नवाचारों के प्रसार आदि से सम्बन्धित कार्यक्रमों को संचालित करता है परिषद् निम्नलिखित उत्क्रमित क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है-
- प्रारम्भिक शिक्षा का सर्वसुलभीकरण (Universalization of Elementary Education)
- महिलयों की समानता के लिए शिक्षा
- प्रतिभा खोज
- शिक्षक शिक्षा शिक्षा का व्यावसायिकरण
- शैकक्षिक प्रोद्योगिकी
- प्रकाशन एवं प्रसार
NCERT के लाभ
NCERT के उपयोग से छात्रों को विभिन्न विषयों में गहराई से समझने का अवसर मिलता है। इसके पाठ्यक्रमों में शिक्षा के मूल सिद्धांतों को मजबूती से आधार बनाया जाता है और छात्रों को अच्छी तरह से तैयार किया जाता है। NCERT की पाठ्य सामग्री सर्वोत्तम गुणवत्ता की होती है और छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करती है।
इस प्रकार, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण परिषद् भारतीय शिक्षा प्रणाली के विकास और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शिक्षा में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षार्थियों को उचित सामग्री और संसाधन प्रदान करता है।