Home / Jharkhand / Khortha / मिली के रहिहा शिष्ट गीत – Sohan Lage Re Khortha Book । Jssc Khortha Notes

मिली के रहिहा शिष्ट गीत – Sohan Lage Re Khortha Book । Jssc Khortha Notes

Last updated:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

मिली के रहिहा शिष्ट गीत सोहान लागे रे khortha Book

हिंदी अर्थ – मिलकर रहना

गीतकार/रचनाकार/गायक का नाम – प्रदीप कुमार ‘दीपक’ उपनाम – दीपक

जन्मतिथि – 24 जनवरी 1964

जन्म स्थान – भेंडरा, बोकारो

पिता का नाम – फिरंगी विश्वकर्मा

माता का नाम – सुमित्रा देवी

For Khortha Notes Click here

गीतकार का शिक्षा – मैट्रिक (1981), B. A (1998)

जीवन आपन के लिए पेशा– 1988 ई से डाकघर में सहायक रूप में कार्यरत

रचना– छीन लेलक सोनाक थारी (कविता), मिली के रहिहा(कविता), कखन हतक भोर (कविता)

उद्देश्य – भारत देश की एकता (अनेकता में एकता) को बचाए रखने की बात कहीं गई है।

गीतकार इस गीत के माध्यम से देश के लोगों को मिलजुलकर प्यार से, एक साथ रहने की बात और देश की एकता अखंडता को बनाए रखने का संदेश देते हैं।

सरलार्थ – हे भारत वासियों हर किस्म का भेदभाव मिटाकर एक साथ रहना। कंधे से कंधा मिलाकर (कांधाजोरी) अर्थात सभी एक-दूसरे के सुख-दुख के सहभागी बनना।

Also Read:  लिंग खोरठा व्याकरण ।। Khortha Grammar Notes ।। Ling Khortha Grammar Notes

हे भारतवासियों, कश्मीर की मिट्टी को चंदन के समान अपने माथे पर लगाना। कन्याकुमारी के जल को अपनी अंजुरी में रखकर सभी कसम खाओ कि हम धरम-जाति के नाम पर आपस में नहीं लड़ेंगे।

हे भारतवासियों, भारत मां की रक्षा के लिए न जाने कितने वीर शहीद हो गए। रक्त की धार बहाकर अपनी जान की कुर्बानियां देकर हमने आजादी रूपी चिड़िया को पाया है। अतः इस बहुमूल्य/अमूल्य आजादी रूपी चिड़िया को बचाकर रखना / उड़ने मत देना/ खोना मत।

हे भारतवासियों, हमारा देश अनेकता में एकता का देश है। यहां होली, दिवाली, क्रिसमस, गुरु पर्व, ईद आदि विभिन्न प्रकार के पर्व त्योहार मनाए जाते हैं। विभिन्न प्रकार की जातियों, प्रजातियों, धर्म, संप्रदायों, भाषा-बोलियों सभी पुष्पों से शोभायमान है हमारा भारत रुपी बाग।

हे भारतवासियों, इस देश में अलग-अलग कई प्रांत (राज्य) है। ये सभी अलग-अलग प्रांत भारत माँ के आंगन में शोभायमान है। सभी प्रांत अलग-अलग है पर पूरे भारत के नागरिकों को किसी भी प्रांत में जाकर निवास करने की मनाही नहीं है। किसी भी प्रांत का नागरिक किसी भी प्रांत में रोजी-रोजगार के सिलसिले में या अन्य कामों के लिए जा सकता है, निवास कर सकता है।

हे भारतवासियों, तुम ऐसा समझना जैसे भारत तुम्हारी मां है और तुम सभी उस मां के गोद के बच्चे हो।

Leave a comment