पाठ्यक्रम का महत्व | Significance of the Curriculum B.Ed Notes

पाठ्यक्रम क्या है?

पाठ्यक्रम एक योजना होती है जिसमें विभिन्न विषयों की शिक्षा दी जाती है। यह एक संरचित ढंग से विशेष समयावधि में पूरा किया जाता है और छात्रों को नई ज्ञान और कौशलों को सीखने का अवसर प्रदान करता है। पाठ्यक्रम छात्रों को एक निश्चित अवधि तक एक साथ रखता है और उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता है।

Significance of the Curriculum B.Ed Notes - Sarkari DiARY

पाठ्यक्रम का महत्व

पाठ्यक्रम शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह छात्रों को न केवल ज्ञान और कौशलों का विकास करने का मौका देता है, बल्कि उन्हें सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।

1. ज्ञान और कौशलों का विकास: पाठ्यक्रम छात्रों को विभिन्न विषयों में ज्ञान और कौशलों का विकास करने का अवसर प्रदान करता है। यह उन्हें नई जानकारी का संचार करता है और उन्हें बेहतर विचारधारा और नए कौशल सिखाता है।

2. सामाजिक दृष्टिकोण: पाठ्यक्रम छात्रों को सामाजिक दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों के बारे में जागरूक करता है और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने के लिए उन्हें प्रेरित करता है।

3. आर्थिक दृष्टिकोण: पाठ्यक्रम छात्रों को आर्थिक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। यह उन्हें व्यावसायिक और आर्थिक ज्ञान का विकास करता है और उन्हें आर्थिक समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रेरित करता है।

पाठ्यक्रम को शिक्षा का आधार माना जाता है। पाठ्यक्रम इस प्रकार का होना चाहिए जो बालक की सम्पूर्ण आवश्यकताओं की निरन्तर पूर्ति करता हो क्योंकि पाठ्यक्रम बालक के सम्पूर्ण विकास में सहायक होता है।

पाठ्यक्रम छात्रों के जीवन काल में निम्न कारणों से महत्वपूर्ण है-

  • पाठ्यक्रम छात्र अथवा अध्यापक के सम्बन्धों को मजबूत करता है। जिससे छात्र के द्वारा अध्यापक पाठ्यक्रम से सम्बन्धित विभिन्न क्रियाएँ करवाता है।
  • पाठ्यक्रम शिक्षा के विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करता है। अर्थात् बालक के विकास (ज्ञानात्मक व शारीरिक) से सम्बन्धित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर उसके विकास में सहायता प्रदान करता है।
  • अध्यापक पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों के मानसिक, शारीरिक, नैतिक, सांस्कृतिक, संवेगात्मक, आध्यात्मिक तथा सामाजिक विकास के लिए प्रयास करता है।
  • पाठ्यक्रम द्वारा छात्रों को ‘जीवनकला’ (Art of living) में प्रशिक्षण के अवसर प्राप्त होते हैं। अर्थात् कौन-सा छात्र किस प्रकार अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में समर्थ हो सकता है। इसकी प्राप्ति छात्र को पाठ्यक्रम के अनुसार कार्य करने पर ही होती है।
  • पाठ्यक्रम द्वारा अध्यापकों को दिशा-निर्देश प्राप्त होता है। छात्रों के लिए लक्ष्य निर्धारित होने से उनमें एकात्मकता आती है तथा वे नियमित रहकर कार्य करते हैं।
  • पाठ्यक्रम एक प्रकार से अध्यापक के पश्चात् छात्रों के लिए पथ-प्रदर्शक होता है। पाठ्यक्रम में पाठ्यविषयों के साथ-साथ स्कूल के सारे कार्य सम्मिलित किए जाते हैं।
  • पाठ्यक्रम का छात्र के जीवन में महत्व है जिसके द्वारा हृष्टपुष्ट बालकों का निर्माण किया जाता है तथा बालकों में उपयुक्त मानसिक एवं शारीरिक दृष्टिकोणों व आदतों का विकास किया जाता है।

पाठ्यक्रम के लाभ

पाठ्यक्रम के कई लाभ हैं जो छात्रों को सक्षम बनाते हैं और उन्हें सफलता की ओर ले जाते हैं।

1. नई ज्ञान प्राप्ति: पाठ्यक्रम छात्रों को नई ज्ञान प्राप्त करने का मौका देता है। यह उन्हें नए विषयों के बारे में सूचित करता है और उन्हें नई जानकारी का संचार करता है।

2. कौशल विकास: पाठ्यक्रम छात्रों के कौशल विकास को बढ़ावा देता है। यह उन्हें नए कौशल सिखाता है और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में माहिर बनाता है।

3. स्वतंत्रता का विकास: पाठ्यक्रम छात्रों को स्वतंत्रता का विकास करने में मदद करता है। यह उन्हें स्वतंत्रता के साथ नए विचारों को स्वीकार करने की क्षमता प्रदान करता है और उन्हें स्वतंत्रता से अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर होने की सामर्थ्य देता है।

संक्षेप में

पाठ्यक्रम शिक्षा के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह छात्रों को ज्ञान और कौशलों का विकास करने का मौका देता है और उन्हें सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करता है। पाठ्यक्रम छात्रों को सक्षम बनाते हैं और उन्हें सफलता की ओर ले जाते हैं।

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