व्यक्ति विशेष की वैसी अक्षमता जो उस व्यक्ति की दृष्टि में बाधा उत्पन्न करती है दृष्टि अक्षमता कहलाती है।
दृष्टि अक्षमता को परिभाषित करने के लिए दो तरह की परिभाषाएँ प्रचलित हैं- (i) विधिक (ii) शैक्षिक
- विधिक परिभाषा (Legal Definition) – निःशक्त व्यक्ति अधिनियम (1995) के तहत अंधे और कम दृष्टि वाले व्यक्ति को दृष्टि अक्षम की श्रेणी में रखा गया है। इस अधिनियम के मुताबिक- ‘अंधता’ उस अवस्था को निर्दिष्ट करती है जहाँ कोई व्यक्ति निम्नलिखित अवस्था में से किसी से ग्रसित हैं :
- दृष्टि का पूर्ण अभाव
- सुधारक लेंसों के साथ बेहतर नेत्र में दृष्टि की तीक्ष्णता जो 6/60 या 20/200 (स्नेलन) से अधिक न हो
- दृष्टि क्षेत्र की सीमा जो 20 डिग्री कोण वाली या उससे बदतर हो ।
- यहाँ दृष्टि तीक्ष्णता 20/200 का मतलब है: सामान्य दृष्टि वाला व्यक्ति 200 फीट तक की वस्तु को रूप से देख सकता है लेकिन जब व्यक्ति की दृष्टि उस हद तक अक्षम हो जाए कि उसी वस्तु को देखने के लिए उसे 20 फीट की दूरी सीमा के अधीन आना पड़े, तब वैसे व्यक्ति विधिक तौर पर दृष्टि अक्षम कहलाता है। विधिक रूप से अंधे व्यक्ति को कई तरह रियायत और सुविधाएँ भी मिलती हैं।
आंशिक दृष्टिदोष (Partially Sighted) – विधिक परिभाषा के अनुसार आंशिक दृष्टि दोष प्रस्त व्यक्ति वह है जिसमें सुधारक लेंसों के साथ बेहतर नेत्र में दृष्टि तीक्ष्णता 20/ 70 और 20/200 के बीच हो ।
वहीं निःशक्त व्यक्ति अधिनियम (1995) के तहत “कम दृष्टि वाला व्यक्ति’ से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जिसकी उपचार या मानक अपवर्तनीय संशोधन के पश्चात् भी दृष्टि क्षमता का ह्रास हो गया है, किन्तु जो समुचित सहायक युक्ति से किसी कार्य की योजना या निष्पादन के लिए दृष्टि का उपयोग करता है या उपयोग करने में संभाव्य रूप से समर्थ है।
2. शैक्षिक परिभाषा (Educational Definition) – शैक्षिक परिभाषा पठन- अनुदेश पर आधारित होता है शैक्षिक परिभाषा के अनुसार “उन व्यक्तियों को दृष्टिहीन व्यक्ति कहा जाता है जिनकी दृष्टि इतना अधिक अक्षमताग्रस्त हो कि ब्रेल लिपी के बगैर वे पढ़ना सीख नहीं सकते।”
दृष्टि अक्षमता की व्यापकता (Prevalence of Visual Impairment)- राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा वर्ष 2002 में कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार देश में दृष्टिहीन व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 20.13 लाख है और आंशिक दृष्टिदोष पीड़ित व्यक्तियों की संख्या 8.13 लाख है ।
दृष्टि अक्षम बच्चों के लक्षण-
- बार बार आँखों का मलना।
- आँख और हाथों के बीच का तालमेल कमजोर होना।
- आँखें से पानी आना।
- आँखों में जलन रहना ।
- आँखें लाल होना।
- धुंधला दिखाई देना।
- आँखों की पुतलियाँ सफेद होना ।
- आँखें आवश्यकता से बहुत बड़ी या बहुत छोटी होना ।
- आँखों से कीचड़ निकलना ।
- श्यामपट पर लिखी बातों को पढ़ने में कठिनाई महसूस करना ।
- श्यामपट पर लिखे कार्य को कॉपी पर उतारते वक्त दूसरे बच्चों से पूछना
- एक ही वस्तु के दो-दो रूप दिखाई पड़ना (xii) एक आँख ढ़क कर आगे की ओर चलना (xiii) चलने के क्रम में वस्तुओं से टकराना और टकराते हुए आगे बढ़ना।
- पुस्तक और अन्य चीजों को आँख के नजदीक लाकर देखना।
- जल्दी-जल्दी पलकें झपकाना।
- आँख की पुतलियों को घुमाने में कठिनाई होना।
- कनखी या ऐंची दृष्टि से देखना ।
- पढ़ने के क्रम में अक्सर इधर-उधर आँखें हिलाना । (xix) वर्ग-कक्ष में पठन-पाठन के दौरान सिरदर्द की शिकायत करना।
- दूर रखी वस्तुओं को देखते समय सिर को आगे-पीछे घुमाना
- पढ़ते-लिखते वक्त त्योरियाँ चढ़ना (xxii) आँख और हाथों के बीच का तालमेल कमजोर होना।