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अधिगमकर्ता की विशेषता पाठ्यक्रम निर्माण को किस तरह प्रभावित करता है?

Published by: Ravi Kumar
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अधिगमकर्ता की विशेषता पाठ्यक्रम निर्माण को कई तरह से प्रभावित करती है। अधिगमकर्ता की विशेषताओं में शामिल हैं:

  • आयु
  • कक्षा स्तर
  • पूर्व ज्ञान
  • रुचियां
  • सीखने की शैली
  • अधिगम क्षमता
  • आर्थिक स्थिति
  • सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

इन विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वह अधिगमकर्ताओं की सीखने की जरूरतों को पूरा करे।

आयु और कक्षा स्तर पाठ्यक्रम की सामग्री और प्रगति को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में प्रारंभिक गणित, भाषा और सामाजिक अध्ययन जैसे विषय शामिल होने चाहिए। जबकि उच्च विद्यालय के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में अधिक उन्नत विषय शामिल होने चाहिए, जैसे कि विज्ञान, गणित और इतिहास।

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पूर्व ज्ञान पाठ्यक्रम की सामग्री के चयन में भी महत्वपूर्ण है। अधिगमकर्ताओं के पास पहले से जो ज्ञान है, उसके आधार पर पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वह उनके मौजूदा ज्ञान को संवर्धित करे।

रुचियां पाठ्यक्रम की सामग्री और गतिविधियों को आकर्षक और प्रेरक बनाने में मदद करती हैं। अधिगमकर्ताओं की रुचियों को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम में ऐसी सामग्री और गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिए जो उन्हें सीखने के लिए उत्साहित करें।

सीखने की शैली पाठ्यक्रम के शिक्षण और मूल्यांकन के तरीकों को प्रभावित करती है। अधिगमकर्ताओं की सीखने की शैली को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वह विभिन्न सीखने की शैलियों के लिए अनुकूल हो।

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अधिगम क्षमता पाठ्यक्रम की कठिनाई स्तर को निर्धारित करने में मदद करती है। अधिगमकर्ताओं की अधिगम क्षमता को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वह उन्हें चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन अप्राप्य न हो।

आर्थिक स्थिति और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पाठ्यक्रम की सामग्री और गतिविधियों को प्रासंगिक बनाने में मदद करती हैं। अधिगमकर्ताओं की आर्थिक स्थिति और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वह उनके अनुभवों और परिप्रेक्ष्य से संबंधित हो।

अधिगमकर्ता की विशेषताओं को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम का निर्माण करने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि पाठ्यक्रम अधिगमकर्ताओं की सीखने की जरूरतों को पूरा करे और उन्हें प्रभावी ढंग से सीखने में मदद करे।

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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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