Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / शिक्षण से आप क्या समझते हैं | Teaching B.Ed Notes

शिक्षण से आप क्या समझते हैं | Teaching B.Ed Notes

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

शिक्षण क्या है

शिक्षण एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से ज्ञान, कौशल और सीख का प्राप्ति होता है। यह एक संगठित तरीके से ज्ञान को प्राप्त करने की प्रक्रिया होती है जिसमें एक गुरु या शिक्षक द्वारा ज्ञान का प्रदान किया जाता है। शिक्षण के माध्यम से हम नए और महत्वपूर्ण ज्ञान को प्राप्त करते हैं जो हमारी व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में मदद करता है।

अक्सर यह समझा जाता है कि शिक्षण का अर्थ बच्चे को विभिन्न विषयों का ज्ञान प्रदान करना है, लेकिन यह कहना पूरी तरह से सही नहीं है। जोसेफ लैंडन ने एक जगह कहा है- शिक्षण ज्ञान देने से कहीं अधिक है। तो फिर पढ़ाना क्या है? कुछ लोग कहते हैं- शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को एक निश्चित स्थान पर एक निश्चित योजना के अनुसार एक निश्चित अवधि के लिए ज्ञान प्रदान किया जाता है। अन्य लोग कहते हैं कि शिक्षा व्यक्ति का उसके परिवार, विद्यालय, मित्रों, व्यवसाय, सामाजिक जीवन तथा सम्पूर्ण वातावरण के साथ समायोजन है।

शिक्षण से आप क्या समझते हैं B.Ed Notes - Sarkari DiARY

शिक्षण क्यों महत्वपूर्ण है

शिक्षण हमारे समाज के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें समाज के साथी और उच्च स्तरीय नागरिक बनाता है। शिक्षा के माध्यम से हम न सिर्फ ज्ञान का प्राप्त करते हैं, बल्कि यह हमें संस्कार, मूल्यों, नैतिकता और सही और गलत के बीच अंतर को समझने की क्षमता भी प्रदान करता है। इसके अलावा, शिक्षा हमें अपनी सोच और विचारधारा को विकसित करने में मदद करती है और हमें स्वतंत्र और स्वयंसेवी बनाती है।

Also Read:  पाठ्यक्रम का अर्थ एवं परिभाषा || Meaning and definition of curriculum (B.Ed) Notes

शिक्षण के लाभ

शिक्षण के कई लाभ हैं। पहले तो, यह हमें ज्ञान का स्रोत प्रदान करता है जो हमें अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की ओर ले जाता है। इसके साथ ही, शिक्षा हमें सोचने की क्षमता और समस्याओं का समाधान करने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षा के माध्यम से हम अपनी क्षमताओं और रुचियों को विकसित कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

शिक्षण के तरीके

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

शिक्षण के कई तरीके हैं जो विभिन्न उम्र वर्गों के लिए उपयुक्त होते हैं। बच्चों के लिए, खेल-कूद और खेलने के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकास होता है और वे सहजता से नए ज्ञान को सीखते हैं। युवाओं के लिए, स्कूल और कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। यहां उन्हें विभिन्न विषयों में गहन ज्ञान प्राप्त होता है और उनकी सोचने की क्षमता विकसित होती है। वयस्कों के लिए, शिक्षा व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वे शिक्षा के माध्यम से नए कौशल सीख सकते हैं और अपनी करियर को आगे बढ़ा सकते हैं।

शिक्षण का महत्व

शिक्षा का महत्व असीम है। यह हमें समाज में स्थान बनाने में मदद करता है और हमें स्वतंत्र और स्वयंसेवी बनाता है। शिक्षा न केवल हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सीधा संबंध हमारे देश के विकास से भी होता है। एक शिक्षित और ज्ञानी समाज एक सशक्त और समृद्ध देश की नींव होता है। इसलिए, हमें सभी को शिक्षा को महत्व देना चाहिए और हमें अपने बच्चों को एक अच्छी शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।

Also Read:  अच्छे शिक्षण की विशेषताएँ | Characteristics of Good Teaching B.Ed Notes

शिक्षण का स्वरूप (Nature of Teaching)

शिक्षण की अवधारणा को ठीक-ठीक समझने के लिए आवश्यक है कि उसके स्वरूप और अर्थ पर विचार कर लिया जाए।

शिक्षण के स्वरूप के सम्बन्ध में विद्वानों ने इसको प्रस्तुत किया है-

(1) शिक्षण सम्बन्ध स्थापित करता है (Teaching Establines Relationship) – ये सम्बन्ध

  1. शिक्षक और बालक में सम्बन्ध
  2. शिक्षक और विषय में सम्बन्ध
  3. बालक और विषय में सम्बन्ध।

इस सम्बन्ध को स्थापित करना अध्यापक का दायित्व है। रायबर्न का कथन है कि यह कार्य करने के लिए अध्यापक को इन बातों का ज्ञान होना चाहिए-

  1. बालको के स्वभाव का ज्ञान
  2. अपने ‘स्व’ का ज्ञान
  3. विषय में रुचि और विषय का ज्ञान
  4. जो बातें बालक को प्रभावित करती हैं उनका ज्ञान
  5. राष्ट्र के जीवन मूल्यों का ज्ञान
  6. विषय को कैसे प्रस्तुत किया जाए ? इसका ज्ञान ।

(2) शिक्षण सूचना देता है (Teaching Gives Information) – विशेष रूप से प्रारम्भिक कक्षाओं में अध्यापक बालकों को कई प्रकार की सूचनाएँ देता है। बहुत सी ऐसी बातें हैं जिन्हें बताए बिना बालक जान ही नही सकते।

(3) शिक्षण सिखाता है (Teaching is Cause to Learn)- जब तक कुछ पढ़ाया नहीं गया, तब तक कुछ सीखा नहीं गया।

(4) शिक्षण वातावरण के साथ समायोजन स्थापित करने में सहायता देता है (Teaching Helps to Adjust With the Environment) सिम्पसन ने एक स्थान पर कहा है- शिक्षण एक साधन है जिसके द्वारा समाज बालकों को इस बात के लिए प्रशिक्षित करता है कि वे जिस वातावरण में रहेंगे, उसके साथ समायोजन स्थापित कर सकें।

Also Read:  Role of School Philosophy B.Ed Notes

(5) शिक्षण निर्देशन या पथ-प्रदर्शक है (Teaching is Guidance) – थॉमस रिस्क का कथन”शिक्षण को सीखने का मार्गदर्शन या निर्देशन कहा जा सकता है।

(6) शिक्षण सीखने का संगठन है (Teaching is an Organization of Learning)- जेम्स मरसेल ने कहा है- “शिक्षण सीखने का संगठन कहा जा सकता है।”

सीखने का संगठन इससे तात्पर्य है सीखने की प्रक्रिया में विभिन्न तत्वों में सम्बन्ध स्थापित कर उन्हें एक बनाना।

  1. बालक और उनके भेद ।
  2. शिक्षण विधियाँ।
  3. शिक्षण विषय।
  4. कक्षा की दशाएँ।
  5. सहायक सामग्री।
  6. प्रश्नोत्तर और लिखित कार्य।

(7) शिक्षण तैयारी का साधन है (Teaching is a Means of Preparation) – रायबर्न ने अपनी पुस्तक में कहा है- शिक्षण बालक को भविष्य के लिए तैयार होने में सहायता देता है।

(8) शिक्षण संवेगों का प्रशिक्षण हे (Teaching is Training of Emotions)- रायबर्न का विचार – बालक को स्थायी संवेगात्मक जीवन के विकास में सहायता देना शिक्षण है।”

(9) शिक्षण प्रेरणा देता है (Teaching gives Motivation)- प्रेरणा देने का अभिप्राय है- बालक किसी विषय में रुचि जाग्रत करना। जब वह कोई कार्य करने लगे तो बराबर उसे प्रोत्साहित करते रहना ताकि कार्य को पूरा करके ही दम लेऔर उसे बीच में उसे छोड़ न दे।

(10) शिक्षण क्रियाशीलता के लिए अवसर प्रदान करता है (Teaching Provides Opportunit pr Activity) – रायबर्न के मतानुसार प्रत्येक बालक में क्रियाशील होने की जन्मजात प्रवृत्ति होती है। शिक्षण का कार्य है-क्रियाशीलता की इच्छा को पूरा करने के लिए अवसर प्रदान करना ।

0 Comments
Oldest
Newest
Inline Feedbacks
View all comments