Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / श्रवण अक्षमता क्या है? What is hearing Impairment?

श्रवण अक्षमता क्या है? What is hearing Impairment?

Last updated:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

व्यक्ति विशेष की वैसी अक्षमता जो उस व्यक्ति में सुनने की बाधा उत्पन्न करती है श्रवण अक्षमता कहलाती है। इसमें श्रवण बाधित व्यक्ति अपनी श्रवण शक्ति को अंशत: या पूर्णतः गँवा देता है तथा उसे सांकेतिक भाषा पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे बच्चों को सामान्य स्कूलों में पढ़ाना कठिन होता है। ऐसे बच्चे किसी आवाज या ध्वनि के प्रति न तो संवेदनशील हो पाता है और न ही कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। बच्चों के कान की श्रवण शक्ति के ह्रास होने के कारण ऐसा होता है। कभी-कभी बच्चों की श्रवण क्षमता आशिक रूप से प्रभावित होती है। इस प्रकार के बहरेपन से पीड़ित बच्चे लगभग 5 फीट की दूरी पर हो रही बातचीत को सुन पाने में कठिनाई महसूस करते हैं। यदि इस प्रकार का बहरापन अधिक आयु में हो तो भाषा के विकास पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। श्रवण अक्षमता को विभिन्न विद्वानों ने विभिन्न प्रकार से परिभाषित करने का प्रयास किया है।

Also Read:  पाठ्यचर्या की परिभाषाएँ | Definitions of Curriculum B.Ed Notes

श्रवण अक्षमता को परिभाषित करते हुए कहा कि- “एक बधिर व्यक्ति वह है जिनकी श्रवण बाधिता 70 डेसीबेल हो और श्रवण यंत्र की सहायता से या उसके बगैर वह ध्वनियों को समझ नहीं पाता हो।”

वहीं यूनेस्को की विशेषज्ञ कमेटी (1985) ने श्रवण अक्षमता को परिभाषित करते हुए कहा कि- “बधिर बच्चे वैसे बच्चे होते हैं जिनमें अत्यधिक श्रवण अक्षमता ह्रास के चलते स्वाभाविक वाणी और भाषा का विकास अत्यंत या पूर्णतः नहीं हुआ हो।”

क्विगली एवं क्रिश्मर (1982) के अनुसार– “एक बधिर बच्चा या व्यक्ति वह है जिसमें 91 डेसीवेल या अधिक मात्रा में श्रवण क्षमता का सेन्सरी-न्यूरल हास हुआ हो।” मूर्स (1987) ने श्रवण अक्षमता को परिभाषित करते हुए कहा कि ” श्रवण अक्षमता व्यक्ति के श्रवण क्षमता में मामूली से संयत ह्रास है।”

Also Read:  Ranchi University B.Ed Study Material 2024

पाउल और क्विगली (1990) के अनुसार– ‘श्रवण अक्षमता का मतलब श्रवण क्षमता में संवत से अत्यधिक हानि है । निःशक्त व्यक्ति अधिनियम (1995) की धारा 2 (ड) के मुताबिक श्रवण शक्ति का ह्रास से अभिप्रेत है संवाद संबंधी रेंज की आवृत्ति में बेहतर कर्ण में साठ डेसीबेल या अधिक की हानि ।

श्रवण अक्षमता जन्मजात भी होता है और जन्म के बाद जिन्दगी के किसी काल में भी दोनों समूह के बीच वानी और भाषा संप्रेषण में अंतर होता है।

Leave a comment