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लेखन कौशल व पठन कौशल- उद्देश्य, विधियाँ और प्रकार B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
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लेखन कौशल व पठन कौशल उद्देश्य, विधियाँ और प्रकार

लेखन कौशल के उद्देश्य विभिन्न हो सकते हैं, लेकिन यहां कुछ मुख्य उद्देश्य दिए गए हैं:

  1. व्यक्ति की विचारशीलता और विचारों की स्पष्टता को व्यक्त करना: लेखन के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों, विचारशीलता, और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा कर सकता है। यह उनके विचारों को स्पष्ट और सुंदर रूप में प्रस्तुत करने में मदद करता है।
  2. ज्ञान और अध्ययन को बढ़ावा देना: लेखन कौशल व्यक्ति को विभिन्न विषयों पर अध्ययन करने की क्षमता प्रदान करता है। यह उन्हें विभिन्न स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है, जैसे कि पुस्तकें, लेख, अनुसंधान, और अन्य सामग्री।
  3. सामाजिक संवाद में भाग लेना: लेखन कौशल व्यक्ति को सामाजिक संवाद में भाग लेने की क्षमता प्रदान करता है। यह उन्हें अपने विचारों, अनुभवों, और दृष्टिकोणों को दूसरों के साथ साझा करने में मदद करता है।
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लेखन कौशल के उपाय

लेखन कौशल को सुधारने के लिए यहां कुछ सरल चरण हैं:

  1. विषय-वस्तु की पढ़ाई करें: अलग-अलग विषयों पर लिखी अलग-अलग शैली की किताबें पढ़ें।
  2. रोजाना लिखने का अभ्यास करें: कम से कम 5 पृष्ठ लिखने का अभ्यास करें।
  3. व्याकरण का अध्ययन करें: सामान्य व्याकरण के नियमों को जरूर पढ़ें।
  4. स्पष्ट और संक्षेपित लिखें: किसी भी वाक्य या पैराग्राफ को जरूरत से ज्यादा बड़ा न करें।
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यदि आप अपने लेखन कौशल को सुधारना चाहते हैं, तो ये चरण आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

पठन का अर्थ

पठन का अर्थ लिखी हुई सामग्री को पढ़ते हुए उसका अर्थ ग्रहण करने, उसके पश्चात् उस पर अपना मंतव्य (सोच, विचार) स्थिर करने और फिर उसके अनुसार व्यवहार करने से है। अर्थात् अर्थ एवं भाव को ध्यान में रखकर किसी लिखित भाषा को पढ़ना ही पठन कौशल कहलाता है।

पढ़न कौशल के उद्देश्य

पठन कौशल के उद्देश्य विभिन्न हो सकते हैं, लेकिन यहां कुछ मुख्य उद्देश्य दिए गए हैं:

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  1. व्यक्ति की विचारशीलता और विचारों की स्पष्टता को व्यक्त करना: लेखन के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों, विचारशीलता, और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा कर सकता है। यह उनके विचारों को स्पष्ट और सुंदर रूप में प्रस्तुत करने में मदद करता है।
  2. ज्ञान और अध्ययन को बढ़ावा देना: लेखन कौशल व्यक्ति को विभिन्न विषयों पर अध्ययन करने की क्षमता प्रदान करता है। यह उन्हें विभिन्न स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है, जैसे कि पुस्तकें, लेख, अनुसंधान, और अन्य सामग्री।
  3. सामाजिक संवाद में भाग लेना: लेखन कौशल व्यक्ति को सामाजिक संवाद में भाग लेने की क्षमता प्रदान करता है। यह उन्हें अपने विचारों, अनुभवों, और दृष्टिकोणों को दूसरों के साथ साझा करने में मदद करता है।
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पठन कौशल के उद्देश्य

  • वर्णमाला के सभी अक्षरों को पहचान कर पढ़ना।
  • विद्यार्थियों को तीव्र गति से पठन का अभ्यास कराना।
  • स्वाध्याय की आदत का विकास करना।
  • आत्मविश्वास जागृत करना।
  • छात्रों में एकाग्रता, तत्परता, रूचि जागृत करना।
  • उचित हाव-भाव के साथ पढ़ने के योग्य बनना।
  • दृश्य इन्द्रियों को क्रियाशील करना।
  • लेखक के मनोभावों को स्पष्ट ढंग से समझने की योग्यता विकसित करना।

पठन कौशल की विधियाँ

  • वर्ण उच्चारण विधि
  • अक्षर बोध विधि
  • ध्वनि साम्य विधि
  • देखो और कहो विधि
  • अनुकरण विधि

पठन शिक्षण की विधियाँवर्ण विधि

  • शब्द विधि
  • वाक्य विधि
  • ध्वनिसाम्य विधि
  • कविता विधि
  • साहचर्य/संगति विधि।
  • संयुक्त विधि…
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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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