Home / भारतीय स्थापत्य कला के विकास पर प्रकाश डालिए।

भारतीय स्थापत्य कला के विकास पर प्रकाश डालिए।

Published by: Ravi Kumar
Updated on:
Share via
Updated on:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

भारतीय स्थापत्य कला का विकास एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है, जो हजारों वर्षों से चली आ रही है। इस विकास में कई धर्मों, संस्कृतियों और राजनीतिक शक्तियों का योगदान रहा है।

प्रागैतिहासिक काल

भारतीय स्थापत्य कला का सबसे प्रारंभिक ज्ञात उदाहरण हड़प्पा सभ्यता के शहरों में पाए जाते हैं। इन शहरों में सड़कों की व्यवस्थित योजना, सार्वजनिक स्नानागार और मंदिरों के अवशेष पाए गए हैं। इन अवशेषों से पता चलता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग उन्नत स्थापत्य तकनीक जानते थे।

प्राचीन काल

भारतीय स्थापत्य कला का विकास प्राचीन काल में भी जारी रहा। इस काल में बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म का प्रसार हुआ, जिसका स्थापत्य पर गहरा प्रभाव पड़ा।

बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ ही स्तूप और चैत्य का निर्माण शुरू हुआ। स्तूप एक गोलाकार या अर्धगोलाकार संरचना है, जिसमें बुद्ध की पवित्र अवशेषों को रखा जाता है। चैत्य एक धार्मिक भवन है, जिसमें बुद्ध की प्रतिमा या चित्र रखे जाते हैं।

Also Read:  स्त्री आन्दोलन | Women Movement B.Ed Notes by Sarkari Diary

हिंदू धर्म के प्रसार के साथ ही मंदिरों का निर्माण शुरू हुआ। हिंदू मंदिरों की वास्तुकला में कई तत्वों का समावेश होता है, जैसे कि गर्भगृह, मंडप, स्तंभ, तोरण और शिखर।

प्रमुख प्राचीन भारतीय स्थापत्य स्थलों में शामिल हैं:

  • हड़प्पा सभ्यता के शहर, जैसे कि मोहनजो-दारो और हड़प्पा
  • बौद्ध स्तूप, जैसे कि साँची, अमरावती और एलोरा
  • हिंदू मंदिर, जैसे कि कांचीपुरम, खजुराहो और अमृतसर

मध्यकाल

मध्यकाल में भारतीय स्थापत्य कला में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। इस काल में मुस्लिम धर्म का प्रसार हुआ, जिसका स्थापत्य पर गहरा प्रभाव पड़ा।

मुस्लिम स्थापत्य में गुंबद, मीनार और मेहराब जैसे तत्वों का प्रमुख स्थान होता है। इस काल में कई महत्वपूर्ण मुस्लिम स्थापत्य स्थलों का निर्माण हुआ, जैसे कि ताजमहल, कुतुब मीनार और लाल किला।

Also Read:  VBU B.Ed Study Material 2024

आधुनिक काल

आधुनिक काल में भारतीय स्थापत्य कला ने पश्चिमी स्थापत्य से भी प्रभावित हुई है। इस काल में कई आधुनिक शैली के स्थापत्य स्थलों का निर्माण हुआ है, जैसे कि इंडिया गेट, राष्ट्रपती भवन और दिल्ली हवाई अड्डा।

भारतीय स्थापत्य कला की विशेषताएं

भारतीय स्थापत्य कला की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • सौंदर्य और सजावट

भारतीय स्थापत्य कला में सौंदर्य और सजावट का विशेष ध्यान दिया जाता है। मंदिरों, महलों और अन्य स्थापत्य स्थलों में मूर्तियों, नक्काशी और चित्रकारी का इस्तेमाल किया जाता है।

  • विविधता

भारतीय स्थापत्य कला में क्षेत्रीय विविधता देखने को मिलती है। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग शैलियों में स्थापत्य का निर्माण किया जाता है।

  • सांस्कृतिक विरासत

भारतीय स्थापत्य कला भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता का पता लगाने में मदद करती है।

Also Read:  पाठ्यचर्या विकास की प्रक्रिया B.Ed Notes

भारतीय स्थापत्य कला विश्व की सबसे समृद्ध और विविध स्थापत्य परंपराओं में से एक है। यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Photo of author
Published by
Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

Related Posts

Leave a comment