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पितृसत्ता के प्रकार, विशेषताएं, दोष एवं पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
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पितृसत्ता के प्रकार

पितृसत्ता एक सामाजिक व्यवस्था है जिसमें पुरुषों को महिलाओं के प्रति अधिकार और प्रभुत्व मिलता है। इसके प्रमुख प्रकार शासनिक, पारिवारिक

पितृसत्ता के प्रकार, विशेषताएं, दोष एवं पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति B.Ed Notes By Sarkari Diary
पितृसत्ता के प्रकार, विशेषताएं, दोष एवं पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति

और सामाजिक हैं। शासनिक पितृसत्ता में पुरुषों को सत्ता का अधिकार होता है जबकि पारिवारिक पितृसत्ता में पुरुषों को परिवार के नेतृत्व का अधिकार होता है। सामाजिक पितृसत्ता में पुरुषों को समाज में उच्चतम स्थान प्राप्त होता है।

पितृसत्ता की विशेषताएं

पितृसत्ता की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:

  • पुरुषों को सत्ता का अधिकार
  • महिलाओं की स्वतंत्रता की सीमाओं का अभाव
  • पुरुषों की अधिकारों का प्रमाणित होना
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पितृसत्ता के दोष

पितृसत्ता के कुछ मुख्य दोष हैं:

  • महिलाओं को समान अधिकार नहीं मिलता
  • महिलाओं को न्यायपूर्ण व्यवस्था में भागीदारी की सुविधा नहीं होती
  • महिलाओं को समाज में उच्चतम स्थान नहीं मिलता
पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति

पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति अत्यंत निराशाजनक होती है। महिलाओं को समान अधिकार और स्वतंत्रता की सुविधा नहीं मिलती है। उन्हें शिक्षा, रोजगार और न्यायपूर्ण व्यवस्था में भागीदारी की सुविधा से वंचित रखा जाता है। समाज में महिलाओं को उच्चतम स्थान प्राप्त नहीं होता और उन्हें समाजिक रूप से निर्धनता और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।

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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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