Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / Physical Science Pedagogy B.Ed Notes / विज्ञान की आवश्यकता

विज्ञान की आवश्यकता

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

प्रत्येक विषय की अपनी प्रकृति होती है व साथ ही प्रत्येक विषय के अध्ययन का एक उद्देश्य होता है। उदाहरण के लिए हिन्दी व अँग्रेजी विषय भाषा दक्षता प्रदान करते हैं, सामाजिक विज्ञान समाज से सम्बन्धित क्रियाओं व प्रक्रियाओं से अवगत करता है, गणित विषय संख्यात्मक योग्यता प्राप्त करने का माध्यम है आदि। इसी प्रकार विज्ञान विषय के भी कुछ मुख्य उद्देश्य हैं जिनकी प्राप्ति हेतु विज्ञान का विषय के रूप में अध्ययन किया जाता है। इनमें से कुछ मुख्य उद्देश्य निम्न प्रकार हो सकते है:

• गहन चिन्तन

• वैज्ञानिक रुझान

• संकल्पना और तथ्य, स्वयं जाँच करें एवं फिर विश्वास करें

• ज्ञानोपयोग को जानना

• सामाजिक आवश्यकता

• विषय एवं व्यावहारिक ज्ञान के मध्य अन्तर को कम करने हेतु

• सोच एवं वास्तविकता के मध्य अन्तर के विभिन्न स्तरों को समझना

Also Read:  भौतिक विज्ञान के विकास में प्रख्यात वैज्ञानिक डी ब्रॉगली की क्या भूमिका है?

• सोच व अनुभव को जोड़ना

विज्ञान केवल ज्ञान का भंडार नहीं वह इस ज्ञान के भंडार के अस्तित्व का कारण भी है। मूल रूप में यह प्रक्रिया ही है, प्रक्रिया का परिणाम नहीं। विज्ञान सीखना एक लंबी और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। आइए देखें यह प्रक्रिया क्या है?

विज्ञान एक प्रक्रिया

विज्ञान में सूचना एकत्रित करने का तरीका, विचार, मापन, समस्या का समाधान या विज्ञान सीखने की विधियाँ “विज्ञान की प्रक्रिया” कहलाती है। प्रक्रिया में निम्नलिखित क्रियाएँ शामिल की जा सकती हैं-

• किसी कार्य को संपूर्ण करने के चरण

• कार्य करने की विधियां और तरीके

• विभिन्न अवस्थाओं की योजना

• सूचनाएँ एकत्रित करना और उन्हें क्रमानुसार चरणों में व्यवस्थित करना।

ज्ञान निर्माण की प्रक्रिया

यह विज्ञान की एक सामान्य प्रक्रिया है जो कि अन्य प्रयासों में भिन्न हो सकती है। किसी विषय से सम्बन्धित ज्ञान के व्यवस्थित अध्ययन में विभिन्न चरण सामने आते हैं। अन्य चर्चा के बिन्दु के रूप में नियम व सिद्धान्त को देखा जा सकता है। नियम व सिद्धान्त में बहुत ही महीन सा फर्क होता है जिसमें नियम एक पूर्ण रूप होता है जिसकी समय-समय पर सत्यता जाँची गई है व जिसे जाँच के बाद प्रयोग हेतु सही माना गया है अर्थात प्रत्येक प्रयास में यह समान रूप से प्रभावी है व एक ही समान परिणाम प्राप्त होते हैं। सिद्धान्त समय व विभिन्न नई खोजों के आधार पर परिवर्तित किया जा सकता है अर्थात यह स्थायी नहीं है व इसे विभिन्न आधारों पर असत्य साबित किया जा सकता है।

Also Read:  विज्ञान और अन्य विषयों का संबंध | Relationship between Science and other Subjects

Leave a comment