Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / Knowledge and Curriculum Part-1 B.Ed Notes in Hindi / शिक्षार्थी की विशेषताएँ पाठ्यक्रम डिज़ाइन को कैसे प्रभावित करती हैं? | B.Ed Notes in Hindi

शिक्षार्थी की विशेषताएँ पाठ्यक्रम डिज़ाइन को कैसे प्रभावित करती हैं? | B.Ed Notes in Hindi

Last updated:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now


शिक्षार्थी की विशेषताएँ पाठ्यक्रम डिज़ाइन को कई तरह से प्रभावित करती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • शिक्षार्थियों की आयु और विकासात्मक स्तर: शिक्षार्थियों की आयु और विकासात्मक स्तर उनके सीखने की क्षमताओं और जरूरतों को निर्धारित करता है। उदाहरण के लिए, छोटे बच्चों को अधिक गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम की आवश्यकता होती है, जबकि बड़े बच्चों को अधिक जटिल विचारों और अवधारणाओं को समझने में सक्षम होने की आवश्यकता होती है।
  • शिक्षार्थियों की भाषा और संस्कृति: शिक्षार्थियों की भाषा और संस्कृति उनके सीखने को भी प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए, जिन शिक्षार्थियों की मूल भाषा अंग्रेजी नहीं है, उन्हें अंग्रेजी में सीखने के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
  • शिक्षार्थियों की प्रेरणा और रुचियाँ: शिक्षार्थियों की प्रेरणा और रुचियाँ उनके सीखने को भी प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, जिन शिक्षार्थियों को एक विषय में रुचि है, वे उस विषय में अधिक सीखने की संभावना रखते हैं।
  • शिक्षार्थियों की सीखने की शैली: शिक्षार्थियों की सीखने की शैली भी उनके सीखने को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, जो शिक्षार्थी श्रवणात्मक रूप से सीखते हैं, उन्हें अधिक मौखिक संवाद की आवश्यकता हो सकती है, जबकि जो शिक्षार्थी दृश्य रूप से सीखते हैं, उन्हें अधिक चित्र और आरेख की आवश्यकता हो सकती है।
Also Read:  पाठ्यचर्या विकास के निर्धारित तत्व क्या हैं? राजनीतिक सामाजिक आर्थिक परिस्थितियाँ इसे कैसे प्रभावित करती हैं | B.Ed Notes in Hindi
How do learner characteristics influence curriculum design B.Ed Notes By Sarkari Diary
How do learner characteristics influence curriculum design?

इन विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम डिज़ाइनर पाठ्यक्रम को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  • शिक्षार्थियों की आयु और विकासात्मक स्तर के अनुसार पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों का चयन करें।
  • शिक्षार्थियों की भाषा और संस्कृति के अनुरूप पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों का अनुवाद या अनुकूलन करें।
  • शिक्षार्थियों की प्रेरणा और रुचियों को बढ़ावा देने वाली पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों का चयन करें।
  • शिक्षार्थियों की सीखने की शैली को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों को प्रस्तुत करें।

उदाहरण के लिए, यदि एक पाठ्यक्रम डिज़ाइनर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए एक पाठ्यक्रम डिज़ाइन कर रहा है, तो उन्हें पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों का चयन करना चाहिए जो बच्चों की आयु और विकासात्मक स्तर के अनुरूप हों। उदाहरण के लिए, वे कार्टून, कविताएँ, और गाने जैसी गतिविधियों का उपयोग कर सकते हैं जो बच्चों के लिए आकर्षक और समझने में आसान हों।

Also Read:  वास्तविक शिक्षा के लिए वास्तविक दर्शन क्यों जरूरी है?

[catlist name=”bed-deled”]

यदि एक पाठ्यक्रम डिज़ाइनर बहुसांस्कृतिक कक्षा के लिए एक पाठ्यक्रम डिज़ाइन कर रहा है, तो उन्हें पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों का अनुवाद या अनुकूलन करना चाहिए जो विभिन्न संस्कृतियों के छात्रों के लिए उपयुक्त हों। उदाहरण के लिए, वे पाठ्यक्रम सामग्री में विभिन्न संस्कृतियों के उदाहरण और दृष्टिकोणों को शामिल कर सकते हैं।

यदि एक पाठ्यक्रम डिज़ाइनर प्रेरित और रुचि रखने वाले छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम डिज़ाइन कर रहा है, तो उन्हें पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों का चयन करना चाहिए जो छात्रों की रुचियों और आवश्यकताओं को पूरा करें। उदाहरण के लिए, वे पाठ्यक्रम सामग्री में वर्तमान घटनाओं या छात्रों के व्यक्तिगत अनुभवों से संबंधित उदाहरण शामिल कर सकते हैं।

Also Read:  अनुशासन-केंद्रित पाठ्यचर्या: परिभाषा और अर्थ | Discipline-focused curriculum: meaning and definition

यदि एक पाठ्यक्रम डिज़ाइनर विभिन्न सीखने की शैलियों वाले छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम डिज़ाइन कर रहा है, तो उन्हें पाठ्यक्रम सामग्री और गतिविधियों को विभिन्न सीखने की शैलियों को पूरा करने के लिए प्रस्तुत करना चाहिए। उदाहरण के लिए, वे पाठ्यक्रम सामग्री को मौखिक रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं, इसे लिखित रूप में प्रदान कर सकते हैं, या इसे दृश्य रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं।

शिक्षार्थी की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम डिज़ाइन करना महत्वपूर्ण है ताकि सभी शिक्षार्थियों को सफल होने का मौका मिले।

Leave a comment