Home / B.Ed Notes / सीखने की विशेषताएँ | Learning Characteristics B.Ed Notes

सीखने की विशेषताएँ | Learning Characteristics B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
Updated on:
Share via
Updated on:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

सीखना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें नई कौशल और ज्ञान की प्राप्ति करने का मौका देता है और हमारी व्यक्तित्विक विकास में मदद करता है। सीखने की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

सीखने की विशेषताएँ Learning Characteristics (B.Ed Notes) - Sarkari DiARY

सीखने की विशेषताएँ

योकम और सिम्पसन के मतानुसार सीखने की विशेषताएँ नीचे दी जा रही हैं-

(1) सीखना उद्देश्यपूर्ण है (Learning is Purposeful) – सीखने का कोई न कोई उद्देश्य होता है द्देश्य जितना प्रबल होगा, सीखने की क्रिया उतनी ही गतिशील होगी।

(2) सीखना अनुभवों का संगठन है (Learning is an Organization of Experiences) – केवल नवीन अनुभवों की प्राप्ति अथवा पुराने अनुभवों का जोड़ सीखना नहीं है अपितु नवीन और पुरातन अनुभवों का संगठन ही सीखना है।

(3) सीखना अभिवृद्धि है (Learning is Growth)- बालक विभिन्न क्रियाओं और अनुभवों के द्वारा जो कुछ सीखता है उससे उसकी शारीरिक और मानसिक अभिवृद्धि होती है।

Also Read:  Planning and Managing Inclusive Curriculum in Schools B.Ed Notes

(4) सीखना वातावरण की उपज है (Learning is the Product of Environment) – सीखना कभी शून्य में नहीं हो सकता। वह सदा उस परिवेश के प्रतिक्रियास्वरूप होता है जिसमें कोई बालक रहता है।

(5) सीखना व्यवहार को प्रभावित करता है (Learning Affects Behaviour) – यह पहले बतलाया जा चुका है कि सीखने के परिणामस्वरूप व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन होता है।

(6) सीखना खोज करना है (Leaming is Discovery)- जेम्स मर्सेल ने कहा है- सीखना उस बात को खोजने और जानने का कार्य है जिसे कोई व्यक्ति सीखना या जानना चाहता है।

(7) सीखना विवेकपूर्ण है (Learning is Rational)- सीखना यान्त्रिक क्रिया नहीं है। वह विवेकपूर्ण कार्य है उसी बात को शीघ्रता और सुगमता से सीखा जा सकता है, जिसमें बुद्धि या विवेक को काम में लाते हैं।

Also Read:  Kothari Commission - (1964-1966): Objectives and Recommendations.

(8) सीखने में क्रियाशीलता है (Learning is an Activity)- बालक तभी कुछ सीखता है जब स्वयं सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय होकर भाग ले।

(9) सीखना समायोजन है (Learning is an Adjustment)- बालक सीखकर नई परिस्थितियाँ के साथ सामाजिक परिवेश के साथ समायोजन कर सकता है।

(10) सीखना व्यक्तिगत भी है और सामाजिक भी (Learning is Individualistic as well as social)– सीखना व्यक्तिगत तो होता ही है परन्तु साथ ही साथ यह सामाजिक भी है क्योंकि बालक किसी न किसी सामाजिक परिवेश में रहकर ही सीखता है।

सीखने की विशेषताएँ हमें नयी चीजें समझने और अपने जीवन में उन्हें लागू करने में मदद करती हैं। इन विशेषताओं को विकसित करने के लिए हमें स्वयं को प्रोत्साहित करना चाहिए और निरंतर प्रयास करना चाहिए।

Photo of author
Published by
Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

Related Posts

Leave a comment