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शैक्षिक गुणवत्ता के निर्धारक कारक B.Ed Notes

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शैक्षिक गुणवत्ता के निर्धारक कारक

शैक्षिक गुणवत्ता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक रूप से चर्चा की जाती है। यह निर्धारक कारक उन सभी प्रभावों को संकेत करते हैं जो एक शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को मापने और मान्यता प्रदान करने में मदद करते हैं। इस लेख में, हम शैक्षिक गुणवत्ता के कुछ महत्वपूर्ण निर्धारक कारकों पर विचार करेंगे।

शैक्षिक गुणवत्ता के निर्धारक कारक B.Ed Notes - Sarkari DiARY

शिक्षा का व्यापकता

शिक्षा का व्यापकता एक महत्वपूर्ण निर्धारक कारक है जो शैक्षिक गुणवत्ता को मापता है। एक अच्छी शिक्षा प्रणाली को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सभी छात्रों के लिए समान रूप से उपलब्ध हो और उन्हें उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रदान करे। शिक्षा का व्यापकता भी यह दर्शाता है कि कितना संघटित और स्तरबद्ध शिक्षा प्रणाली है।

शिक्षा का सामग्री

शिक्षा का सामग्री भी एक महत्वपूर्ण निर्धारक कारक है जो शैक्षिक गुणवत्ता को प्रभावित करता है। एक अच्छी शिक्षा प्रणाली को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सामग्री विश्वसनीय, उपयोगी और मानवीय संसाधनों से भरपूर हो। शिक्षा का सामग्री छात्रों को नई ज्ञान और कौशल का संचार करने में मदद करनी चाहिए।

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शिक्षा का उपाय

शिक्षा का उपाय भी शैक्षिक गुणवत्ता का महत्वपूर्ण निर्धारक कारक है। एक अच्छी शिक्षा प्रणाली को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपाय अद्यतन और प्रभावी हों, और छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए उच्चतम स्तर की सुविधाएं प्रदान करें। शिक्षा के उपाय में शिक्षकों की प्रशिक्षण, संगठन की योजना और शिक्षा प्रणाली के लिए तकनीकी संसाधनों का उपयोग शामिल हो सकता है।

शैक्षिक गुणवत्ता के निर्धारक कारक (FACTORS AFFECTING THE QUALITY EDUCATION)

इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता निम्नांकित शैक्षिक कारकों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है-

  • शिक्षक उद्देश्यों की गुणवत्ता।
  • शैक्षिक गुणों का सामाजिक सन्दर्भ से मेल खाना।
  • शिक्षा संस्था के प्रशासन की गुणवत्ता। प्रधानाध्यापक का व्यवहार व उसकी प्रेरणा शक्ति ।
  • शिक्षा संस्था में शैक्षिक जलवायु की गुणवत्ता।
  • शिक्षा संस्था में शिक्षा हेतु प्रदान किया गया धन कितना है और उसका कैसे उपयोग किया जा रहा है ?
  • पाठशाला में सभी आवश्यक साज-सामान व शिक्षक अवश्य होने चाहिए।
  • शिक्षकों की योग्यता तथा उनके शिक्षण का स्तर।
  • शिक्षण संस्था में आवश्यक शिक्षणोपयोगी सामान की उपलब्धि और उसकी किस्म।
  • शिक्षा संस्था में पाठ्यक्रम की गुणवत्ता।
  • शिक्षा संस्था में प्रयोग में लाई जा रही पाठ्य पुस्तकों की गुणवत्ता।
  • शिक्षा संस्थान में परस्पर मानवीय सम्बन्धों की गुणवत्ता।
  • शिक्षकों के द्वारा निभाई गई उनकी भूमिकाओं (Role functioning) का स्तर।
  • शिक्षकों का सामाजिक उत्तरदायित्व (Accountability) व निष्ठा भावना का स्तर।
  • शिक्षको को अपना शिक्षण कार्य करने की स्वाधीनता का स्तर।
  • विद्यार्थियों के माता-पिताओं की विद्यालय से की जा रही आकांक्षाओं का स्तर।
  • विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही अभिप्रेरणा का स्तर।
  • शिक्षा संस्था में अन्य संस्थाओं की तुलना में उत्तम कार्य प्रदर्शन की प्रतियोगी भावना ।
  • शिक्षण में नई विधियों, नये शिक्षण प्रसार के साधनों (दृश्य व श्रव्य शिक्षा उपकरणों) का प्रयोग।
  • शिक्षा संस्था में नवाचार (Innovation)
  • शिक्षा संस्था में ली गई परीक्षाओं में ईमानदारी तथा कुशलता का स्तर।
  • शिक्षा संस्था के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के माता-पिताओं के पारस्परिक सम्पर्क व सहयोग का स्तर।
  • राजनेताओं तथा समाज के प्रभावी नेताओं का शिक्षा संस्था में कितना कम या अधिक हस्तक्षेप है ?
  • शिक्षा को आनन्दपूर्ण (Joyful) बनाया जाए। प्रस्तुत लेखक की पुस्तक ‘Joyful Learning’
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शैक्षिक गुणवत्ता के निर्धारक कारक शिक्षा प्रणाली को मान्यता प्रदान करने और उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं। यह निर्धारक कारक शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को मापने में मदद करते हैं और छात्रों को उनके शैक्षिक सफलता के लिए आवश्यक संसाधनों को प्रदान करते हैं।

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