पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रकार (B.Ed) Notes

पाठ्यक्रम योजना का एक दस्तावेज है जिसमें एक विशिष्ट पाठ्यक्रम के लिए शिक्षण के लक्ष्य, सामग्री और शिक्षण विधियां शामिल हैं। यह शिक्षकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि छात्रों को एक सुसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो।

पाठ्यक्रम के कई अलग-अलग प्रकार हैं, लेकिन कुछ सबसे आम में शामिल हैं:

  1. बाल केंद्रित पाठ्यक्रम (Child Centred Curriculum)
  2. विषय केंद्रित पाठ्यक्रम (Subject Centred Curriculum)
  3. कार्य / क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम (work/activity centred curriculum)
  4. अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम (Experience centred curriculum)
  5. शिल्पकला -केंद्रित पाठ्यक्रम (Craft Centred curriculum)
  6. कोर पाठ्यक्रम (core curriculum)

विषय केंद्रित पाठ्यक्रम (Subject Centred Curriculum) –

यह सबसे आम प्रकार का पाठ्यक्रम है और यह एक विशिष्ट विषय क्षेत्र, जैसे गणित, विज्ञान, या इतिहास पर केंद्रित है। विषय-केंद्रित पाठ्यक्रम आमतौर पर विषय की बुनियादी अवधारणाओं और सिद्धांतों को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

कार्य / क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम (work/activity centred curriculum) –

कार्य/क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम विभिन्न प्रकार के कार्यों पर आधारित होता है, अर्थात इसमें विभिन्न कार्यों को विशेष महत्व दिया जाता है। बच्चों को सामाजिक मूल्यों के अनेक कार्य करने को प्रेरित किया जाता है जो उनके संपूर्ण विकास में सहायक होते हैं। इसलिए, कार्य-केंद्रित पाठ्यक्रम का उद्देश्य है कि विभिन्न कार्यों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाए। इन कार्यों का आयोजन छात्रों की रुचि और आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है। कार्यों का चयन शिक्षक और छात्रों के सहयोग से किया जाता है। जॉन डीवी के अनुसार, कार्यकेंद्रित पाठ्यक्रम द्वारा बच्चे समाज के उपयोगी कार्यों में रुचि लेते हैं, जिससे उनका व्यक्तित्व समृद्ध होता है।

बाल केंद्रित पाठ्यक्रम (Child Centred Curriculum) –

बाल केंद्रित पाठ्यक्रम का अभिप्राय उस पाठ्यक्रम से है जिसका संगठन बालक की प्रवृत्ति, रुचि, रुझान, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है अर्थात इस पाठ्यक्रम में विषयों की अपेक्षा बालकों को मुख्य स्थान दिया जाता है ! इस पाठ्यक्रम को हम मनोवैज्ञानिक पाठ्यक्रम भी कह सकते हैं, क्योंकि यह बालक की मनोवैज्ञानिक विशेषताओं पर आधारित होता है ! इस पाठ्यक्रम में जो भी विषय रखे जाते हैं वे बालकों के विकास के स्तर, उनकी रूचियो, रुझानों एवं आवश्यकताओं के अनुकूल होते हैं ! वर्तमान समय की सभी शिक्षण विधियों में जैसे – मोंटेसरी, किंडरगार्टन, डाल्टन आदि बाल- केंद्रित पाठ्यक्रम पर ही जोर दिया जाता है ! इस प्रयोगवादी विचारधारा पर आधारित है !

अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम (Experience centred curriculum)

अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम का अभिप्राय उस पाठ्यक्रम से है जिसमें मानव जाति के अनुभव सम्मिलित किए जाते हैं। दूसरे शब्दों में अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम विषयों की अपेक्षा अनुभव पर आधारित होता है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बालकों को प्रेरणा प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवन को उपयोगी बना सके। यह भौतिक तथा सामाजिक वातावरण का अधिक से अधिक प्रयोग करता है क्योंकि इसमें बालकों को स्वाभाविक ढंग से अनुभव प्राप्त करने को मिलते हैं। यही कारण है कि यह पुण्तया मनोविज्ञान पर आधारित होता है अथार्त इसका संबंध छात्रों की रुचियो, आवश्यकता तथा योग्यताओं से होता है।

शिल्पकला -केंद्रित पाठ्यक्रम (Craft Centred curriculum)

शिल्पकला -केंद्रित पाठ्यक्रम का उद्देश्य है वह पाठ्यक्रम जिसमें ‘शिल्प’ और ‘क्राफ्ट’ को मुख्य विषय मानकर अन्य विषयों की शिक्षा दी जाती है। इसमें कताई, बुनाई, चमड़े, और लकड़ी के काम जैसे विभिन्न शिल्पों को मुख्य धारणा मानकर दूसरे विषयों की शिक्षा दी जाती है। यह प्रकार का पाठ्यक्रम महात्मा गांधी के विचारों पर आधारित है, जिसमें छात्रों को ऐसे शिल्पों की शिक्षा दी जाती है जो विद्यालय के खर्चे को कम करते हैं और जो छात्रों को भविष्य में आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाते हैं। इस प्रकार का पाठ्यक्रम ‘करके सीखने’ पर आधारित होता है, जिससे छात्रों को उपयोगी कार्यों का अभ्यास होता है जो उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाते हैं। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने से छात्रों के मन में श्रम के प्रति आदर और श्रमिकों के प्रति सम्मान और सहानुभूति की भावना विकसित होती है।

कोर पाठ्यक्रम (core curriculum) –

कोर पाठ्यक्रम वह पाठ्यक्रम होता है जिसमें कुछ विषय अनिवार्य होते हैं जबकि अधिकांश विषय वैकल्पिक होते हैं। अनिवार्य विषयों का अध्ययन प्रत्येक विद्यार्थी के लिए आवश्यक होता है जबकि व्यक्तिगत वैकल्पिक विषयों को व्यक्तिगत पसंद और क्षमता के अनुसार चुना जा सकता है। यह पाठ्यक्रम अमेरिका की प्रणाली का हिस्सा है, जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी को व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों प्रकार की समस्याओं का सामना करने के लिए अनुभव प्रदान किया जाता है। इससे वह अपने भविष्य के जीवन में आने वाली प्रत्येक समस्या को सरलता से हल करने के लिए कुशल, समाज सहायक और उत्तम नागरिक बन सकता है। कोर पाठ्यक्रम की आवश्यकता सभी विद्यार्थियों को होती है, लेकिन प्रारंभिक स्तर पर विद्यालयों में इसकी अत्यधिक आवश्यकता होती है, माध्यम स्तर पर विद्यालय के आधे समय में कोर पाठ्यक्रम होते हैं और उच्च शिक्षा स्तर पर इसकी मात्रा और कम होती है।

Share via:
Facebook
WhatsApp
Telegram
X

Related Posts

Leave a Comment

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
Sarkari Diary WhatsApp Channel

Recent Posts

error: