गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का महत्व
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मनुष्य के विकास और समृद्धि का माध्यम है। यह हमें समाज में सफलता की ओर ले जाती है और हमें अपने क्षेत्र में मान्यता प्राप्त करने का अवसर देती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमें न केवल ज्ञान और कौशल का विकास करती है, बल्कि हमारे मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास को भी प्रोत्साहित करती है।
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु लागू किये गए कार्यक्रम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 को अमल में लाने हेतु भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के कार्य योजना (1986) नामक एक प्रकाशन निकाला था. जिसमें शिक्षा नीति के पालन हेतु विविध सुझाव व प्रक्रियाएँ सुझायी गई थी। पिछले 20 वर्षों (1986-2005) की अवधि में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय तथा राज्य सरकारों ने भी कई योजनाओं को लागू किया था. जिनसे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
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इसमें निम्नांकित प्रमुख योजनाएँ थीं-
- बाल केन्द्रित शिक्षा (Child-centred Education)
- ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना (Operation Black Board Scheme)
- प्राथमिक स्तर पर न्यूनतम अधिगम स्तर पर आधारित शिक्षा देने का उपागम
- सेवाकाल में आवश्यकताओं पर आधारित शिक्षण प्रशिक्षण योजनाएँ
- शैक्षिक टेलीविजन (Educational T.V.)
- कंप्युटर व इंटरनेट की आधुनिक तकनीकें।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का भविष्य
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन नियमित रूप से नए कार्यक्रम और योजनाएं शुरू कर रहे हैं जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए और अधिक संसाधन प्रदान करेंगे।
इन कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देश में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और हमारी युवा पीढ़ी विभिन्न क्षेत्रों में अधिक विकासशील और सक्षम बनेगी।
इसलिए, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिले और हम उन्हें एक सक्षम और सफल भविष्य के लिए तैयार करें।