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ज्ञान की संरचना और स्वरूप (Structure and Forms of Knowledge) B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
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ज्ञान अर्जन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से ज्ञान आधारित प्रणाली (Knowledge-Based System) के लिए नियम और सत्ता-विज्ञान (Ontology) को परिभाषित किया जाता है।

ज्ञान की संरचना और स्वरूप (Structure and Forms of Knowledge) B.Ed Notes

ज्ञान प्राप्त करने के तरीके (Ways of Acquiring Knowledge)

ज्ञान प्राप्ति के विभिन्न मार्ग हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

अवलोकन और अनुभव (Observation and Experience)

यह तरीका साधारण “मैंने देखा” जैसी अभिव्यक्ति से लेकर वैज्ञानिक रूप से नियंत्रित प्रयोगों तक हो सकता है।
यह अनुभवजन्य (empirical) पद्धति ज्ञान प्राप्त करने का सबसे प्राचीन और स्वाभाविक माध्यम है, जो प्रत्यक्ष निरीक्षण और अनुभव पर आधारित होता है।

तर्क / युक्ति (Reason / Logic)

ज्ञान का यह तरीका पहले से उपलब्ध ज्ञान को आधार बनाकर तार्किक निष्कर्ष निकालने पर आधारित होता है।
उदाहरण के लिए – “इलेक्ट्रॉन” जैसी अवधारणा अवलोकन और प्रयोग से प्राप्त निष्कर्षों से तर्क द्वारा व्युत्पन्न की गई है।
चूंकि ऐसा ज्ञान व्युत्पन्न (derivative) होता है, इसलिए इसकी विश्वसनीयता उस ज्ञान पर निर्भर करती है, जिस पर यह आधारित होता है।
कभी-कभी किसी परिस्थिति को मॉडल बनाकर प्रस्तुत करना, लोगों को व्यावहारिक रूप से सीखने में सहायता करता है – जैसा कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में देखा जाता है।

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साक्ष्य / गवाही (Testimony)

यह तरीका दूसरों द्वारा कही गई बातों को स्वीकृति के साथ अपनाने पर आधारित होता है।
उदाहरण के लिए – “मैं जानता हूँ कि केंट इंग्लैंड का एक काउंटी है” या “मैं जानता हूँ कि प्रथम विश्व युद्ध भीषण था” – ये जानकारियाँ हमने किसी से सुनी या पढ़ी हैं, न कि प्रत्यक्ष अनुभव से जानी हैं।

हालांकि यह ज्ञान प्राप्त करने का एक आम तरीका है, फिर भी दर्शनशास्त्री इसे समस्याग्रस्त मानते हैं, क्योंकि यह ज्ञान पूर्णत: दूसरे के कथन पर आधारित होता है।
(विस्तृत जानकारी हेतु देखें: Testimony: Philosophical Problems Of)

प्राधिकरण (Authority)

यह ज्ञान किसी विशिष्ट व्यक्ति (जैसे अरस्तू, आइंस्टीन) या संस्था (जैसे रोमन कैथोलिक चर्च या ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) की प्रसिद्धि या अधिकार पर आधारित होता है।
यह ध्यान देना ज़रूरी है कि कोई प्राधिकरण अपना ज्ञान अन्य आधारों (जैसे ईश्वरीय प्रेरणा, अवलोकन आदि) से भी ग्रहण कर सकता है, न कि केवल अपनी स्थिति के बल पर।

कुछ मामलों में यह ज्ञान राजनीतिक प्रक्रिया से भी जुड़ा होता है – जैसे वोटिंग, समीक्षकों की राय या प्रतिष्ठा।
शैक्षणिक जगत में यह प्रणाली बहुत सामान्य है।

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रहस्योद्घाटन (Revelation)

कई लोग मानते हैं कि ज्ञान ईश्वरीय रहस्योद्घाटन के माध्यम से भी प्राप्त हो सकता है – जैसे कि भगवान या किसी अन्य आध्यात्मिक सत्ता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से प्रदान किया गया ज्ञान।
यह ज्ञान कभी-कभी पवित्र ग्रंथों जैसे बाइबिल के माध्यम से भी सामने आता है।
हालांकि, ऐसे ज्ञान के पक्ष में कोई भौतिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, फिर भी अनेक धार्मिक परंपराओं में इसे दिव्य सत्य माना जाता है।

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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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