Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / Scope of Educational Psychology | शिक्षात्मक मनोविज्ञान B.Ed Notes

Scope of Educational Psychology | शिक्षात्मक मनोविज्ञान B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
Updated on:
Share via
Updated on:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Educational Psychology: शिक्षात्मक मनोविज्ञान

शिक्षात्मक मनोविज्ञान (Educational Psychology): विद्यार्थियों के मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक विकास को अध्ययन करने वाला एक मानव शास्त्र है जो शिक्षा के क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों का उपयोग करके छात्रों को सही तरीके से पढ़ाई करने और संबोधित करने के लिए विभिन्न तकनीकों को समझने में सक्षम होने में मदद करते हैं। इस लेख में हम आपको शिक्षात्मक मनोविज्ञान के महत्व, स्तरों, अंतर, तकनीकों और चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

मनोवैज्ञानिक शिक्षा का महत्व

मनोवैज्ञानिक शिक्षा शिक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे अध्ययन करके, वे अपने छात्रों के व्यक्तित्व, मनोवैज्ञानिक समस्याएं, और विभिन्न शैक्षिक आवश्यकताओं को समझ सकते हैं। शिक्षात्मक मनोविज्ञान के अध्ययन से छात्रों के विकास में सुधार होता है। शिक्षक छात्रों की जरूरतों को समझने के बाद विभिन्न प्रभावी तकनीकों का उपयोग करके अधिक प्रभावी रूप से पढ़ाई करा सकते हैं।

Also Read: [catlist name=bed-deled]

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के स्तर

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के चार मुख्य स्तर होते हैं:

Also Read:  शारीरिक शिक्षा से क्या तात्पर्य है? | Physical Education B.Ed Notes
1. समझना (Comprehension):

इस स्तर पर छात्रों को शैक्षिक अनुभव, अभिप्रेति, और दृष्टिकोण के अवधारणाओं को समझना चाहिए। एक शिक्षक को अपने छात्रों के समझने का ख्याल रखने की जरूरत होती है और वे उन्हें स्पष्टीकरण और सवालों के जवाब के माध्यम से प्रभावित कर सकते हैं।

2. उपयोग करना (Application):

इस स्तर पर छात्रों को शैक्षिक सामग्री का उपयोग करना आना चाहिए। वे ज्ञान को अपने असली जीवन से जोड़कर उसे अधिक अर्थपूर्ण बना सकते हैं। शिक्षकों को छात्रों के प्रश्नों का सामरिक उत्तर देने का ख्याल रखना चाहिए।

3. विश्लेषण करना (Analysis):

इस स्तर पर छात्रों को विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का विश्लेषण करना आना चाहिए। वे विचारों और मस्तिष्कीय क्रियाओं को संख्यात्मक और सांद्रतिक रूप से समझने के लिए शिक्षक के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

4. निरिक्षण करना (Evaluation):

इस स्तर पर छात्रों को विभिन्न विद्यार्थी प्रदर्शनों का मूल्यांकन करना आना चाहिए। शिक्षक को छात्रों की प्रगति की निगरानी करनी चाहिए और उन्हें समय-समय पर विश्लेषण करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के तकनीक

शिक्षात्मक मनोविज्ञान का उपयोग करते हुए कुछ महत्वपूर्ण तकनीकों को इस आधार पर विचार किया जा सकता है:

1. समय प्रबंधन (Time Management):

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के अनुसार, समय प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। छात्रों को अपने समय को हरे और अवधियों को वांछित रूप से उपयोग करने की कला सिखाई जानी चाहिए। समय प्रबंधन के लिए शिक्षक छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने, क्रियाओं की अभिव्यक्ति करने, और निरंतरता बनाए रखने की अद्भुत क्षमता विकसित कर सकते हैं।

Also Read:  शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति | Meaning, definition, nature of Educational Psychloogy B.Ed Notes
2. सहयोग (Collaboration):

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के अनुसार सहयोगपूर्ण शिक्षा उत्कृष्ट शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। छात्रों को सहयोग की आवश्यकता समझनी चाहिए और उन्हें समूह कार्यों में शामिल होना चाहिए। यह छात्रों को साझा ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है और उन्हें डीप लर्निंग को बढ़ावा देता है।

3. प्रेसेंटेशन (Presentation):

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के अनुसार, छात्रों को अच्छी प्रेसेंटेशन की कला भी सिखाई जानी चाहिए। एक अच्छी प्रेसेंटेशन छात्रों की संवाद क्षमता, मनोव्यापारिक दक्षता, और आत्मविश्वास को विकसित करती है। शिक्षाकर्मियों को छात्रों के लिए प्रेसेंटेशन तकनीकों की प्रशासित समय देना चाहिए और उन्हें संवाद क्षमतापूर्वक प्रभावित करने की चुनौतियों का सामना करना चाहिए।

Also Read: [catlist name=bed-deled]

शिक्षात्मक मनोविज्ञान की चुनौतियाँ

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के कुछ मुख्य चुनौती हैं जिन्हें हम नीचे विचार करेंगे:

1. उच्च गति वाला विद्यालयी जीवन (High-paced Academic Life):

आजकल के छात्रों का विद्यालयी जीवन बहुत अधिक गति वाला हो गया है। उन्हें विभिन्न विषयों में समय प्रबंधन करने के लिए खुद को तैयार करना होता है, जिसके कारण उन्हें तनाव का सामना करना पड़ता है। इस चुनौती का समाधान करने के लिए छात्रों को समय तथा संसाधनों का चुनाव करना चाहिए।

Also Read:  सीखना | Learning B.Ed Notes by SARKARI DIARY
2. महान्याय और सामान्यज्ञान (Inequity and General Knowledge):

शिक्षात्मक मनोविज्ञान के द्रष्टिकोण से, भारतीय शैक्षिक पद्धति में अनुचितताओं का एक सामान्य मुद्दा है। विभिन्न राज्यों और शहरों में शिक्षा के स्तर में असमानता है और इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार और शैक्षणिक संस्थानों को मिलकर काम करना चाहिए।

3. तकनीकी संकट (Technological Crisis):

मनोवैज्ञानिक शिक्षा के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण, शिक्षा तकनीकी संकट का सामना कर रही है। छात्रों को अधिकतर संदर्भों, एप्लिकेशन्स, और इंटरनेट से व्यवहार करने का सामर्थ्य होना चाहिए। यह चुनौती उन्हें सही तरीके से तकनीक का उपयोग करने के लिए सक्षम बनाने का अवसर प्रदान करती है।

Conclusion

शिक्षात्मक मनोविज्ञान छात्रों के शैक्षिक विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह छात्रों के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, और व्यक्तित्विक विकास को समझने में मदद करता है। शिक्षकों को छात्रों को मनोवैज्ञानिक बुनियादों पर पढ़ाने के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। इसलिए, शिक्षात्मक मनोविज्ञान न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

Leave a comment