हंसा हेमता समिति
हंसा हेमता समिति, जिसे 1962 में राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद द्वारा गठित किया गया था, ने महिलाओं की शिक्षा के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए:

प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए, सरकार को लड़कियों के लिए विशेष प्रोत्साहन और सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
माध्यमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए। इससे लड़कियों को अपने कौशल को विकसित करने और रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
उच्च शिक्षा में लड़कियों की संख्या बढ़ाने के लिए छात्रवृत्ति और अन्य प्रोत्साहन दिए जाने चाहिए। इससे लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
महिलाओं के लिए विशेष शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए। इससे महिलाओं को शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करने और उन्हें प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त करने में मदद मिलेगी।
महिलाओं के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए। इसके लिए, सरकार को शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और पाठ्यक्रम सामग्री में सुधार करने की आवश्यकता है।
हंसा हेमता समिति के सुझावों ने भारत में महिलाओं की शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सुझावों के आधार पर, भारत सरकार ने महिलाओं की शिक्षा के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की हैं। इन कार्यक्रमों और योजनाओं के परिणामस्वरूप, भारत में महिलाओं की साक्षरता दर में काफी वृद्धि हुई है।
हंसा हेमता समिति के सुझावों में से कुछ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं:
प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करना। यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लड़कियों को शिक्षा के बुनियादी कौशल प्रदान करने में मदद कर सकता है।
माध्यमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करना। यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लड़कियों को रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
उच्च शिक्षा में लड़कियों की संख्या बढ़ाने के लिए छात्रवृत्ति और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करना। यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है।
महिलाओं के लिए विशेष शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना। यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महिलाओं को शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करने और उन्हें प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त करने में मदद कर सकता है।
महिलाओं के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना। यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लड़कियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में मदद कर सकता है।