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धर्म में जेंडर संबंधी चुनौतियाँ और उनसे निपटने के उपाय B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
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धर्म का अर्थ और उसका प्रभाव

धर्म संकुचित अर्थ में धार्मिक ग्रंथों, पूजा-पाठ, कर्मकाण्ड, मंत्र-जप आदि क्रियाओं का पालन है, जबकि व्यापक अर्थ में धर्म हृदय की पवित्रता, नैतिकता, समाज सेवा, आध्यात्मिक विकास और मानवता से जुड़ा आचरण है। धर्म न केवल मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि धार्मिक स्थलों से जुड़ा है, बल्कि यह मानव के सम्पूर्ण जीवन को दिशा देने वाला मार्ग भी है।

धर्म में जेंडर संबंधी चुनौतियाँ और उनसे निपटने के उपाय B.Ed Notes

धर्म के अनेक अर्थ हैं — काण्ट के अनुसार धर्म हमारे कर्तव्यों को दैवी आदर्शों के रूप में मान्यता देना है। ए.एन. व्हाइटहेड के अनुसार धर्म वह तत्व है जो हमारे बाहर, पीछे और भीतर मौजूद है। गिस्बर्ट कहते हैं कि धर्म मानव और ईश्वर के बीच तथा मानव और मानव के बीच दोहरा संबंध स्थापित करता है। धर्म का प्रभाव जेंडर संबंधी भूमिकाओं पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है क्योंकि धर्मावलंबी अपने धार्मिक ग्रंथों, गुरुओं के उपदेशों से प्रभावित होकर अपने आचरण का निर्धारण करते हैं।

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धार्मिक जेंडर संबंधी चुनौतियाँ

कई धर्मों में जेंडर आधारित नियम और प्रतिबंध होते हैं, जिन्हें अनुयायी बिना प्रश्न के मान लेते हैं। उदाहरण के तौर पर:

  • हिंदू धर्म:
    मनुस्मृति जैसे ग्रंथों में विधवा विवाह पर रोक, स्त्रियों का पुरुषों (पिता, पति, पुत्र) के अधीन रहना, घरेलू कार्य करना, संपत्ति में महिलाओं का अधिकार न होना जैसी बातें बताई गई हैं। ये धार्मिक आदेश हिंदू धर्मावलंबियों के जीवन और सोच पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
  • इस्लाम धर्म:
    मुस्लिम धर्मावलंबी शरिया या कुरान के नियमों के अनुसार चलते हैं। बुरका पहनना, तीन बार तलाक देने की प्रथा, बहुविवाह जैसे उदाहरण इस धर्म में देखे जाते हैं। तलाक लेने का अधिकार पति के पास होता है, जिससे कई मुस्लिम महिलाएँ परेशान होती हैं। पैगंबर मुहम्मद ने इस संदर्भ में दया और सहृदयता का संदेश भी दिया है।
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धार्मिक जेंडर चुनौतियों से निपटने के उपाय

धार्मिक गुरुओं, धर्मोपदेशकों और सुधारकों को आगे आकर जेंडर समानता के सही संदेश देने चाहिए।

मंदिर, चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल अपने समुदायों में जागरूकता फैलाएं और समानता की शिक्षा दें।

सरकारों को धर्म और कानून के बीच तालमेल बनाकर ऐसे नियम लागू करने चाहिए जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करें।

विधि व्यवस्था को सुदृढ़ कर महिलाओं के खिलाफ होने वाले भेदभाव और हिंसा पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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