झारखंड की 14 लोकसभा सीटों के साथ-साथ विधानसभा की गांडेय सीट पर भी सबकी नजर थी। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जीत हासिल की है। उन्हें 26 हजार से अधिक वोटों से विजय प्राप्त हुई।
कल्पना की जीत ने राज्य की राजनीति में कई चर्चाओं को जन्म दिया है। मुख्य सवाल यह है कि क्या कल्पना सोरेन की जीत झारखंड की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत है।
कल्पना सोरेन ने जब राजनीति में कदम रखा, तभी से उनके भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी जीत ने राज्य को एक नया नेता दिया है। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद भी, कल्पना सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं का उत्साह बनाए रखा।
हेमंत सोरेन के जेल जाने को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए, कल्पना सोरेन ने चुनाव में भाग लिया और अपनी ज्यादातर सभाओं में हेमंत सोरेन के साथ हुए अन्याय का जिक्र किया।
मजबूत नेता के रूप में सामने आईं कल्पना
कल्पना सोरेन की जीत का सीधा असर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के भविष्य और झारखंड की राजनीति पर पड़ेगा। इस जीत के साथ ही कल्पना एक चुनी हुई नेता बन गई हैं। कम समय में ही उन्होंने सर्वमान्य नेता के रूप में खुद को स्थापित किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में वे पार्टी और गठबंधन की सरकार में अहम भूमिका निभाएंगी।
विधानसभा चुनाव में जेएमएम का चेहरा कौन होगा?
झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा का चेहरा रहे हेमंत सोरेन इस समय जेल में हैं। इस स्थिति में पार्टी के सामने बड़ा सवाल है कि जेएमएम किसके चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ेगी। वर्तमान में राज्य के मुखिया चंपाई सोरेन हैं। क्या जेएमएम चंपाई सोरेन के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी? पार्टी सूत्रों के अनुसार, अब पार्टी में चंपाई सोरेन से बड़ा चेहरा कल्पना सोरेन का है।
जीत के बाद क्या बदलेगा झारखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा
कल्पना सोरेन के चुनाव जीतने के बाद राज्य की कमान सम्भालने की संभावना पर चर्चा हो रही है। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान कल्पना ने कई बार स्पष्ट किया कि चंपाई सरकार को कोई खतरा नहीं है और झारखंड की सत्ता अभी नहीं बदलेगी। लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि इस जीत के साथ ही कल्पना सोरेन को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है।
हेमंत सोरेन ने पहले ही कर ली थी पत्नी के राजनीतिक भविष्य की कल्पना
गांडेय विधानसभा सीट से डॉ. सरफराज अहमद ने इस्तीफा दिया, जिसे 31 दिसंबर 2023 को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। पहले खबर आई कि डॉ. सरफराज ने नाराज होकर इस्तीफा दिया है, लेकिन यह जेएमएम की एक रणनीति का हिस्सा था। सरफराज ने कहा था कि उन्होंने पार्टी और सरकार को बचाने के लिए इस्तीफा दिया है। धीरे-धीरे यह साफ हो गया कि यह इस्तीफा हेमंत सोरेन की रणनीति का हिस्सा था, ताकि जेल में रहते हुए भी पार्टी और सत्ता की जिम्मेदारी किसी भरोसेमंद व्यक्ति को सौंपी जा सके।
हेमंत सोरेन ने जेल से दिया जीत का मंत्र
31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद चंपाई सोरेन को राज्य की जिम्मेदारी मिली, लेकिन इस बीच कल्पना सोरेन ने धीरे-धीरे अपनी जगह बनाते हुए आगे बढ़ी। कल्पना सोरेन नियमित रूप से हेमंत सोरेन से जेल में मुलाकात करती रहीं और राज्य की राजनीति और सत्ता पर चर्चा की। इस तरह हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी के राजनीतिक सफर की कल्पना को हकीकत में बदल दिया।