कक्षा प्रबन्धन के विभिन्न घटक होते हैं जो कि कक्षा प्रबन्धन के आवश्यक पक्ष हैं। यह विभिन्न घटक कक्षा क्रिया-कलापों के प्रबन्धन में विभिन्न भूमिका निभाते हैं।
कक्षा प्रबन्धन का शिक्षक एक मुख्य घटक (Teacher as Principle Component or Independent Variable)–
व्यवस्थापक या प्रबन्धनकर्ता के रूप में अध्यापक कक्षा प्रबन्धन का मुख्य घटक होता है। अध्यापक कक्षा क्रिया-कलापों का प्रबन्धन तथा नियंत्रण करता है। अध्यापक कक्षा प्रबन्धन में अधिगम स्वरूप का निर्माण करके विद्यार्थियों के अधिगम में वृद्धि हेतु अपनी शिक्षण गतिविधियों को संगठित करता है। वह कक्षा प्रबन्धन में विद्यार्थियों को अभिप्रेरित, प्रोत्साहित करता है। अध्यापक अपने अनुदेशीय कार्यक्रम को प्रभावशीलता का भी मूल्यांकन करता है।
अर्जित घर अथवा घटक के रूप में विद्यार्थी (Student as Dependent Variable or Component)–
विद्यार्थी कक्षा का द्वितीय या आश्रित चर होते हैं। शिक्षण का उद्देश्य अधिगम को सरल बनाना है। अधिगम शिक्षण पर निर्भर होता है। यदि शिक्षण स्मृति स्तर पर कराया जाता है तो बार-बार दोहराना अधिगम कहलाता है। बार-बार दोहराने से शिक्षण के समझने के स्तर में वृद्धि होती है। इस स्तर पर विद्यार्थी अधिक सजग रहते हैं।
अवरोधक घटक तथा अन्य चर (Intervening Components and other Variables)—
कक्षा में अध्यापक तथा विद्यार्थियों की अन्तःक्रिया विभिन्न घटक तथा चर पर निर्भर होती है। इन्हें अवरोधक घटक तथा अन्य चर कहते हैं। कक्षा प्रबन्धन के मुख्य चर अग्रलिखित हैं-
विषय वस्तु– इसके अन्तर्गत शब्द, प्रत्यय तथा मूल सिद्धान्त, मौखिक भाषा, समस्या समाधान तथा सर्जनात्मकता को सम्मिलित किया जाता है।
शिक्षण उद्देश्य ज्ञानात्मक प्रभाव और शारीरिक ।
शिक्षण प्रणालियाँ अथवा समूह- इसके अन्तर्गत अध्यापक नियंत्रत अनुदेश
शिक्षण सहायता या शिक्षण की श्रव्य दृश्य सहायक सामग्री ।
अभिप्रेरणा की प्रविधियाँ
शिक्षण कौशल तथा सामाजिक कौशल।
सम्प्रेषण योग्यता और कौशल ।
अनुदेशनात्मक प्रक्रिया तथा
शिक्षण के सहायक साधन।
कक्षा क्रिया-कलापों का प्रबन्धन करते समय इन सब शिक्षण घटक या चर को ध्यान में रखना चाहिए तथा सहायक प्रविधियाँ ।