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राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के मुख्य सुझाव | Main suggestions of National Knowledge Commission B.Ed Notes

Published by: Ravi Kumar
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राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की सुझाव ने भारत को एक ज्ञान समाज में बदलने के लिए एक व्यापक खाका तैयार किया। सुझाव में शिक्षा, अनुसंधान और विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, और अन्य क्षेत्रों में सुधार के लिए कई सिफारिशें शामिल हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की सभी सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है। कुछ सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया और लागू किया गया, जबकि अन्य को नहीं।

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के मुख्य सुझाव (B.Ed Notes) - Sarkari DiARY

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के मुख्य सुझाव

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की रिपोर्ट भारत के शिक्षा और ज्ञान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें शामिल हैं जो भारत को एक ज्ञान समाज में बदलने में मदद कर सकती हैं.

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के मुख्य सुझावों को क्रमानुसार निम्न रूप में देखा जा सकता है-

  • विद्यालय स्तर पर शिक्षा के प्रशासन का विकेन्द्रीकरण किया जाये।
  • स्कूलों की गुणवत्ता को जाँचने हेतु राष्ट्रीय मूल्यांकन निकाय स्थापित किया जाना चाहिए।
  • स्कूली शिक्षा हेतु राज्यों को केन्द्रीय सरकार के द्वारा दी जाने वाली धनराशि को अधिक लचीले ढंग से खर्च करना चाहिए।
  • निजी स्कूलों को दी जाने वाली सहायता धनराशि के प्रयोग को प्रबंध तंत्र को स्वतन्त्रता होनी चाहिए।
  • स्कूल, समय, छुट्टियों तथा अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया में नमनशीलता को बनाए रखने हेतु गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
  • शिक्षा में सरकारी खर्च बढ़ाना चाहिए तथा वित्तीय स्रोतों में विविधता होनी चाहिए।
  • उच्च शिक्षा के लिए एक स्वतन्त्र विनियमन प्राधिकरण की स्थापना की जानी चाहिए।
  • एक केन्द्रीय अवर स्नातक शिक्षा बोर्ड के साथ-साथ राज्य अवर स्नातक शिक्षा बोर्ड बनाया जाये।
  • राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का सुझाव है कि स्कूल में पहली कक्षा से ही बच्चे की पहली भाषा (मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा) के साथ अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई शुरू की जानी चाहिए।
  • अंग्रेजी भाषी शिक्षकों की भारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए अंग्रेजी भाषा में दक्ष और संवाद कौशल में प्रवीण स्नातकों को औपचारिक शिक्षक प्रशिक्षण देकर भर्ती किया जाना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय परीक्षा सेवा भी आयोजित कराई जा सकती है।
  • अनुवाद को उद्योग के रूप में बढ़ावा देना चाहिए तथा छोटी अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अनुवादकों के लिए भाषा शिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किए जा सकने वाले कोर्स पैकेज, फैलोशिप कार्यक्रम तैयार कराये जाने चाहिए। अनुवाद के बारे में एक राष्ट्रीय वेब पोर्टल स्थापित करना चाहिए।
  • स्कूली शिक्षकों को कम से कम 5 वर्षों की न्यूनतम नियत अवधि के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।
  • उच्च शिक्षा में क्रेडिट प्रणाली अपनायी जानी चाहिए।
  • परीक्षा व्यवस्था में सुधार लाते हुए शुरू में आन्तरिक मूल्यांकन के लिए कुल अंकों में से 25% अंक देने चाहिए जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 50% करना चाहिए।
  • व्यावसायिक शिक्षा को कौशल विकास का नाम दिया जाये तथा इसके कोर्स अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य स्थानीय भाषा में भी हों।
  • सरकारी और निजी दोनों संस्थानों में सेवा पूर्ण प्रशिक्षण में सुधार लाना चाहिए और उसे अलग ढंग से विनियमित करना चाहिए।
  • केन्द्र और राज्य सरकारों के शिक्षा बजट का एक निश्चित अनुपात पुस्तकालयों के लिए आबंटित किया जाना चाहिए।
  • सभी पुस्तकालयों में उपलब्ध पुस्तकों, पत्रिकाओं आदि की सूची वेबसाइट पर आवश्यक लिक्स के साथ देनी चाहिए।
  • देशभर में आँकड़ों व संसाधनों के आदान-प्रदान हेतु राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क बनाया जाना चाहिए।
  • भारतीय स्वास्थ्य सूचना नेटवर्क के विकास की शुरूआत की जानी चाहिए और स्वास्थ्य देखभाल से सम्बन्धित रिकॉर्ड रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ डाटा कोष का निर्माण किया जाना चाहिए।बुनियादी जरूरतों हेतु एक राष्ट्रीय वेब आधारित पोर्टल बनाया जाये जिसका प्रबन्ध एक ऐसे कसोर्टियम द्वारा किया जाये जिससे एनजीओ, अनुसंधान और विकास समूहों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी विभागों, शिक्षकों और विशेषज्ञों आदि का समुचित प्रतिनिधित्व हो ।
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राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का प्रभाव व मूल्यांकन (EFFECTS & EVALUATION OF NATIONAL KNOWLEDGE COMMISSION)

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग 2006-09 देश का पहला आयोग है जिसने ज्ञान के सभी क्षेत्रों का अध्ययन कर सिफ़ारिशें प्रस्तुत की हैं। पूर्व में गठित आयोग केवल शिक्षा के क्षेत्र तक ही सीमित थे। लेकिन NKC ने शिक्षा से जुड़े सभी पहलुओं को छुआ है। इसकी सिफारिशों के आधार पर ही शिक्षा का मौलिक अधिकार बनाया और लागू किया गया है। माध्यमिक शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, हर ब्लॉक में एक स्कूल खोलने के लक्ष्य के साथ 6000 उच्च गुणवत्ता वाले मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं और 8 नए IIT, 10 नए NIT और 4 नए IIM भी खोले गए हैं। 15 नए केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने का भी लक्ष्य रखा गया है जबकि केवल कुछ राज्य विश्वविद्यालयों को ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है।

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व्यावसायिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद का गठन किया गया है जो इस क्षेत्र में नीति, उद्देश्य आदि तय करेगी। 75 करोड़ रुपये. राष्ट्रीय अनुवाद अभियान को भी व्यय करके वास्तविक रूप दिया जा रहा है। साथ ही संस्कृति विभाग ने पुस्तकालयों के राष्ट्रीय अभियान की जिम्मेदारी ली है। ई-गवर्नेंस की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए 6 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) की स्थापना की गई है और 18 राज्यों में इसका काम चल रहा है। इस प्रकार, राष्ट्रीय ज्ञान आयोग द्वारा किए गए प्रयास शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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Ravi Kumar is a content creator at Sarkari Diary, dedicated to providing clear and helpful study material for B.Ed students across India.

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