ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड भारत सरकार द्वारा 1987 में शुरू की गई एक योजना थी जिसका उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं की आपूर्ति करना था। इस योजना का लक्ष्य सभी प्राथमिक विद्यालयों को शिक्षा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करना था ताकि सभी बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सके।
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड स्कीम (Operation Black Board Scheme)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के कार्य योजना में “ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड” नामक स्कीम को चालू करने के बारे में निम्नांकित महत्वपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया गया था-
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययन सामग्री और शैक्षिक उपकरण जैसी न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करना है। ऑपरेशन शब्द के प्रयोग से पता चलता है कि यह योजना अत्यावश्यक है। इसके लक्ष्य स्पष्ट और अच्छी तरह से परिभाषित हैं और सरकार और लोग पूर्व निर्धारित समय अवधि में उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड में परिकिल्पित
- प्रत्येक ऋतु में उपयोग में लाने योग्य दो बड़े कमरे
- आवश्यक खिलौने तथा क्रीड़ा सामग्री
- श्यामपट्ट
- नक्शे
- चार्ट तथा अन्य पाठ्य सामग्रियाँ ।
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के अन्तर्गत प्रत्येक स्कूल में दी जाने वाली विशिष्ट वस्तुओं का उल्लेख परिशिष्ट में दिया गया है। निर्मित होने वाले भवनों के सम्बन्ध में निम्नलिखित तथ्यों के उल्लेख की आवश्यकता है-
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- प्राथमिक स्कूलों के लिए आवश्यक भवनों का निर्माण NREP तथा RLEGP कोष पर प्रथम भार होगा। अन्य युक्तियुक्त योजनाओं द्वारा इन संसाधनों में वृद्धि की जायेगी।
- ग्राम शिक्षा समितियों को भवनों तथा अन्य इमारतों के रख-रखाव का आश्वासन देना
- सुव्यवस्थित योजना बनाने के लिए विद्यमान भवनों की विद्यालयवार सूची बनायी जायेगी।
- कृषि जलवायु सम्बन्धी हालात तथा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों के सदुपयोग को दृष्टि में रखकर कम खर्चीले भवनों के डिजाइन तैयार किये जायेंगे।
- क्रीड़ा क्षेत्रों के लिए जमीन प्राप्त करने हेतु कदम उठाये जायेंगे। भारत सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित सन्दर्भ ग्रन्थ ‘India 2003 में ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड की 2003 तक की प्रगति पर निम्नांकित सूचनाएँ दी गई थी.
देश के प्राथमिक विद्यालयों में उपलब्ध मानव और भौतिक संसाधनों में सुधार लाने के उद्देश्य से 1987-88 में ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड (ओबीबी) योजना शुरू की गई थी। इसमें प्रत्येक मौजूदा प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो बड़े कक्षा कक्षों में कम से कम दो शिक्षक और आवश्यक शिक्षण और शिक्षण सामग्री अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था। 1993-94 में इस योजना को उच्च प्राथमिक विद्यालयों तक विस्तारित किया गया और इसके तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रति कक्षा तीन शिक्षकों और 100 से अधिक छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों में एक अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति का प्रावधान किया गया। यह योजना राज्य सरकारों के माध्यम से लागू की गई थी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को टीएलई (टीचिंग लर्निंग इक्विपमेंट) यानी शिक्षण और सीखने के उपकरण और इसमें नियुक्त शिक्षकों के वेतन प्रदान करने के लिए धन उपलब्ध कराया था। व्यय राशि का एकमुश्त भुगतान टीएलई पर किया गया। शिक्षकों के वेतन का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को केवल उसी वर्ष के लिए किया जाता था जिसमें उनकी नियुक्ति हुई थी।
इस योजना के लागू होने की प्रक्रिया में निम्नांकित कार्य हुए-
- वर्ष 1987-88 से वर्ष 2001-02 की अवधि में 5,22,902 प्राथमिक विद्यालयों को इस योजना के अन्तर्गत लाया गया।
- उपर्युक्त अवधि में 1,38,000 उच्च प्राथमिक शालाओं को इस योजना के अन्तर्गत लाया गया था।
- उपर्युक्त अवधि में 1,49,146 अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति उन तत्कालीन प्राथमिक विद्यालयों में की गई जिनमें केवल एक-एक ही शिक्षक कार्य कर रहे थे।
- जिन प्राथमिक शालाओं में 100 से अधिक विद्यार्थी हो गए थे, उनमें अतिरिक्त तीसरा शिक्षक प्रदान करवाया गया।
- उस अवधि में 1.85 लाख अतिरिक्त कक्षा के कमरे बनाए गए।
- वर्ष 2002-03 में ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड की योजना सर्व शिक्षा अभियान योजना में शामिल कर दी गई थी। 2002-03 में इसके बचे हुए कार्य पर 65 करोड़ रुपये व्यय हुए थे। इस योजना के क्रियान्वयन से प्राथमिक शिक्षा की गुणात्मकता में निश्चय ही बहुत सुधार हुआ था । यद्यपि इसमें कुछ भ्रष्टाचार भी हुआ था।
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के मुख्य उद्देश्य:
- प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो कमरे और दो शिक्षक उपलब्ध कराना।
- लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालयों का निर्माण करना।
- आवश्यक शिक्षण सामग्री जैसे कि पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, खेल उपकरण आदि प्रदान करना।
- विद्यालयों में बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
संक्षेप में
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड स्कीम भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण योजना है जो गरीब और असहाय लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत लोग मुफ्त चिकित्सा सहायता, शिक्षा सहायता और वृद्धावस्था पेंशन जैसे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवेदकों को निर्धारित पात्रता मानदंड पूरे करने होते हैं। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपनी आय के बारे में सही जानकारी नहीं रखते हैं।