गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि रहेंगे. पीएम मोदी के साथ उनके कई कार्यक्रम निर्धारित हैं.
26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था, इसलिए हर साल इस तारीख को देश का गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है. भारत में इस साल 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. हर साल इस मौके पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है. वर्षों से ये परंपरा चलती आ रही है. इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Chief Guest French President Emmanuel Macron) 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि होंगे.
कैसे चुना जाता है मुख्य अतिथि
मुख्य अतिथि किसे बनाना चाहिए, इसको लेकर विदेश मंत्रालय कई बातों पर काफी सोच विचार करता है. इसमें सबसे पहले भारत और उस देश के संबन्धों को ध्यान में रखा जाता है और ये देखा जाता है कि उस देश के साथ हमारे देश की राजनीति, सेना और अर्थव्यवस्था का क्या और कितना कनेक्शन है. इस बात पर भी विचार किया जाता है कि कहीं आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्य देश से संबन्ध वगैरह तो खराब नहीं होंगे? इन सभी पहलुओं पर सोच विचार करने के बाद विदेश मंत्रालय मुख्य अतिथि के नाम पर अपनी मोहर लगाता है.
इसके बाद इस मामले में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है. मंजूरी मिलने के बाद देश के राजदूत मुख्य अतिथि की उपलब्धता के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं क्योंकि किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष का व्यस्त शेड्यूल होना आम बात है. यही वजह है कि विदेश मंत्रालय की ओर से संभावित मुख्य अतिथि के लिए एक लिस्ट तैयार की जाती है, जिसमें कई ऑप्शंस रहते हैं. मुख्य अतिथि की उपलब्धता का पता लगाने के बाद भारत और आमंत्रित मुख्य अतिथि के देश के बीच आधिकारिक रूप से बातचीत होती है और सब कुछ तय होने के बाद मुख्य अतिथि के नाम पर मोहर लगती है.
छह महीने पहले से शुरू हो जाती है ये प्रक्रिया
गणतंत्र दिवस पर किसे मुख्य अतिथि के आमंत्रण और उनके स्वागत-सत्कार की प्रक्रिया करीब छह महीने पहले से शुरू हो जाती है. इस बीच उन्हें निमंत्रण भेजना और निमंत्रण स्वीकार किए जाने के बाद मुख्य अतिथि के आने पर ठहरने और पूरी तरह से विशेष तरह मेहमान नवाजी देने की व्यवस्था, विशेष भोज वगैरह कई कार्यक्रमों की तैयारी शुरू हो जाती है.
कैसे होता है मुख्य अतिथि का सत्कार
भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर आए मुख्य अतिथि का विशेष स्वागत-सत्कार किया जाता है. मुख्य अतिथि कई औपचारिक गतिविधियों में सबसे आगे रहते हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रपति के सामने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ (Guard of Honour) दिया जाता है. दोपहर में मुख्य अतिथि के लिए प्रधानमंत्री द्वारा भोजन का आयोजन किया जाता है. शाम को राष्ट्रपति उनके लिए विशेष स्वागत समारोह आयोजित करते हैं.