Home / B.Ed / M.Ed / DELED Notes / Knowledge and Curriculum Part-1 B.Ed Notes in Hindi / अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम: अर्थ एवं परिभाषा | Discipline-focused curriculum: meaning and definition

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम: अर्थ एवं परिभाषा | Discipline-focused curriculum: meaning and definition

Last updated:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम: अर्थ एवं परिभाषा

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम एक शिक्षा प्रणाली है जो किसी विशेष विषय या अनुशासन के अध्ययन पर केंद्रित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को उस विशेष क्षेत्र में गहन ज्ञान और समझ प्रदान करना है। दूसरे शब्दों में कहें तो, यह पाठ्यक्रम एक विशिष्ट विषय की विशेषज्ञता पर जोर देती है।

परिभाषा:

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:

“एक शिक्षा प्रणाली जो किसी विशेष विषय या अनुशासन के ज्ञान और कौशल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को उस विशेष क्षेत्र में गहन ज्ञान और समझ प्रदान करना है।”

मुख्य विशेषताएं:

  • विषय पर जोर:

    यह पाठ्यक्रम किसी विशिष्ट विषय, जैसे कि विज्ञान, गणित, इतिहास, साहित्य आदि पर केंद्रित होता है।

  • गहन अध्ययन:

    इस पाठ्यक्रम में गहन अध्ययन को प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे छात्रों को उस विषय की गहरी समझ हासिल होती है।

  • अनुक्रमिकता:

    विषय की अवधारणाएं और कौशल एक सुसंगत और क्रमिक क्रम में प्रस्तुत किए जाते हैं।

  • विषय-विशेषज्ञ द्वारा विकास:

    इस पाठ्यक्रम को आम तौर पर उस विषय के विशेषज्ञों द्वारा ही विकसित किया जाता है।

  • ज्ञान निर्माण पर जोर:

    यह पाठ्यक्रम छात्रों को सिर्फ तथ्यों को रटने के बजाय ज्ञान निर्माण और विश्लेषणात्मक सोच पर जोर देती है।

उद्देश्य:

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • छात्रों को किसी विशिष्ट विषय में गहन ज्ञान और समझ प्रदान करना।
  • छात्रों में विषय-विशेषज्ञता विकसित करना।
  • छात्रों में गंभीर सोच और विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करना।
  • छात्रों को उच्च शिक्षा और भविष्य के करियर के लिए बेहतर तैयारी करवाना।

लाभ:

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • गहन ज्ञान प्राप्ति:

    छात्रों को किसी विशिष्ट विषय में गहन ज्ञान और समझ प्राप्त होती है।

  • विषय विशेषज्ञता का विकास:

    इस पाठ्यक्रम से छात्रों में उस विषय में विशेषज्ञता विकसित होती है।

  • गंभीर सोच का विकास:

    यह पाठ्यक्रम छात्रों को गंभीर सोच और विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करने में मदद करती है।

  • भविष्य की पढ़ाई और करियर के लिए तैयारी:

    यह पाठ्यक्रम छात्रों को उच्च शिक्षा और भविष्य के करियर के लिए बेहतर तैयारी करवाती है।

हानियां:

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम के कुछ नुकसान भी हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • अन्य विषयों की उपेक्षा:

    अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम अन्य विषयों को नजरअंदाज कर सकती है, जिससे छात्रों का समग्र विकास प्रभावित हो सकता है।

  • लचीलापन कम:

    यह पाठ्यक्रम अक्सर कठोर और लचीली नहीं होती है, जिससे छात्रों की व्यक्तिगत रुचियों और क्षमताओं के अनुरूप सीखने में बाधा आ सकती है।

  • अतिरिक्त दबाव:

    इस पाठ्यक्रम से छात्रों पर परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ सकता है, जो उनके तनाव को बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष:

अनुशासन-केंद्रित पाठ्यक्रम एक विशिष्ट विषय में गहन ज्ञान और कौशल प्रदान करने में प्रभावी हो सकती है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इस पाठ्यक्रम के लाभ और कमियों को ध्यान में रखा जाए और इसे अन्य संतुलित विषयों के साथ जोड़ा जाए ताकि छा

Also Read:  स्कूली विषयों में ज्ञान के स्वरूप | Forms of Knowledge in School Subjects B.Ed Notes

Leave a comment